खटीमा से किच्छा तक कार्यकर्ताओं का सैलाब उमड़ने से कांग्रेसी गदगद

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खटीमा। कांग्रेस चुनाव संचालित समिति के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत परिर्वतन रैली के माध्यम से एक तीर से दो निशान लगाने में कामयाब रहें। रैली में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष व कार्यकारी अध्यक्ष की मौजूदगी में हरदा ही छाये रहें और खटीमा, नानकमत्ता, सितारगंज विधानसभा के कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा भर गये। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। जिसकी शुरूआत खटीमा से परिवर्तन रैली से की गई। खटीमा से शुरू परिवर्तन रैली ने कांग्रेस में नई जान पूफंक दी है। तीनों विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देख रही कांग्रेेस अब नए जोश में है। हरदा ने प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल,नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रभारी देवेन्द्र यादव को भी तराई में अपनी ताकत का एहसास करा दिया। खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद खटीमा सीट भी चर्चा में आ गई है। इसी लिहाज से यहां से कांग्रेस भी मजबूती से चुनाव लड़ना चाहती है। कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी ने पिछले चुनाव में धामी को कड़ी टक्कर दी थी। कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद खटीमा में दूसरा कांग्रेस का बड़ा कार्यक्रम है। जिससें काग्रेस के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। कांग्रेस की परिर्वतन रैली में खटीमा से लेकर सितागरंज तक कार्यकर्ताओ ंने जिस जोश खरोश के साथ पार्टी नेताओं का स्वागत किया उससे कांग्रेस के दावेदार भी गदगद है। नानकमत्ता विधानसभा में काग्रेंस के दावेदार गोपाल राणा पूर्व विधायक खटीमा, अशोक राणा, जिला पंचायत सदस्य पवन राणा अपने समर्थकों के साथ लेकर अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया। इसी तरह सितागरंज में भी दावेदार नाराण पाल, नवतेज पाल, अनवार अहमद,मालती विश्वास अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे, जिससें कांग्रेस के नेताओं के सामने उनकी दावेदारी पक्की हो सकें। हालांकी जैसा हरीश रावत के बयान से सामने आया है कि जिताऊ प्रत्याशी कांग्रेस मैदान में उतारेगी, उससे साफ है कि कांग्रेस इस चुनाव में हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। परिर्वतन रैली के बहाने पूर्व सीएम हरीश रावत दावेदारों की नब्ज टटोल गए। खटीमा सीट पर भुवन कापड़ी का नाम फाईनल बताया जा रहा है लेकिन नानकमत्ता ,खटीमा सितारगंज सीट पर दावेदारों की संख्या अधिक है। नानकमत्ता से गोपाल राणा के साथ अशोक राणा, पवन राणा तो सितारगंज से पूर्व विधायक नारायण पाल, नवतेज पाल, मालती विश्वास, अनवार अहमद शामिल है। वहीं सितागरंज विधानसभा में काग्रेंस के टिकट को लेकर घमासान है , सितागरंज विधानसभा में आधा दर्जन से अधिक दावेदार है, विधानसभा में काग्रेंस जातिगण समीकरण के आधार प्रत्याशी उतारना चाहती है। नारायण पाल दो बार विधायक रह चुके है जिससें उनकी दावेदारी पक्की मानी जा रही है कांग्रेस की इस सीट पर मुस्लिम , किसान,और बंगाली वोटर पर नजर है।

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