महानिदेशक ने किया राजकीय अस्पताल का औचक निरीक्षण
बदहाल शौचालय एवं गंदगी देख जताई नाराजगी, व्यवस्थायें सुधारने के दिये निर्देश
काशीपुर। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट ने काशीपुर पहुंचकर राजकीय चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में पसरी गंदगी तथा अव्यवस्थाओं पर वह असंतुष्ट नजर आई। कैंटीन की व्यवस्था को उन्होंने सराहा और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट सुबह औचक निरीक्षण के लिए राजकीय चिकित्सालय पहुंची। यहां उन्होंने महिला व पुरुष वार्ड में भर्ती रोगियों से मिलकर सुविधाओं का हाल जाना। उन्होंने आयुष्मान कार्ड के बारे में भी रोगियों से बारीकी से पूछताछ की। इसके बाद डीजी हेल्थ ने ऑपरेशन थिएटर, कैंटीन, ट्रामा सेंटर, एक्सरे, अल्ट्रा साउंड, पैथोलॉजी, नेत्र विभाग, डॉट्स, प्रयोगशाला, इमरजेंसी, लेबर रूम, दवा वितरणकक्ष, ब्लड बैंक, ओपीडी, आवासीय परिसर, अस्थि विभाग आदि का गहन निरीक्षण किया। अस्पताल के शौचालय में गंदगी एवं टूट-फूट देख महानिदेशक डॉ शैलजा भट्ट खासा असंतुष्ट नजर आई। उन्होंने कार्यवाहक सीएमएस को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। कैंटीन में निरीक्षण के दौरान डॉक्टर शैलजा भट्ट ने वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वह रोगियों के लिए दिए जा रहे खान-पान से काफी संतुष्ट नजर आई। स्वास्थ्य महानिदेशक को जब अस्पताल में चल रहे गोलमाल का पता चला तो वह इस पर काफी गंभीर नजर आई उन्होंने कहा कि अस्पताल की ओपीडी से यदि किसी भी रोगी को महंगी जांच अथवा दवाओं के लिए बाहर के पैथोलॉजी या फिर किसी मेडिकल स्टोर पर भेजा जाता है तो इसके लिए सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि होम्योपैथिक विभाग से रोगियों को एक प्राइवेट पैथोलॉजी में भेजे जाने का मामला उनके संज्ञान में है इस पर वह अति शीघ्र एक्शन लेंगी। निरीक्षण के दौरान महानिदेशक के साथ एसीएमओ, के अलावा डॉ अमरजीत सिंह साहनी, डॉक्टर प्रियंक चौहान, डॉ राजीव चौहान समेत अस्पताल के सभी चिकित्सक व स्टाफ मौजूद रहे।
राम भरोसे चल रहा है ओएसटी केंद्र, हंगामा
काशीपुर। स्वास्थ्य महा निदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट सुबह निरीक्षण के लिए जैसे ही राजकीय चिकित्सालय पहुंची वहां ओएसटी केंद्र के बाहर दर्जनों की तादाद में खड़े नशेड़ियों ने उन्हें घेर लिया। नशे से मुक्ति के लिए अस्पताल आने वाले नशेड़ियों ने महानिदेशक को बताया कि उन्हें लगभग एक माह से ओएसटी केंद्र से दवाई नहीं मिल रही है। दवा के लिए उन्हें एमपी चौक के करीब स्थित एक मेडिकल पर भेजा जा रहा है। जहां 55 रुपए की एक गोली मिलती है। नशे के आदी हो चुके लोगों का कहना था कि वह 55 रुपए की गोली खरीदकर अपना उपचार करें अथवा परिवार का भरण पोषण करें। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को उन्होंने खुद पर बड़ा संकट बताया। उधर दूसरी ओर इन दिनों ओएसटी केंद्र का चार्ज जिस चिकित्सक पर है वह कभी ओएसटी केंद्र में नजर नहीं आते। सूत्रों का कहना है कि जिस चिकित्सक के पास ओएसटी केंद्र का प्रभार है वह ओपीडी में बैठकर रोगियों को महंगी जांच व दवाओं के लिए बाहर के पैथोलॉजी लैब में भेजकर मोटी रकम के रूप में चांदी काटने का काम कर रहे हैं।