लखीमपुर खीरी की बर्बर घटना बीजेपी की मानसिकता: सोनिया
कांग्रेस में अगले साल हो सकता है नये अध्यक्ष का चुनाव
नई दिल्ली(दर्पण ब्यूरो)। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में लंबे वक्त के बाद शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को भी घेरा। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बीजेपी की मानसिकता को दिखाती है कि वो किस तरह किसान आंदोलन को देखती है। तीनों काले कानून के खिलाफ किसान अपनी रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन सरकार को उसकी चिंता नहीं है। इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए। सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर दो साल से केंद्र शासित प्रदेश रहा है। यहां हो रहे बर्बर अपराधों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। वहीं, विदेश नीति चुनावी लामबंदी और ध्रुवीकरण का हथियार बन गई है। अर्थव्यवस्था पर उन्होंने कहा कि सरकारी प्रचार के बावजूद अर्थव्यवस्था अभी भी बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है। ऐसा लगता है कि सरकार के पास आर्थिक सुधार के लिए एक ही जवाब है कि दशकों में तैयार हुई राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचो। बैठक में एक तरफ जहां पार्टी की रणनीति और संगठन को लेकर चर्चा की गई वहीं सोनिया गांधी ने आलोचनाओं का जवाब दिया है। सोनिया ने कहा कि हमने कभी भी सार्वजनिक महत्व और चिंता के मुद्दों को बिना सोचे-समझे नहीं जाने दिया, लेकिन मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी का ये बयान पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 को करारा जवाब है। दरअसल, कुछ ही दिन पहले कपिल सिब्बल ने प्रेस काॅन्Úेंस के जरिए कहा था कि कांग्रेस के फैसले कौन लेता है, ये उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। वहीं, संगठन के चुनाव पर सोनिया ने साफ कहा कि पूर्ण संगठनात्मक चुनावों का कार्यक्रम आपके सामने है। 30 जून 2021 को चुनावी रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं हो पाया। आप सभी इसे तय करें, पार्टी में किसी एक मर्जी नहीं चलेगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अगले साल सितंबर में हो सकता है।