स्मैक के साथ गिरफ्तार आरोपी की हल्द्वानी में मौत
दो दिन पहले लाखों की स्मैक के साथ हुआ था गिरफ्तार, जेल में हालत बिगड़ने के बाद कराया था एसटीएच भर्ती
काशीपुर। एनडीपीएस मामले में 2 दिन पूर्व कोतवाली पुलिस द्वारा हल्द्वानी जेल भेजे गए अभियुक्त की एसटीएच में उपचार के दौरान आज सुबह मृत्यु हो गयी। मामले की पुष्टि करते हुए प्रभारी निरीक्षक गोविंद बल्लभ जोशी ने इस बात की तस्दीक की। कोतवाल ने बताया कि मोती मस्जिद, आसिया बिल्डिंग, मोहल्ला अल्ली खां निवासी 37 वर्षीय शहादत अली पुत्र मोब्बे अली बीते 26 मई की शाम हल्द्वानी उपकारागर पहुंचा था। 27 मई की शाम उसकी हालत अत्यधिक बिगड़ने पर उसे ईलाज के लिए बेस चिकित्सालय ले जाया गया। जहां से उसे चिकित्सकों ने सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया। कोतवाल के मुताबिक मृतक परिजनों ने पुलिस को बताया कि वह पिछले कुछ समय से काफी बीमार था। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व उसकी पत्नी पति को छोड़कर चली गयी। हल्द्वानी जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा के मुताबिक घटना की सूचना डीएम समेत मृतक परिजनों को दे दी गयी। ज्ञातव्य है कि दो दिन पूर्व बांसफोड़ान चैकी इंचार्ज वीरेन्द्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर गंगे बाबा रोड स्थित शराब भट्टी के पास से दम्पत्ति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लाखों रूपये कीमत की स्मैक बरामद की। पुलिस की कड़ी पूछताछ में गिरफ्तार दम्पत्ति ने अपना नाम मौहल्ला किला निवासी अमीर अहमद पुत्र रहीस अहमद एवं फरजाना पत्नी अमीर अहमद के अलावा तीसरे ने खुद को मोती मस्जिद आसिया बिल्डिंग शहादत अली पुत्र मोब्बे अली बताया। जामा तलाशी में तीनों के कब्जे से पुलिस को 56.20 ग्राम स्मैक बरामद हुई। बरामद स्मैक की कीमत अंर्तराष्ट्रीय बाजार में लाखों रूपये आंकी गयी। इस दौरान पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों से जरूरी पूछताछ के बाद उन्हें जेल रवाना कर दिया। इसी बीच हल्द्वानी उपकारागार में गंभीर रूप से बीमार चल रहे बंदी शहादत की मृत्यु हो गयी। आज यहां बंदी के मृत्यु की सूचना जैसे ही जंगल में आग की तरह फैली लोग अवाक रह गये। घटना की सूचना मिलने के बाद से खबर लिखे जाने तक पुलिस जरूरी कार्यवाही में जुटी है। उधर, कोतवाल जीबी जोशी ने बताया कि मृतक बंदी के खिलाफ पूर्व में किसी प्रकार का कोई केस थाना कोतवाली में पंजीकृत नहीं है।
नशे का आदी था मृतक शहादत
काशीपुर। हल्द्वानी उपकारागार में एनडीपीएस मामले में बंद शहादत की मौत अत्यधिक नशीले पदार्थ के सेवन के कारण हुई बतायी जा रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो वह नशे का आदी था। पिछले कुछ समय से उसके गुर्दे खराब हो गये थे, जिसका ईलाज चल रहा था। स्टेडियम के पीछे निवासी मुमताज नामक महिला से उसने शादी की थी। शादी के बाद वह पत्नी के साथ मौहल्ले में ही एक किराये के मकान में रहा करता था। दाम्पत्य जीवन के कुछ समय ही बीते थे, इसी बीच पति-पत्नी के बीच विवाद अत्यधिक बढ़ने के कारण पत्नी पति को छोड़कर चली गयी। मृतक चार भाईयों में सबसे छोटा था, इसके एक भाई की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है।