प्राथमिक स्कूल खोलने का इंतजार,असमंजस में उत्तराखंड सरकार

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देहरादून(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। प्राथमिक स्कूलों को जल्द खोलने को लेकर राज्य सरकार और शिक्षा महकमे में फिलहाल इस मामले में वेट एंड वाच की स्थिति बनी हुई है। नया शैक्षिक सत्र 15 अप्रैल से शुरू करने को लेकर भी असमंजस बरकरार है। बताया जा रहा है कि प्राथमिक स्कूलों को खोलने और नए सत्र को लेकर फैसले से पहले सरकार तमाम पहलुओं पर मंथन करने के बाद निर्णय लेगी। गौरतलब है कि कोरोना काल का एक साल बीतने के बाद भी पिछले सत्र की पढ़ाई से वंचित प्राथमिक स्कूलों के छात्र छात्राओं की शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हो गई है। बताया जा रहा है कि आनलाईन पढ़ाई के साथ ही घर में स्कूल का कोर्स पढ़ाने में असमर्थक गरीब वर्ग के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिये तैयार है। जबकि दूसरी तरफ बड़ी कक्षाओं में पढ़ने वाले अधिकांश छात्रों के भाई बहन स्कूल जा रहे है। ऐसे में कोरोना के खतरे की रोकथाम के लिये मास्क और सोशल डिस्टेंस के साथ ही स्कूली बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिये स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन खाने के लिये प्रेरित किया जा सकता है। अभिभावकों की माने तो पिछले सत्र से लगातार बच्चे आॅनलाईन पढ़ रहे है जबकि स्कूल की फीस भी जमा कर रहे है। लेकिन इस वर्ष भी भी छोटे बच्चों के नये एडमिशन ठप पड़े हुए है। ऐसे में अब प्राथमिक स्कूलों की कक्षाओं को शुरू करने की जरूरत है। प्रदेश सरकार छठी से 12वीं तक स्कूलों को खोल चुकी है। इन स्कूलों में आफलाइन पढ़ाई प्रारंभ हो चुकी है। हालांकि छात्र-छात्राओं के लिए आनलाइन पढ़ाई का विकल्प खुला रखा गया है। शिक्षक संगठनों की ओर से प्राथमिक स्कूलों को भी खोलने की पैरवी की जा रही है। केंद्र सरकार की गाईडलाईन के अनुसार राज्य सरकारों को फैसला लेने की छूट भी दी गई है। इसे देखते हुए आगामी अप्रैल से इन स्कूलों को खोलने पर विचार शुरू कर दिया गया था। इधर राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बावजूद कोरोना के केस मिल रहे है जो चिंता का विषय बन रहा है। हांलाकि देश की सभी गतिविधियों को शुरू कर दिया गया है जिससे रोजगार और व्यापार के लिये लोगों दूसरे राज्यों में अपना कारोबार में जुट गये है।

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