अपने बच्चों सहित जलाशय में छलांग लगाने पहुंची महिला,पुलिस ने सकुशल बचाया
गूलरभोज। बीते मंगलवार को गूलरभोज पुलिस के उपनिरीक्षक एवं पुलिस कर्मियों द्वारा किसी फरिश्ते की तरह एक महिला और उसके दो मासूम बच्चों की जान को बचा लिया गया। ससुराल वालों की प्रताड़ना से क्षुब्ध महिला अपने दो बच्चों के साथ आत्महत्या करने की गरज से गूलरभोज के बौर जलाशय जा पहुंची थी, इससे पहले कि महिला अपने बच्चों सहित जलाशय में छलांग लगा लेती, सूचना मिलने पर गूलरभोज पुलिस मौके पर पहुंची और महिला और उसके दो मासूम बच्चों को सकुशल बचा लिया। पूछताछ करने पर पता चला कि महिला सकैनिया क्षेत्र की रहने वाली है और 6 माह की गर्भवती भी थी, जो अपने ससुराल वालों की आए दिन की प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए गूलरभोज के बौर जलाशय पहुंच गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर निवासी सुमित्रा का करीब 8 माह पहले सकैनिया निवासी पुरुषोत्तम के साथ प्रेम विवाह हुआ था। उसके दो पुत्रियां भी थी विवाह के बाद से ही सुमित्रा की अपने पति पुरुषोत्तम एवं ससुराल वालों से तनातनी रहती थी। कुछ दिन पूर्व पुरुषोत्तम की मां का निधन हो गया था। पुरुषोत्तम की बड़ी बहन घर आई हुई थी। किसी बात को लेकर उसकी सुमित्रा के साथ नोकझोंक हो गई। मामला इस कदर तूल पकड़ गया कि सुमित्रा गुस्से से आगबबूला होकर अपनी दोनों पुत्रियों को साथ लेकर घर से निकल पड़ी और जैसे तैसे गूलरभोज स्थित बौर जलाशय पहुंच गई। इस बीच बौर जलाशय पर गश्त पर निकले गूलरभोज पुलिस चैकी के उपनिरीक्षक जगदीश चंद तिवारी एवं सिपाही महेंद्र सिंह बिष्ट व पंकज सजवाण की नजर संदिग्ध अवस्था में खड़ी सुमित्रा और उसके साथ खड़ी दो बच्चियों पर पड़ी। पुलिस टीम को देखकर महिला दोनों बच्चियों को साथ लेकर जलाशय में कूदकर जान देने की कोशिश करने लगी जिस पर पुलिस टीम द्वारा उसे रोक लिया गया। पूछताछ में सुमित्रा ने बताया कि उसका पति दूसरी शादी करने पर आमादा है। सुमित्रा ने बताया कि वह 6 माह की गर्भवती भी है और उसे आए दिन ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। पुलिस टीम के समझाने बुझाने पर सुमित्रा शांत हुई जिसे आनन-फानन में पुलिसकर्मी अपने निजी वाहन से लेकर थाना गदरपुर पहुंचे और उसके पति पुरुषोत्तम सहित परिजनों को जानकारी दी। थाने पहुंचे सुमित्रा के पति पुरुषोत्तम ने बताया कि उसकी हालत मानसिक रूप से सही नहीं रहती है। बहरहाल पुलिस द्वारा दोनों पक्षों की सहमति पर सुमित्रा एवं उसकी दोनों पुत्रियों सहित उसके पति पुरुषोत्तम के सुपुर्द कर दिया गया। पूरे मामले में गूलरभोज पुलिस चैकी के उपनिरीक्षक जगदीश चंद्र तिवारी और सिपाही महेंद्र बिष्ट एवं पंकज सजवाण द्वारा दिखाई गई तत्परता और सूझबूझ से सुमित्रा के गर्भ में पल रहे छह माह के बच्चे सहित उसकी दो पुत्रियों की जान को बचा लिया गया जो कि सर्वत्र चर्चा का विषय बना हुआ है।