अंधेरनगरीः मदन कौशिक को सरकारी हेलीकाप्टर और गार्ड आफ आनर दने पर सियासी घमासान
पुलिस कप्तान ने मानी भूल,डीआइओ ने भी किया था पत्रकार वार्ता के लिए फोन
बागेश्वर। राज्य में नए सीएम तीरथ सिंह रावत के चर्चित बयानों के बाद अब भाजपा के ही नये प्रदेश मदन कौशिक पर सरकार की सुविधाओं का दुरूपयोग करने के साथ ही गार्ड आफ आनर देने के मामले को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी आलोचला की है। यह विवाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को गार्ड आफ आनर दिये जाने से पैदा हो गया है। इतना ही नहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की पत्रकार वार्ता के लिए जिला सूचना अधिकारी ने पत्रकारों को फोन किया। जिस पर पत्रकारों ने चुप्पी साध ली। बाद में उन्हें भी अवगत कराया गया कि वह अब कैबिनेट मंत्री नही बल्कि पार्टी के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस ने सरकारी हेलीकाप्टर का उपयोग व गार्ड आफ आनर दिया जाना सरकारी धन का दुरुपयोग बताया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयानों को निशाने पर ले रही प्रदेश कांग्रेस को अब भाजपा संगठन पर भी हमला बोलने का मौका मिल गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को बागेश्वर में गार्ड आफ आनर देने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने तीखी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता के नशे में चूर होकर नियम व वैधानिक मर्यादा को ताक पर रख दिया है। इस प्रकरण की तत्काल जांच होनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यह इतिहास की पहली घटना है, जब किसी राजनीतिक दल के अध्यक्ष को गार्ड आफ आनर दिया गया। संवैधानिक मर्यादा के संरक्षण के लिए इस प्रकरण की तत्काल जांच आवश्यक है। पुलिस ने जहां इस गलती को मान लिया है। पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि गार्ड आफ आर्नर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री आदि को दिया जाता है। प्रोटोकाल के अनुसार यह प्रक्रिया होती है। एसपी ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को गार्ड आफ आर्नर देने में पुलिस लाइन में गलती हुई है। पुराने आदेश के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री समझ लिया गया। नए आदेश में मैैंने सुरक्षा व्यवस्था की बात लिखी था। उसके बावजूद गार्ड आफ आनर दिए जाने की जांच होगी और लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का हेलीकाप्टर पूर्वार् करीब 11 बजे डिग्री काॅलेज मैदान में उतरा। यहां उन्हें पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड आफ आनर दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बाइक रैली भी निकाली गई। पूर्व विधायक कपकोट ललित फस्र्वाण ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का दौरा पूरी तरह हवा-हवाई है। उन्हें गार्ड आफ आर्नर दिया जाना व्यवस्था पर सवाल तो है ही, यह सरकारी धन का दुरुपयोग भी है। क्षेत्र के विकास की बात करनी वाली भाजपा सरकार की करनी और कथनी में अंतर साफ दिखाई दे रहा है। पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी ने कहा कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है। भाजपा को जनता के टैक्स को इस तरह से खर्च नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस प्रकरण पर माफी मांगनी होगी। इधर, जिला प्रशासन के अनुसार हेलीकाप्टर का कार्यक्रम आया था, लेकिन सरकारी हेलीकाप्टर था या नहीं। इसकी जानकारी उसके पास नहीं है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सरकारी हेलीकाप्टर से आने पर विपक्षियों ने जमकर सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। वहीं सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ तीखी आलाचना करना शुरू कर दिया है ।
कौशिक ने उड़ाई संविधान की धज्जियां: दसौनी
बागेश्वर। राज्य में नए सीएम तीरथ सिंह रावत के चर्चित बयानों के बाद अब भाजपा के ही नये प्रदेश मदन कौशिक पर सरकार की सुविधाओं का दुरूपयोग करने के साथ ही गार्ड आफ आनर देने के मामले को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी आलोचला की है। यह विवाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को गार्ड आफ आनर दिये जाने से पैदा हो गया है। इतना ही नहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की पत्रकार वार्ता के लिए जिला सूचना अधिकारी ने पत्रकारों को फोन किया। जिस पर पत्रकारों ने चुप्पी साध ली। बाद में उन्हें भी अवगत कराया गया कि वह अब कैबिनेट मंत्री नही बल्कि पार्टी के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस ने सरकारी हेलीकाप्टर का उपयोग व गार्ड आफ आनर दिया जाना सरकारी धन का दुरुपयोग बताया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयानों को निशाने पर ले रही प्रदेश कांग्रेस को अब भाजपा संगठन पर भी हमला बोलने का मौका मिल गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को बागेश्वर में गार्ड आफ आनर देने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने तीखी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता के नशे में चूर होकर नियम व वैधानिक मर्यादा को ताक पर रख दिया है। इस प्रकरण की तत्काल जांच होनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यह इतिहास की पहली घटना है, जब किसी राजनीतिक दल के अध्यक्ष को गार्ड आफ आनर दिया गया। संवैधानिक मर्यादा के संरक्षण के लिए इस प्रकरण की तत्काल जांच आवश्यक है। पुलिस ने जहां इस गलती को मान लिया है। पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि गार्ड आफ आर्नर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री आदि को दिया जाता है। प्रोटोकाल के अनुसार यह प्रक्रिया होती है। एसपी ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को गार्ड आफ आर्नर देने में पुलिस लाइन में गलती हुई है। पुराने आदेश के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री समझ लिया गया। नए आदेश में मैैंने सुरक्षा व्यवस्था की बात लिखी था। उसके बावजूद गार्ड आफ आनर दिए जाने की जांच होगी और लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का हेलीकाप्टर पूर्वार् करीब 11 बजे डिग्री काॅलेज मैदान में उतरा। यहां उन्हें पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड आफ आनर दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। बाइक रैली भी निकाली गई। पूर्व विधायक कपकोट ललित फस्र्वाण ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का दौरा पूरी तरह हवा-हवाई है। उन्हें गार्ड आफ आर्नर दिया जाना व्यवस्था पर सवाल तो है ही, यह सरकारी धन का दुरुपयोग भी है। क्षेत्र के विकास की बात करनी वाली भाजपा सरकार की करनी और कथनी में अंतर साफ दिखाई दे रहा है। पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी ने कहा कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है। भाजपा को जनता के टैक्स को इस तरह से खर्च नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस प्रकरण पर माफी मांगनी होगी। इधर, जिला प्रशासन के अनुसार हेलीकाप्टर का कार्यक्रम आया था, लेकिन सरकारी हेलीकाप्टर था या नहीं। इसकी जानकारी उसके पास नहीं है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सरकारी हेलीकाप्टर से आने पर विपक्षियों ने जमकर सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। वहीं सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ तीखी आलाचना करना शुरू कर दिया है ।
कौशिक ने उड़ाई संविधान की धज्जियां: दसौनी
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस वरिष्ठ महिला प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बागेश्वर जनपद के अपने भ्रमण के दौरान संविधान एवं नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाई, जोकि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सोमवार को बयान जारी किया, जिसमें कहा कि मदन कौशिक बागेश्वर ना सिर्फ सरकारी हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल करके पहुंचे बल्कि वहां पुलिस प्रशासन ने उन्हें गार्ड आॅफ आनर भी दिया। मदन कौशिक पूर्व में शासकीय प्रवत्त रहने के साथ-साथ काबीना मंत्री के पद पर भी रहे हैं। अब कौशिक या तो अपने आप को संविधान से भी उपर समझने लगे हैं या अपना विवेक खो चुके हैं। दसौनी ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा कि प्रदेश के भाजपाइयों में विवाद उत्पन्न करने की होड़ सी लगी हुई है। कोई अपने बयानों से चर्चाओं में रहना चाह रहा है तो कोई अपने कृत्यों से। दसौनी ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को क्या उन्हें इतना भी ज्ञान नहीं है कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सरकारी सुविधाएं और गार्ड आफ आनर किसी भी दल के प्रदेश अध्यक्ष को नियम के तहत लागू नहीं है।