अग्निकांड में मजदूरों को मुआवजे की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
हल्द्वानी । मोटाहल्दू में कल हुए भीषण अग्निकांड में मजदूरों को हुए नुकसान के मुआवजा और उनके स्थायी सुरक्षित आवास की मांग को लेकर भाकपा माले के तीन सदस्यीय टीम उपजिलाधिकारी कार्यालय हल्द्वानी में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने से पहले राज्य कमेटी सदस्य बहादुर सिंह जंगी, ललित मटियाली, शिवा कोरंगा की तीन सदस्यीय टीम ने इलाके का दौरा किया। ज्ञापन देते हुए बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि मोटाहल्दू खनन गेट पर काम करने वाले सैकड़ांे मजदूरों की झोपड़ियां अग्निकांड में खाक हो गई और नकदी, कपड़े, बर्तन, राशन सहित लाखों का नुकसान मजदूरों का हो गया। बिहार,झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित स्थानीय खनन मजदूरों की हालात बेहद दयनीय है। दूसरे प्रदेश से आने वाले खनन मजदूरों के खाने, रहने की व्यवस्था राम भरोसे छोड़ दी गई है। आधुनिक दौर में भी मजदूर झोपड़ियों में रह रहे हैं और उनको खनन कार्य मे भी सुरक्षा उपकरण नही मिलते हैं। जबकि ये मजदूर दूसरे प्रदेशों से आकर यहाँ खनन कार्य करके सरकार व वन निगम को अरबों का राजस्व दिलाते हैं। गोला नदी में खनन कार्य मे शामिल इन मजदूरों की झोपड़ियों में आग लगना और उससे जान -माल के खाक होने की घटना हर की साल नियति बन गई है। उन्होंने कहा कि मोटाहल्दू खनन गेट पर हुए भीषण अग्निकांड में लगभग 200 मजदूरों की झोपड़ियां जलने से वे बेघर हो गए है और अभी कुछ दिन जब तक दूसरी झोपड़ी नही बना लेते तब तक बेघर ही रहेंगे। प्रशासन ने सिर्फ 1 छोटा सा खुला टेंट लगाकर व कुछ राशन बांटकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। प्रभावित मजदूरों के रहने के लिए ना तो कोई स्थायी ,सुरक्षित इन्तेजाम किए ना ही पीड़ित मजदूरों को कोई मुआवजा दिया है। यह गरीब मजदूरों के प्रति शासन-प्रशासन की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। पूर्व में हुए अग्निकांडों के बाद हर बार शासन-प्रशासन तमाम सुविधा देने की बात तो करता है लेकिन हर बार यह बयानों में सिमट के रह जाती है। ऐसे में हम भाकपा;मालेद्ध की ओर से प्रशासन व वन निगम से मांग करते हैं कि प्रभावित मजदूरों को 1 लाख रुपये प्रति परिवार मुआवजा दिया जाए और गोला नदी के सभी गेटों में झोपड़ियों में रह रहे सभी मजदूरों के लिए पक्का आवास बनाया जाए ताकि झोपड़ी होने की वजह से भविष्य में कोई अग्निकांड ना हो। इसके साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं जैसे-स्कूल, चिकित्सा, पानी, शौचालय की व्यवस्था भी मजदूरों के लिए की जाए।