कारगिल दिवस: देश की रक्षा के लिये सबसे आगे खड़े होते है उत्तराखंड के वीर
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र संह रावत ने शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित
देहरादून। शौर्य दिवस पर प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया गया। साथ ही उनकी वीरता से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया गया। देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक के निकट आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि युद्धों के इतिहास में कारगिल युद्ध एक विषम तरह का युद्ध था। जहां सैनिकों ने अपनी बुद्धिमता व अदम्य साहस का परिचय दिया। यह एक ऐसा युद्ध था जहां हमने अपनी एक इंच भी जमीन नहीं ऽोई। उन्होंने कहा कि शहीदों के ऽून के एक एक कतरे का बदला लिया गया। जब भी कारगिल की बात होगी अटल जी याद आएंगे। वह आज गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं और उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों का हर विषय भावनाओं से जुडा है। ऐसे में मैने कहा है कि कोई भी सैनिक कभी अपनी समस्या लेकर आए तो उसे रोके नहीं। सीएम ने कहा कि सीमित संसाधनों में भी हम अधिकतम करने का प्रयास कर रहे हैं। अगले साल से हर स्कूल में शौर्य दिवस पर कार्यक्रम होंगे। भावी पीढ़ी को कारगिल शहीदों के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली दफा से यह कार्यक्रम और भव्य व सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित किया जाएगा। इस बावत सैनिक कल्याण निदेशालय को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। ले जनरल (सेनि) ओपी कौशिक ने कहा कि सुऽद बात है कि मौसम ऽराब होने के बावजूद भारी संख्या में लोग यहां कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। कारगिल में शहादत देने वालों में सात में एक सैनिक उत्तराऽंड से था। उन्होंने कहा कि जब कभी देश को जरूरत पड़ी उत्तराऽंड के वीर अग्रिम पंत्तिफ़ में ऽडे दिऽाई दिए। जनरल कौशिक ने सैनिक को शिव की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि एक सैनिक हर विषम परिस्थिति में देश की हिफाजत करता है। मसूरी विधायक गणेश जोशी ने सैनिकों के कल्याण के लिये सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते मुख्यमंत्री ने सैनिकों के लिए रऽी किसी मांग को नहीं नकारा। ब्रिगेडियर (सेनि) केजी बहल ने वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने, दूरस्थ क्षेत्रें के पूर्व सैनिकों के ईसीएचएस कार्ड बनाने की व्यवस्था सरल करने की मांग की। सीएसडी कैंटीन में समान में कटौती व लिक्कर पर भारी भरकम एक्साइज डड्ढूटी पर उन्होंने नाराजगी जताई।