चमोली मे हिमस्खलन से बीआरओ का शिविर ध्वस्त: रेस्क्यू आपरेशन में जुटी सेना,काम पर लगे थे कई मजदूर

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देहरादून/चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में आधी रात को गलेशियर टूटने की सूचना से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन के लिये केंद्र सरकार को हादसे की सूचना दी है। वहीं चमोली जिला प्रशासन से शुक्रवार देर रात घटना की जानकारी मिलने के बाद राहत और बचाव कार्य के लिये उच्चाधिकारियों को अलर्ट किया है। प्रभावित क्षेत्रो में सुरक्षा दलो को भेजा गया है। लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इस वजह से तपोवन और रैणी के साथ छह गांवों के लोगों में डर बैठा हुआ है। बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल के नेतृत्व में एक टीम वहां के लिए रवाना हुई है। मुख्यमंत्री ने आज सुबह आपदा ग्रस्त इलाके का हवाई निरीक्षण किया। उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की घटना का गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया है और हमे मदद का आश्वासन दिया है तथा साथ ही आईटीबीपी को सतर्क रहने का आदेश दिया है। वहीं भारतीय सेना की सेंट्रल कंमाड की ओर से सेना ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि शुक्रवार को सेना द्वारा ग्लेशियर की जद में आए 291 लोगों को बचाया गया है। ये सब बीआरओ कैंप में थे। सभी सुरक्षित हैं।  आपदा ग्रस्त क्षेत्र में जगह-जगह भारी मात्रा में बर्फ है। बीआरओ सड़क खोलने में जुटा है।  राहत बचाव के दौरान 291 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। बताया गया कि बर्फबारी के बीच भी सेना ने रेस्क्यू जारी रखा। रात्रि को रेस्क्यू आपरेशन को रोकने के बाद आज सुबह फिर रेस्क्यू शुरू किया गया। 23 अप्रैल की दोपहर में सुमना टू के बीआरओ शिविर में हिमस्खलन हुआ। जिससे शिविर तबाह हो गया था। शिविर में सड़क निर्माण में जुटे मजदूर, मशीन चालक, अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। जिनकी संख्या अभी साफ नहीं है। परंतु सेना का कहना है कि अभी कई लोग लापता होने की सूचना पर रेस्क्यू जारी है। चमोली जिले के उच्च हिमाालयी क्षेत्र में फरवरी माह के बाद एक बार फिर ग्लेश्यिर टूटने की घटना को लेकर वैज्ञाानिको ने चिता जतायी है साथ ही बर्फबारी के दौरान एवलांच की संभावना बढ़ रही है इसलिये सभी को सतर्क रहने की सलाह दी है। बता दें कि 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषिगंगा में आई बाढ़ में 205 लोग लापता हो गए थे। इनमें से 79 शव ही मिल पाए हैं। जानकारी मिली है कि अधिकतर मजदूरों के फंसे होने की संभावना है क्योंकि वहां सड़क का काम चल रहा था, जहां कई मजदूर काम पर लगे थे। सेना का रेस्क्यू अभियान जारी है। जहां ये हादसा हुआ है वो जोशीमठ से लगभग 94 किलोमीटर आगे है। बीआरओ की ओर से चमोली पुलिस को सूचना मिली थी कि सुमना पोस्ट से आगे रिमझिम पोस्ट की तरफ ग्लेशियर टूटने की घटना हुई है। जिस जगह पर घटना हुई है। वहां ग्रीफ की ओर से पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा था। घटना की जानकारी मिलते ही बचाव के लिए कई इकाइयां, शासन व प्रशासन तत्काल हरकत में आ गया। रेस्क्यू जारी है। 

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