स्वतंत्र मन से कुंभ में आएं श्रद्धालु: मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में की मां गंगा की पूजा-अर्चना,कुंभ कार्यों का किया लोकार्पण
संतों के लिए शिविर, बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
हरिद्वार। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून से हरकी पैड़ी पहुंचे और मां गंगा की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मां गंगा से राज्य के विकास और कोरोना संक्रमण के जल्द से जल्द निजात पाने की प्रार्थना की।इसके बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मीडिया सेंटर के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर भी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 120 करोड़ रुपये के कुंभ कार्यों का लोकार्पण किया।इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हर साल आते हैं पर कुंभ 12 साल में आता है। लोग वर्षों तक कुंभ का इंतजार करते हैं। मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने बाद उन्होंने बैठक बुलाई। मन में एक ही बात थी कि श्रद्धालुओं की मन का भय दूर करना है। इसलिए सभी पाबंदी हटाने का निर्णय लिया। महाशिवरात्रि स्नान पर पहले संतों पर फूल बरसाए, फिर शाही स्नान में संतों के साथ मां गंगा के चरणों में गया। इसके बाद बाद संतों और श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाया कि कुम्भ में दौरान श्रद्धालुओं के आगमन पर कोई पाबंदी नहीं होगी। केवल मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसे सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। इसके बाद उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान के आपदा प्रबंधन अधिनियम उल्लंघन के 4500 मुकदमें वापस लेने के आदेश दिए। कहा कि विकास प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार के अîóे बन रहे हैं। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्राधिकरण को समाप्त किया गया। कहा कि कुंभ को भव्य और दिव्य रूप दिया जाएगा। श्रद्धालु स्वतंत्र मन से आएं और स्वतंत्र मन से जाएं, इसके लिए अतरित्तफ बसे चलाई जाएंगी।मेलाधिकारी दीपक रावत और मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बैरागी कैंप पहुंचकर अखिल भारतीय श्री पंच निर्माेही अणी अखाड़ों में तीनों श्रीमहंतों से मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। संतों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की उदासीनता के चलते बैरागी कैंप में भूमि आवंटन और अन्य कार्य नहीं हो पाए थे। जिससे संतों के शिविर नहीं लग पाए। उन्होंने मेला प्रशासन से मांग की कि रात-दिन कार्य करवाकर दस दिन के भीतर सुविधाएं मुहैया कराएं।श्रीपंच निर्माेही अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास ने कहा कि मेला प्रशासन की ओर से संतों के लिए शिविर, बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। जैसे-जैसे वैरागी संत और खालसे आगमन करते हैं उनको भूमि आवंटित की जाए ताकि संत टेंट लगा सकें। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को शाही स्नान और बैरागी अखाड़ों की पेशवाई के लिए सड़कों की व्यवस्था ठीक करनी चाहिए। बैरागी कैंप क्षेत्र और तीनों वैष्णव अखाड़ों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती की जाए। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास ने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र में रोजाना पानी का छिड़काव कराया जाए। संपूर्ण मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर जमीन को समतल कराया जाए। श्रीपंच दिगंबर अणी अखाड़ा के श्रीमहंत राम किशन दास ने कहा कि संतों को सुविधा मुहैया कराने में मेला प्रशासन पहले ही देर कर चुका है। अब दिन-रात कार्य कर मेले से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं 10 दिन के अंदर मुहैया कराई जाए।मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि तीनों वैष्णव अखाड़ों को भूमि आवंटन हो गया। सड़क, बिजली, पेयजल, शौचालय आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही है। कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि संतों की सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर हैं। इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य, महंत गौरीशंकर दास, महंत रामशरणदास, महंत रामजीदास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मनीष दास, महामंडलेश्वर भगवानदास खाकी, महंत मोहनदास खाकी, महंत रामप्रवेश दास, महंत हरिदास, महंत )षिकुमार दास, महामंडलेश्वर सरजूदास महात्यागी, महामंडलेश्वर आरीदास, महामंडलेश्वर भैयाजी आदि मौजूद रहे।