फटी जींस पर चौतरफ़ा घमासानः आलोचनाओं से घिरे तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं से मांगी माफी
सीएम की पत्नी ने पूछाः उत्तराखंड और भारतीय संस्कृति में क्या है बुराई
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान के खिलाफ विपक्ष के साथ महिला संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। वहीं शुक्रवार को अपने बयान पर तीखी आलोचनाओं से घिरे सीएम तीरथ सिंह रावत ने माफी मांग ली है। फटी जींस वाले बयान पर उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने माफी मांगी है। सीएम तीरथ सिंह रावत का कहना कि उनका ये बयान संस्कारों के परिपेक्ष्य में था, उनका उद्देश्य किसी का दिल दुखाना या भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। सीएम ने कहा कि यदि उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई है, तो वह उसके लिए वह क्षमा मांगते हैं। सीएम ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि मैं एक सामान्य ग्रामीण परिवार राजनीति में आया हूं। स्कूल के दिनों में जब हमारी पैंट फट जाया करती थी तो अनुशासन और गुरु जी के डर से हम उस पर टैग लगा दिया करते थे लेकिन मौजूदा वक्त में बच्चा बच्चा 4000 या 2000 की जींस लेता है, वो पहले देखता है कि जींस फटी है कि नहीं। अगर फटी नहीं है तो वह घर जाकर उस पर कैंची चला देता है और बयान भी इसी के संदर्भ में था। उन्होंने कहा कि मेरी भी बेटी है और ये बात उसपर भी लागू होती है।सीएम तीरथ सिंह रावत का महिलाओं को लेकर दिया एक बयान चर्चाओं में है। उनके फर्टी जींस पहनने को लेकर दिए गए बयान पर देशभर में प्रतिक्रियाएं आ रही है। उनके बयान की महिला आयोग की अध्यक्ष से लेकर बाॅलीवुड अदाकाराओं तक ने आलोचना की है। कई महिला नेताओं ने भी उनके बयान को बेटियों का अपमान मानते हुए गलत ठहराया है। वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया में इसे लेकर मख्यमंत्री को लगातार ट्रोल किया जा रहा है। जबकि नेशनल मीडिया में उत्तराखंड के सीएम के बयान पर जबरदस्त बहस छिड़ गई है। इतना ही नहीं सीएम तीरथ के बयान के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस नेताओं ने सियासी हमला शुरू कर दिया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए प्रदेश में जगह-जगह मुख्यमंत्री के पुतले फूंके और माफी मांगने की मांग शुरू कर दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पार्टी महिलाओं का पूरा सम्मान करती है, विपक्ष उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है। हालांकि इस सबके बीच तरथ के इस बयान का समर्थन भी किया जा रहा है। समर्थकों के अनुसार पश्चिमी सभ्यता की बजाये महिलाओं और युवा वर्ग को उत्तराखंड और भारत की संस्कृति के अनुरूप अपने परिधान पहनने में रूचि दिखानी चाहिये। उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। रिस्पना पुल के निकट स्थित एक होटल में हुई कार्यशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। नशा समेत तमाम विकृतियों से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। नशा मुक्ति को लेकर जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। इस दौरान उन्होंने आजकल युवाओं के फैशन के स्टाइल पर भी टिप्पणी की। कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है जब युवाओं को फटे हुए कपड़े पहनकर घूमते देखते हैं। उन्होंने संबोधन के दौरान एक किस्सा भी सुनाया। जिसमें उन्होंने कहा कि एक बार वे एक जहाज में यात्रा कर रहे थे। तब उनके पास एक महिला दो बच्चों के साथ बैठी थी। उन्होंने देखा कि उसकी जीन्स जगह-जगह से फटी थी। महिला ने उन्हें बताया कि वह दिल्ली जा रही है, उसके पति प्रोफेसर हैं और वह एक एनजीओ चलाती हैं। फिर मुझे हैरानी हुई कि पढ़े-लिखे लोग भी अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने इस बीच यह भी ताना मारा कि पहाड़ की युवतियां व युवक बड़े शहरों में कुछ समय बिताने के बाद जब लौटते हैं तो खुद को मुंबई का हीरो-हीरोइन समझने लगते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश भारतीय संस्कृति की महानता को समझ चुके हैं, इसलिए अब वह हमारी संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं, लेकिन चिंताजनक बात यह है कि हमारे देश के युवा पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान में सिर्फ सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं हो सकते, इसके लिए सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और समाज के गणमान्य व्यक्तियों को भी आगे आना होगा।देहरादून में एक कार्यक्रम में दिया गया मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का बयान अब उनके लिए ही मुश्किल का सबब बनता जा रहा है। सीएम ने कहा कि जब मैं युवाओं को फटी जींस पहनकर घूमते देखता हूं तो आश्चर्य होता है। एक बार मैं जयपुर से दिल्ली की फ्लाइट में था। मेरे पड़ोस की सीट पर एक महिला बैठी हुई थीं। महिला एक एनजीओ चलाती थीं जबकि उनके पति कालेज में प्रोफेसर थे। महिला ने पांव में गमबूट और जींस पहनी हुई थी, जो घुटनों में फटी थी। महिला के साथ दो बच्चे भी थे। एक महिला जो एनजीओ चलाती हैं, उनके फटी जींस से घुटने नजर आ रहे हैं, वो समाज के बीच में जाती हैं, बच्चे साथ में है। क्या संस्कार दे रही हैं। वहीं हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम ने कहा था कि मैं श्रीनगर में गढ़वाल विश्वविद्यालय में पढ़ता था। एक लड़की चंडीगढ़ से आई थी। उसने हाफ कट पहना हुआ था। लड़के ऐेसे देख रहे थे कि कोई मुंबई से आ गई। कुछ दिन उसका खूब मजाक बना। यूनिवर्सिटी में पढ़ने आई हो और बदन दिखा रही हो, क्या होगा। विपक्षी दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री के इस बयान को महिलाओं के पहनावों के प्रति संकीर्ण मानसिकता का द्योतक बताया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कहा कि हमारे नये मुख्यमंत्री जी, महिलाओं की फटी जींस पहनने पर या कटी हुई जींस पहनने पर बहुत खफा हैं। मुख्यमंत्री जी ये नया जमाना है, आपको तो मोदी जी, राम नजर आते हैं, कृष्ण नजर आते हैं और अब आप हमारी बेटियों की जींस पहनने पर भी कमेंट करने लग गये हैं, मुझे लगता है कि मुंह पका बीमारी तो आप तक नहीं पहुंच गई है! उत्तराखंड की तरफ ध्यान दीजिये, अभी तो आप त्रिवेंद्र जी के फैसले बदल कर कुछ वाह-वाही बटोरने के काम में खुद और भाजपाइयों को लगाये हुये हैं, अभी कुछ ऐसा दिखाइये कि उत्तराखंड को लगे कि नया परिवर्तन, कुछ विकास की झलक दिखा रहा है।
सीएम की पत्नी ने पूछाः उत्तराखंड और भारतीय संस्कृति में क्या है बुराई
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पत्नी डाॅ. रश्मि त्यागी रावत ने मुख्यमंत्री के विवादित बयान पर उनका बचाव किया। तीरथ के बचाव में वीडियो जारी करते हुए वह कहती हैं कि तीरथ ने जिस संदर्भ में यह बात कही है, उसका गलत मतलब निकाला गया है। उनके अनुसार, सिर्फ एक शब्द को पकड़कर विपक्षियों ने मुद्दा बना लिया है। डा. रश्मि रावत ने आलोचना करने वालो पर पलटवार करते हुए पूछा है कि अगर परिवार के मुखिया यदि अपने बच्चों को देश व राज्य की संस्कृति व भारतीयता होने के बारे में प्रेरित करते हैं तो इसमें बुराई क्या है। मुख्यमंत्री की पत्नी व डीएवी काॅलेज की शिक्षक डाॅ. रश्मि त्यागी रावत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मीडिया में उनके विचारों को नकारात्मक रूप में लिया गया।जबकि उन्होंने युवाओं के आधुनिक फैशन की जी व्याख्या की वह सकारात्मक प्रभाव में थी। मुख्यमंत्री खुद साधारण परिवार से रहे हैं। वह आज भी जमीनी हकीकत से वास्ता रखते हैं लेकिन संस्कृति व संस्कारों के मामले में उच्च सोच रखते हैं। डाॅ. रश्मि ने कहा की मुख्यमंत्री बनने के कुछ घण्टों बाद सीएम ने जनभावनाओं को ध्यान में रखकर ऐतिहासिक फैसले लिए। उत्तराखंड में अभी भी कई समस्याओं को मिटाना चाहते हैं। इस प्रकार की छोटी बातों पर यदि उलझे रहंगे तो विकास प्रभावित हो सकता है। मुख्यमंत्री मातृशक्ति का शुरू से ही बेहद सम्मान करते हैं। उनके विचार आधुनिक फैशन ले प्रचलन पर थे इसे उनके सीएम विरोधी विचार कैसे मान लिया गया है। संघ में लंबे समय से रहकर देश व प्रदेश की संस्कृति, सभ्यता व सुसंस्कार की बात करना गलत कैसे हो सकता है। डाॅ. रश्मि रावत ने कहा कि युवाओं को नैतिक मूल्यों, अपनी भेषभूषा के बारे में बताना अभिभावकों का कर्तव्य बनता है मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में इसी नाते अपने विचार रखे। उनके विचारों की आलोचना के बजाय समालोचना होती तो बेहतर होता। दूसरी ओर मुख्यमंत्री के बचाव में उतरी भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष )तु खंडूडी ने कहा कि उनके बयान को विस्तृत परिपेक्ष्य में देखने की जरूरत है। वह समाज में संस्कारों में जो बदलाव आ रहे हैं उनकी बात कर रहे हैं। संस्कारों का जो अभाव दिख रहा है उस पर काम करने की जरूरत है, उन्हें सुधारना है।
बाॅलीवुड अभिनेत्री कंगना ने भी किया समर्थन: अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाने वाली कंगना ने सीएम तीरथ रावत के समर्थन में एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करके युवाओं को जींस पहनने का सही तरीका सिखाया है। कंगना ने कहा कि रिप्ड जींस पहनते वक्त ऐसा न हो कि आप भिखारी लगने लग जाएं. एक्ट्रेस ने अपनी कई तस्वीरें शेयर करते हुए अपनी बात कही है. कंगना ने जींस पहने हुए अपनी कई सारी तस्वीरें साझा की हैं, जिनके साथ उन्होंने लिखा- यदि आप रिप्ड जींस पहनना चाहते हैं तो मौसम के हिसाब से कूलनेस कोशियन्ट को जरूर ध्यान में रखिए जैसा इन तस्वीरों में नजर आ रहा है, ताकि ये आपका स्टाइल लगे ना कि ये आपकी भिखारियों वाली हालत को दर्शाए, जैसे इस महीने घरवालों से पैसे ना मिले हों। इन दिनों ज्यादातर युवा लड़के ऐसा ही करते दिख रहे हैं।