पंजाब से बड़ी खबरः कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा

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नए सीएम के लिये पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नाम आगे
चंडीगढ़। पंजाब की कांग्रेस सरकार में सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के 40 विधायकों के मोर्चा खोलने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनके मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा सौंप दिया। वह 20 विधायकों और अधिकतर पंजाब के सांसदों के साथ राजभवन पहुंचे हैं। इसके बाद राजभवन के बाहर से मीडिया को संबोधित करते हुए कैप्टन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में तीसरी बार यह हुआ है। इससे वह अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुबह ही इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था और इसकी जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी दे दी थी। इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, जिस पर आलाकमान को भरोसा है, उसे पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाए। मुझे ऐसा लगा कि उन्हें मुझपर भरोसा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अभी कांग्रेस में ही हैं और भविष्य में समय आने पर फैसला लेंगे। उधर, कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के विधायक दलों की बैठक होगी और माना जा रहा है कि उसमें नए विधायक दल के नेता का चुनाव किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पंजाब के कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश रावत चंढीगढ़ पहुंच गये हैं। आपसी खींचतान के बीच कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने को तैयार हो गया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने को कहा। आज शाम कांग्रेस विधयक दल की बैठक में नए सीएम के बारे में फैसला होने की संभावना है। नए सीएम के तौर पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नाम आगे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन करके कहा है कि उन्हें इस तरह की ह्यूमिलेशन बर्दाश्त नहीं है। अगर आज यह क्लेश खत्म नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। आज सुबह से ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की टीम अपने समर्थक विधायकों को फोन करके इस मीटिंग में आने के लिए कह रह थी लेकिन हाई कमान का रुख देखते हुए विधायकों ने बैठक में आने को लेकर बहानेबाजी शुरू कर दी। सभी विधायक कह रहे हैं कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यस्त हैं। इसे देखते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी बैठक को रद कर दिया। अब पंजाब में विधानसभा चुनाव को मात्र छह महीने का ही समय बचा है। ऐसे में अब भाजपा की तर्ज पर आगामी विस चुनाव से पहले कांग्रेस पंजाब की कमान नये नेता को सौंपने की रणनीति बनाने में जुट गई है।

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