सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने दिए सुझावः सरकार ने चार जिलों के 24 निजी अस्पतालो में बढ़ाये कोविड हेल्थ सेंटर

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कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने दी व्यवस्थाओं की जानकारी
देहरादून(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पहल पर शनिवार को वर्चुअल माध्यम से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्य को कोरोना मुत्तफ़ करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया गया। इस मौके पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से कई सुझाव दिए गए साथ ही कोरोना केखिलाफ लड़ाई में सरकार को हरसंभव सहयोग देने की बात कही गई। मुख्यमंत्री ने सुझावों पर गंभीरता से अमल करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए समय-समय पर सभी दलों से विमर्श कर उनका सहयोग लिया जाएगा। प्रदेेश में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (डीसीएचसी) की संख्या बढ़ा दी है। ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और पौड़ी जिले में 24 डीसीएचसी ऽोले गए हैं। इससे कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, वेंटीलेंटर की उपलब्धता रहेगी। प्रदेेश में अब 52 डीसीएचसी हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ऊधमसिंह नगर में 10 डीसीएचसी बनाए गए हैं। जिसमें गौतम हास्पिटल, देवभूमि हास्पिटल, एसएच मल्टी स्पेशलिटी, सिद्वि विनायक हास्पिटल, गहतोड़ी हास्पिटल, केेवीआर, संजीवनी, मंदीप मेट्रो, डॉ-अरविंद शर्मा प्रकाश हास्पिटल, डॉ-मंयक अग्रवाल, श्री कृष्णा हास्पिटल, स्पार्श हास्पिटल को डीसीएचसी बनाया गया। इनमें 342 ऑक्सीजन सर्पाेटेड बेड, 97 आईसीयू और 26 वेंटीलेटर की सुविधा है। देहरादून जिले में नौ डीसीएचसी बनाए गए हैं। जिसमें सुभारती हास्पिटल, कालिंदी हास्पिटल, लेमन हास्पिटल, उत्तरांचल हास्पिटल, शैड हास्पिटल, प्रसाद हास्पिटल, ओएनजीसी, पारस दून, आरोग्यधाम हास्पिटल में 404 ऑक्सीजन बेड, 77 आईसीयू बेड की सुविधा है। नैनीताल जिले में तीन डीसीएचसी बनाए हैं। इसमें बॉम्बे हास्पिटल, सिद्वि विनायमक हास्पिटल, शुभ हास्पिटल में 43 ऑक्सीजन बेड, 21 आईसीयू बेड की सुविधा है। पौड़ी में जिला अस्पताल और माता कामाख्या मल्टी स्पेशलिटी को डीसीएचसी बनाया गया। यहां पर 60 ऑक्सीजन सर्पाेटेड बेड, 24 आईसीयू बेड की सुविधा है।उन्होंने सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी भी दी। सचिवालय से सर्वदलीय बैठक से जुड़े मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हम सब मिलकर किस प्रकार से कोरोना महामारी का सामना कर सकते हैं, इसके लिए आपसी विमर्श, चिंतन और समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को कैसे प्रभावी ढंग से तोड़ा जाए, इसके लिए सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। विपक्ष की ओर से उठाई गई आशंकाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। देहरादून में स्पोर्ट्स कालेज कोविड केयर सेंटर में 500 बेड बढ़ाए गए हैं, जबकि कोरोनेशन अस्पताल में भी सौ बेड की व्यवस्था की गई है। हल्द्वानी मेडिकल कालेज के अलावा पांच निजी अस्पतालों में भी 75 फीसद बेड आरक्षित किए गए हैं। होटलों को भी अधिकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रुद्रपुर, सेलाकुई, रुड़की समेत अन्य स्थानों पर आक्सीजन की उपलब्धता के साथ ही बाहर से भी इसकी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाई गई है। अन्य राज्यों की अपेक्षा यहां रोजाना अधिक टेस्टिंग हो रही है। संक्रमण की रोकथाम में प्रयुत्तफ़ होने वाली दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। आमजन को कैसे बेहतर उपचार मिल सके, इसकी व्यवस्था की गई है। आयुष्मान भारत कार्ड की सीमा तक अस्पतालों में इलाज की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को उपचार मुहैया कराने के लिए यदि कोई अन्य व्यवस्था की जानी होगी तो वह की जाएगी। वैक्सीनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कहा कि राज्य में बेहतर उपचार मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी बनाई गई है। राज्य में आर्थिक गतिविधियां अधिक प्रभावित न हों, इसके लिए मिनी लाकडाउन पर ध्यान दिया जा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री को मनोवैज्ञानिक सपोर्ट देना चाहिए। कोरोना की चेन तोड़ने को वह जो कदम उठाना आवश्यक समझते हैं, उठाएं। उन्होंने कहा कि बैंकों समेत सार्वजनिक स्थानों पर भय की स्थिति न आए, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। मास्क, सुरक्षित दूरी के मानकों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। जनसामान्य से भी अपील की जानी चाहिए वह अति आवश्यक होने पर ही बाहर निकले। समारोहों और पारिवारिक कार्यक्रमों से परहेज करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन व्यत्तिफ़यों को कोरोना संक्रमण का संदेह है, उनकी उचित जांच से पहले उन्हें कैसे आक्सीजन के दायरे में लाया जाए, इस पर ध्यान देना होगा। आक्सीजन के लिए घंटों भटकने अथवा अस्पताल में पड़े रहने की नौबत न आने पाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बाहर से गांव पहुंचने वाले प्रवासियों को इस बार पहले ही प्रवेश द्वारों में ही क्वारंटाइन किया जाना चाहिए। समुचित प्रक्रिया के बाद ही उन्हें गांव भेजा जाना चाहिए। बैठक से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष डा-इंदिरा हृदयेश, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व महामंत्री कुलदीप कुमार, उक्रांद के अध्यक्ष दिवाकर भट्टð, निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार आदि जुड़े। वहीं सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष डा- इंदिरा हृदयेश ने सरकार से स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और अस्पतालों में मरीजों की स्थिति पर चिंता व्ययक्त की है। वर्चुअल बैठक में शिरकत करते हुए डा- इंदिराने कहा कि सरकार को सर्वप्रथम सभी हॉस्पिटल्स में अत्यधिक वेंटिलेटर की व्यवस्था, ऑक्सीजन सहित जरूरी जीवनदायक इंजेक्शन और दवाओं की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिये। कोरोना वैक्सीनेशन को युद्धस्तर पर संचालित करवाना चाहिये।इसके अतिरत्तफ़ जरूरी सामानों, दवाओं और इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिये हेल्पलाइन नंबर जारी करना चाहिये। बढ़ते कोरोना संक्रमण की मानव श्रृंऽला को तोड़ने के लिये और कठोर नियम बनने चाहिये और हम सभी को उन नियमो का पालन भी करना है।कोरोना महामारी को रोकने के लिये सरकार द्वारा हर प्रभावी कदम के साथ हम खड़े है।

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