कांग्रेसियों ने जयंती और पुण्य तिथि पर पं.एनडी तिवारी को किया नमन

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रूद्रपुर/किच्छा। पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी की जयंती और पुण्य तिथि पर आज जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पंडित तिवारी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान सिडकुल का नाम पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम पर रखने की घोषणा पर कांग्रेसियों ने हर्ष भी व्यक्त किया।कांग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा के नेतृत्व में जुटे कांग्रेसियों ने जन्म दिन और पुण्य तिथि पर पंडित तिवारी को नमन किया और उनके द्वारा कराये गये विकास कार्यो को भी याद किया। इस अवसर पर कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में पंडित तिवारी ने जो योगदार दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। आज सिडकुल में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जो आर्थिक लाभ मिल रहा है उसका श्रेय पंडित तिवारी को ही जाता है। विशेष रूप से तराई के औद्योगिक विकास मंे पंडित तिवारी की अहम भूमिका रही है। श्री गावा ने कहा कि पंडित तिवारी द्वारा जारी विकास यात्रा अनवरत रूप से चलती रहनी चाहिए और हमें उनकी सबको साथ लेकर चलने वाली परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। श्री गावा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 नारायण दत्त तिवारी को देवभूमि उत्तराखण्ड की नींव रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था तथा उनके द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की जो मजबूत नीव रखी गई उस पर आज एक इमारत खड़ी हो पाई है। उन्होंने कहा नारायण दत्त तिवारी जी के मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य में विभागों का ढांचा तैयार कर विकास की बुनियाद डाली तथा 900 करोड़ की वार्षिक योजना का आकार बढ़ाकर 5000 करोड़ तक पहुंचाया। श्री गावा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा एनडी तिवारी के नाम पर सिडकुल का नाम रखने की घोषणा पर हर्ष व्यक्त करते हुए सीएम का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि विकास पुरूष पंडित नारायण दत्त तिवारी ने दलगत भावना से उपर उठकर हमेशा प्रदेश के विकास के लिए काम किया। इसी लिए कांग्रेस ही नहीं बल्कि अन्य दलों के लोग भी उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। कांग्रेस कामगार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सीपी शर्मा ने कहा कि पंडित एनडी तिवारी ने उत्तराखण्ड को देश ही नहीं बल्कि विश्व में नई पहचान दिलाई। उनके प्रयासों से ही सिडकुल विकसित हुआ। उन्होंने राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित कर राज्य के बेरोजगार नवयुवकों के लिए रोजगार सृजन करने का काम किया। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में टिहरी बांध, मनेरी भाली, धौली गंगा जल विद्युत परियोजनाओं का काम पूरा कर राज्य को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मंे आत्म निर्भर करने का काम किया। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन कर एलटी के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया। स्व0 नारायण दत्त तिवारी ने केन्द्रीय मंत्रिमण्डल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में देशवासियों को जो सेवायें दी हैं उनके लिए उन्हें सदैव याद किया जाता रहेगा। कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हरीश पनेरू ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय राजनीति में दशकों तक पहाड़ का प्रतिनिधित्व करने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विकास पुरुष पंडित नारायण दत्त तिवारी ने उत्तराखंड को उंचाईयों तक ले जाने का काम किया। यहां की जनता उन्हें कभी भुला नहीं सकती है पंडित नारायण दत्त तिवारी को विकास पुरुष ऐसे ही नहीं कहा जाता है । तिवारी जैसा व्यक्तित्व अब शायद ही कोई होगा। उनके द्वारा किए गए विकास कार्य अनुकरणीय हैं। उत्तराखंड में औद्योगिक विकास उन्हीं की देन है। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रभारी शिल्पी अरोरा,प्रदेश महामंत्री हरीश पनेरू,कामगार प्रदेश अध्यक्ष सी.पी.शर्मा, निगम पार्षद मोहन खेड़ा, जिला महामंत्री पवन वर्मा, पुरुषोत्तम अरोरा,अंशुल वर्मा,पूर्व जिला महामंत्री ज्ञान प्रकाश दुबे, कामेश्वर सिंह जेटली सहित तमाम कांग्रेसी मौजूद थे। किच्छा- स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी की पुण्य तिथि पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने उन्हे याद करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलते हुए प्रदेश को विकास की दिशा में ले जाने का आव्हान किया। इस मौके पर कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा सरकार पर तंज करते हुए कहा कि सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत तथा सांसद भगत सिंह कोश्यारी द्वारा कुमाऊं विश्वविद्यालय का नाम स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी विश्वविद्यालय रखने की भावना प्रकट की थी परन्तु अभी तक उत्तराखंड सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। जब गढ़वाल विश्वविद्यालय विद्यालय का नाम स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय रखा गया है तो निश्चित तौर पर उत्तराखंड के तीन महान विभूतियों के नाम पर विश्वविद्यालय के नाम किये जाने को पूरा किया जाना चाहिए।

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