गैरसैंण को मंडल बनाना अव्यवहारिक: रेखा आर्य
देहरादून। पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार में चर्चाओं में रही सोमेश्वर विधायक एवं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीमती रेखा आर्य ने गैरसैण मंडल घोषित करने के फैसले का विरोध किया है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद कुमांऊ दौरे पर रवाना हो गई है। इस दौरान श्रीमती रेखा आर्य का कार्यकर्ताओं ने विभिन्न विधनसभा क्षेत्रो में जारदार स्वागत किया। कशीपुर और जयपुर में उन्होंने भाजपा नेताओं से मुलाकत की। मीडिया से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड काचहुमुखी विकास के करने के लिये सरकार लगातार प्रयासरत है। रेखा आर्य ने कहा कि गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा व्यवहारिक नहीं थी। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा पर कोई भी उस समय खुल कर नहीं बोल पाया था। अब जब नेतृत्व परिवर्तन हो चुका है और नए मुख्यमंत्री ने भी पूर्ववर्ती सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार की बात कही है, तो सत्ता पक्ष के विधायक भी पूर्व मुख्यमंत्री के फैसले को लेकर टिप्पणी करने लगे हैं। इसी क्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहा कि गैरसैंण को मंडलबनाते हुए अल्मोड़ा और बागेश्वर को भी जोड़े जाने का फैसला जनमानस की भावनाओं के अनुरूप नहीं रहा। यह अपेक्षा सबकी रही है कि उसे पहले जिले के स्वरूप में लाया जाए। उनका अपना मत भी यही है कि अल्मोड़ा को गैरसैंण मंडल में लाना उचित नहीं है। अल्मोड़ा अपने अस्तित्व के साथ नैनीताल मंडल से जुड़ा है। उन्होंने नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मामले में पुनर्विचार करने की बात पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा व बागेश्वर के निवासियों के लिए नैनीताल जाना आसान रहता है। अल्मोड़ा का अपना अस्तित्व और जनभावनाएं हैं।