उत्तराखंड में चारधाम यात्रा प्रारंभः दर्शन से पहले यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य,मूर्तियों और घंटियों को छूने, तप्त कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध
देहरादून (दर्पण ब्यूरो)। कोरोना महामारी का प्रकोप थमने के बाद उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश पर शनिवार से चार धाम यात्रा शुरू कर दी है। चारधाम यात्रा के लिए शासन ने शुक्रवार देर शाम मानक प्रचालन कार्यविधि ;एसओपीद्ध जारी कर दी। आयुक्त गढ़वाल एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रविनाथ रमन ने मानक प्रचालन प्रक्रिया ; एसओपीद्ध जारी करते हुए बताया कि शासन द्वारा जारी एसओपी का पूर्ण अनुपालन किया जायेगा। एसओपी में कई महत्त्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है। जिसमें कहा गया है कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय/ निर्दश एवं शासन द्वारा जारी एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। कोरोना बचाव मानको, सामाजिक दूरी, मास्क, सेनिटाईज तथा थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया है। न्यायालय के निर्देशों के आलोक में चारों धामों में से श्री बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 1000, श्री केदारनाथ हेतु 800; आठ सौद्ध, श्री गंगोत्री हेतु 600, यमुनोत्री धाम हेतु 400 श्रृद्धालु दर्शन हेतु पहुंच सकेंगे।देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि इस यात्रा वर्ष श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई, श्री यमुनोत्री धाम के 14 मई,श्री गंगोत्री के धाम के 15 मई को खुले। अभी भी चारधाम यात्रा हेतु डेढ़ से दो महीने का समय शेष है। चारधाम यात्रा शुरू होते ही तीर्थ यात्राी पंच बदरी तथा पंच केदारों में द्वितीय केदार श्री मप्रहेश्वर जी, तृतीय केदार तुंगनाथ एवं चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ यात्रा हेतु भी पहुंचेगे। कोरोना महामारी को देखते हुए उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अभी तक चारधाम यात्रा स्थगित रही इस दौरान चारधाम यात्रा शुरू करने हेतु राज्य सरकार एवं देवस्थानम बोर्ड की पहल पर उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा की अनुमति दे दी। अभी चारधाम यात्रा नवंबर मध्य तक चलेगी। जिसका आम जनमानस द्वारा स्वागत किया जा रहा है। परिवहन विभाग ने ऋषिकेश बदरीनाथ और द्धषिकेश गंगोत्री हाईवे पर अस्थाई चेक पोस्ट स्थापित कर कर्मचारियों की तैनाती कर दी है। विभाग की ओर से हेल्प डेस्क सेंटर की स्थापना भी की जा रही है। चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी आरटीओ डीसी पठौई ने चार धाम यात्रा के दृष्टिगत शनिवार से ही गंगोत्री रोड पर भद्रकाली और बदरीनाथ रोड पर तपोवन ब्रह्मपुरी में आस्थाई चेक पोस्ट स्थापित करने के निर्देश दिए थे। शनिवार सुबह छह बजे दोनों ही स्थान पर चेक पोस्ट खोल दी गई है। इसके लिए विभाग ने अलग से कार्मिकों की तैनाती की गई है। परिवहन विभाग ऋषिकेश में ही यात्रियों के लिए हेल्प डेस्क सेंटर खोलने जा रहा है। चेक पोस्ट और हेल्प डेस्क सेंटर का प्रभारी एआरटीओ प्रवर्तन पंकज कुमार श्रीवास्तव को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग की टीम शनिवार सुबह छह बजे से ही सक्रिय हो गई है। यात्रा पर जाने वाले सभी वाहनों का ग्रीन कार्ड भी आनलाइन बनेगा। उल्लेखनीय है कि कोविड काल में चारधाम यात्रा बंद होने से हरिद्वार से लेकर चारधाम यात्रा मार्ग के छोटे व्यवसायियों की आर्थिक चिंता व आजीविका पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रा पर लगी रोक हटाई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि फूल वाले, रेहड़ी वाले व यात्रा वाले जिलों के व्यवसायियों, तीर्थपुरोहितों व स्थानीय लोगों की आजीविका पर गहराए संकट से हम वाकिफ है। इसलिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ यात्रा शुरू कराने की अनुमति दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य व स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम करने होंगे। दरअसल, जून में हाई कोर्ट ने कोविड से संबंधित पीआइएल पर सुनवाई करते हुए यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी। सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की लेकिन सुनवाई ही नहीं हो सकी तो सरकार ने उसे वापस ले लिया और हाई कोर्ट में ही पुनर्विचार का निर्णय लिया। कोर्ट में सुनवाई का दिन तय होने के बाद सरकार की ओर से इस बार पूरा होमवर्क किया गया, जिसके बाद विस्तृत हलफनामा तैयार कर कोर्ट में दाखिल किया गया। हलफनामा में चारधाम से संबंधित जानकारी, सुविधाओं व भावी प्लान के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत खुद अपनी टीम के साथ देहरादून गए। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएल बाबुलकर व सीएससी रावत ने दमदार तरीके से पैरवी की। याचिकाकर्ता दून के रवींद्र जुगरान, अनू पंत व डीके जोशी के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने भी कहा कि यात्रा पर लगी रोक हटाने को लेकर वह भी पूरी तरह सहमत हैं। सरकार के हलफनामे के अनुसार, 2017 में 2192647, 2018 में 2622325, 2019 में 3169902 और मई 2020 तक तीन लाख 21 हजार तीर्थयात्रियों ने चारधाम यात्रा की। सरकार के अनुमान के अनुसार अनुमति वाली समयावधि में करीब डेढ़ लाख यात्रियों के आने का अनुमान है। सरकार ने बताया कि 45 साल से अधिक आयु वर्ग के चमोली में 109112, रुद्रप्रयाग में 67561 व उत्तरकाशी में 86085 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज व दूसरी डोज क्रमशः 81 प्रतिशत, 59.09 प्रतिशत व 74 प्रतिशत को दूसरी डोज लगा दी गई है, जबकि 18 से 44 साल तक आयु वर्ग में चमोली में 84.9 प्रतिशत, रुद्रप्रयाग में 89.2 प्रतिशत व उत्तरकाशी में 87.6 को पहली डोज व 16.9 प्रतिशत, 22.6 प्रतिशत व 19.3 फीसद को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। सरकार ने यह भी बताया कि कोविड महामारी के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है। एनएचएम के अंतर्गत 655 नर्सेज, 285 एएनएम, 369 एनएनएम की एनएचएम के अंतर्गत, 108 लैब टैक्नीशियन की नियुक्ति तथा पर्याप्त एंबुलेंस उपलब्ध हैं।
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर यात्रा के लिए तैयारियां पूरी : रविनाथ रमन
देहरादून। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि सरकार की ओर यात्रा के लिए तैयारियां पूरी है। कोविड संक्रमण को देखते हुए चारधामों में दर्शन करने वाले यात्राी प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे। साथ ही मंदिरों में यात्रियों को तिलक भी नहीं लगेगा। प्रत्येक तीर्थयात्रियों को पंजीकरण/यात्रा ई -पास हेतु देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट ूूू.कमअंेजींदंउ.ना.हवअ.पद पर अपनी आईडी प्रुफ एवं कोविड नैगटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। बच्चों एवं बीमार, एवं अति बृद्ध जो बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें यात्रा हेतु अनुमति नहीं हैं। मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश करेंगे।सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन करेंगे।मंदिर में मूर्तियों को छूना, किसी तरह लेपन, घंटियों को स्पर्श करना की मनाही रहेगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि तीर्थ यात्राी देवस्थानमों की पूजाओ में सामाजिक दूरी के साथ शामिल होंगे लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भ गृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।किसी भी सहायता एवं मार्गदर्शन हेतु देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मंदिर परिसर में दिन में तीन बार सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की जाएगी। मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग की निगरानी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। प्रत्येक धाम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और एसडीएम की होगी। चारधाम यात्रा के लिए डीआईजी नीरू गर्ग ने रेंज के सभी एसएसपी, एसपी को वीडियो काॅन्Úेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और देवस्थानम बोर्ड पंजीकरण किए बिना यात्रा पर न जाने दिया जाए। चेकिंग के लिए सभी स्थानों पर चैकपोस्ट बनाकर उनमें पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी जनपदों में यात्रा के लिए सीओ को नोडल अधिकारी बनाया है।डीआईजी ने यात्रा के दौरान शासन-प्रशासन और हाईकोर्ट की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन करने और इस संबंध में यात्रियों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों को चार धाम यात्रा के लिए अनुमन्य न किया जाए। यात्रा आरंभ में ही हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती, लक्ष्मणझूला आदि स्थानों पर फ्रलैक्स आदि के जरिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। टिहरी में भद्रकाली, तपोवन, सुवाखोली, कैम्पटी, पौटी में कोटद्वार, श्रीनगर में सघन चेकिंग किया जाए। इस दौरान उन्होंने जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री में सीओ बड़कोट गंगोत्री में सीओ उत्तरकाशी, केदारनाथ में सीओ गुप्तकाशी व बदरीनाथ में सीओ चमोली को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।नोडल अधिकारी जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। वीडियो काॅन्Úेंसिंग में एसएसपी देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली आदि मौजूद रहे।