‘अध्यादेश’ के सहारे वोट बैंक बचाने की कोशिश

भाजपा सरकार ने मलिन बस्ती के लोगों को दी राहत,कांग्रेस ने की मालिकाना हक देने की मांग

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रूद्रपुर। प्रदेश भर में जगह जगह चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से चौतरफा आलोचनाएं झेल रही प्रदेश की भाजपा सरकार ने अब इस अभियान से वोट बैंक को हो रहे नुकसान को बचाने के लिए आखिरकार अध्यादेश का सहारा लिया है। सरकार ने अध्यादेश को मंजूरी देकर मलिन बस्तियों में र हने वाले करीब 15लाख लोगों को तीन साल के लिए राहत दे दी है। इससे पार्टी को आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव में होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश में देहरादून, रूद्रपुर, खटीमा, नानकमत्ता सहित कई स्थानों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान जोर शोर से चल रहा है। इस अभियान के तहत अब तक हजारों भवन जमींदोज हो चुके हैं। इससे सरकार के खिलाफ लगातार माहौल बनता जा रहा है। दुकानें टूटने से सैकड़ों व्यापारियों का कारोबार पूरी तरह छिन गया है। वहीं अभियान से बाजारों में कारोबार भी पूरी तरह चौपट है। जहां जहां भी अतिक्रमण हट रहा है वहां बाजारों से रौनक गायब है। व्यापारी सरकार को कोस रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर अब मलिन बस्तियों को भी उजाड़ने की तैयारी की जा रही थी। जिन मलिन बस्तियों को उजाड़ा जाना था उसकी जद में 582 मलिन बस्तियां आ रही हैं। अगर इन बस्तियों को उजाड़ा जाता तो करीब 15लाख लोगों का इससे प्रभावित होना तय था। मलिन बस्तियों को तोड़े जाने के आदेश से मलिन बस्तियों में निवास कर रहे लोगों में हड़कम्प मचा हुआ था। वहीं इससे भाजपा को आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव में इसका बड़ा नुकसान होने की संभावना बन रही थी। इसे लेकर भाजपा सरकार की भी नींद उड़ गयी थी। विपक्ष इस मामले में सरकार के खिलाफ खुलकर हमलावर हो गया था। वहीं कांग्रेस के साथ इस मामले में कई संगठन और मलिन बस्तियों के लोग भी एकजुट होकर विरोध जता रहे थे। लगातार हो रही आलोचना को देखते हुए अब सरकार ने इसका तोड़ निकाल लिया है। अतिक्रमण विरोधी अभियान के सियासी असर से बचने के लिए और मलिन बस्तियों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘उत्तराखंड नगर निकाय एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्राविधान अध्यादेश-2018’ लाने का फैसला लिया है। इस अध्यादेश के लागू होने के तीन साल तक यथास्थिति बनी रहेगी। यानि तीन साल तक नजूल बस्तियों पर कोई आंच नहीं आएगी। यह अधयादेश 11 मार्च 2016 के बाद के अतिक्रमण व निर्माण आदि पर लागू नहीं होगा। यानी केवल पुरानी मलिन बस्तियों पर ही लागू होगा। मलिन बस्तीवासियों पर कोई सिविल या फौजदारी मामला दर्ज नहीं होगा। सरकार यह भी कोशिश करेगी कि मलिन बस्तीवासियों को प्रधाानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाए। इस अध्यादेश से मलिन बस्तियों को दिए गए नोटिस पर कार्रवाई पर तीन साल तक के लिए रोक लग गई है।

अध्यादेश का विरोध करेगी कांग्रेस, मालिकाना हक देने की मांग
देहरादून। मलिन बस्तिवासियों को उजाड़ने से बचाने के लिये त्रिवेंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे अध्यादेश को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसका विरोधा करते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि पिछली कांग्रेस सरकार के बनाये हुए कानून को खुर्दबुर्द कर दिया है। कांग्रेस सरकार की नीति को पलटकर भाजपा सरकार गरीब परिवारों को मालिकाना हक देने से वंचित कर रही है। पूर्व सरकार में मलिन बस्ती पुर्नवास समिति के अध्यक्ष व राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए सरकार जो अध्यादेश ला रही है उसका विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कानून विद्यमान है तो सरकार उसका संज्ञान क्यों नहीं ले रही है। जिनके पास अपनी जमीन व घर है तो वह फ्रलैट में क्यों रहेगा। प्रदेश सरकार की इस जनविरोधी नीति के खिलाफ 28 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास कूच किया जायेगा । पूर्व विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीति के खिलाफ 28 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास कूच किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार अध्यादेश लाने की बात करती आ रही है और इस अधयादेश के जरिए दो वर्ष का समय लेने की बात करती है। इससे उनका भला नहीं होने वाला।

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