पालिका प्रशासन के खिलाफ भड़के व्यापारी: अवैध वसूली का आरोप,थाने में दिया धरना

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गदरपुर। पंजीकृत बैनामे वाली दुकानों पर निर्माण कार्य के एवज में पालिका प्रशासन द्वारा की गई धनराशि की मांग और अभद्र व्यवहार किए जाने के मामले में पीड़ित दुकानदारों के परिजनों ने व्यापारियों के साथ थाना गदरपुर में दरी बिछाकर धरना दिया और मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। जानकारी के मुताबिक वार्ड नंबर 10 गदरपुर निवासी श्रीमती चंद्रकांता पत्नी वीरेंद्र मुंजाल कुलवंत नगर निवासी सुमन वाला पत्नी इंद्रजीत एवं वार्ड नंबर 8 गदरपुर निवासी शमीमा परवीन पत्नी जरीफ अहमद ने बीती 3 जून को पुलिस को सौंप दी तहरीर में बताया कि उनके नाम की 3 दुकानें राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर स्थित हैं। उनका कहना था कि उपरोत्तफ दुकान उनके द्वारा पंजीकृत बैनामें के आधार पर वर्ष 2019 में क्रय की गई थी, जिसका बैनामा 16 अप्रैल 2019 को सब रजिस्टर कार्यालय बाजपुर में दर्ज हुआ था। दुकानों के जीर्णशीर्ण होने पर उनके पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा था। 1 जून को पालिका के दो कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे एवं शाम 4 बजे निर्माण स्थल पर पहुंचकर निर्माण रोकने को कहा जिसका कारण पूछने पर उन्होंने अधिशासी अधिकारी और पालिकाध्यक्ष से वार्ता करने के लिए कहा जिसको उनके द्वारा जरूरी ना समझने पर निर्माण कार्य जारी रखा तो पालिका कर्मचारियों द्वारा 2 जून को पुनः निर्माण स्थल पर आकर अभद्र व्यवहार पर गाली गलौज करते हुए उनके परिवार के सुल्तान, शैंकी एवं पंकज गगनेजा से निर्माण रोकने को कहा और 5 लाख रुपये दिए जाने पर ही कार्य कराने की बात कही लेकिन उन्होंने सभी वैधानिक कागजात एवं मालिकाना हक होने की बात कही तो उन्होंने इसका खामियाजा भुगतने की धमकी दी। पालिका प्रशासन द्वारा दी जा रही धमकी पर पीड़ित दुकानदारों द्वारा पुलिस को तहरीर सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई थी जिस पर कोई तवज्जो ना दिखाए जाने से नाराज पीड़ित दुकानदारों के परिजनों एवं व्यापारियों द्वारा थाना परिसर में दरी बिछाकर धरना शुरू कर दिया गया। इस वार्ड नंबर 5 के सभासद परमजीत सिंह पम्मा एवं वार्ड नंबर 6 के सभासद मनोज गुम्बर द्वारा पालिका प्रशासन पर वित्तीय अनियमितता करने के गंभीर आरोप लगाए गए और उनकी जांच कर कार्यवाही की मांग की। धरने पर बैठे दुकानदारों के पक्ष में भाजपा, कांग्रेस एवं अन्य सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों सेे जुड़े प्रतिनिधियों द्वारा भी अपना समर्थन दिया गया। तहरीर के आधार पर मुकदमा न लिखे से नाराज लोगों ने पुलिस प्रशासन पर सत्ता के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। थानाध्यक्ष सतीश सिंह कापड़ी के लाख समझाने बुझाने के बाद भी लोगों ने धरना जारी रखा। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर केलाखेड़ा और दिनेशपुर से पुलिस फोर्स के अलावा भारी संख्या में पीएसी के जवानों को भी गदरपुर तलब किया गया। पुलिस फोर्स ने थाना परिसर में धरना दे रहे लोगों को शांति पूर्वक अपनी बात कहने की बात कही और थाने में मौजूद भीड़ को तितर-बितर कर थाना गेट से बाहर करा दिया। अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर प्रमोद कुमार एवं पुलिस क्षेात्राधिकारी वंदना वर्मा ने धरने पर बैठे लोगों की बात को सुना मामले की जांच कर कार्रवाई हेतु 4 दिन की अवधि मांगी जिस पर धरना दे रहे लोगों ने सहमति व्यत्तफ करते हुए धरना समाप्त कर दिया। इस दौरान व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़, महामंात्री संदीप चावला, कोषाध्यक्ष राहुल अनेजा, युवा व्यापार मंडल अध्यक्ष लवली गुड़िया, हरीश मुंजाल, रविन्द्र बजाज, सिद्धार्थ भुसरी, सुल्तान अहमद, अभिषेक गुम्बर, राजू पपोला, मनमोहन वर्मा, संतोष गुप्ता एडवोकेट, जफर अहमद, कृष्ण लाल सुधा, नवीन खेड़ा, कृष्ण लाल अनेजा, विजय सरदाना, अजय गाबा, भीमसेन ठुकराल, मोहम्मद हारिष, मोहम्मद आलम, अनिल गगनेजा, टीकम खेडा, पंकज गगनेजा, सुरेश खुराना, निपुण गगनेजा, मनोज रघुवंशी, गोपाल सिंह, चैधरी विनोद सिंह फोगाट, सक्षम ग्रोवर, विकास पपनेजा एवं लविश ग्रोवर सहित भारी संख्या में व्यापारी मौजूद थे।

 

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