मोदी भत्ति करें अच्छी बात है,संभलकर बोले नये सीएम : हरीश रावत
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहाः अब तो चुनावों में निर्णय करने से पहले चेहरा देखते हैं लोग
देहरादून। उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत ने विरोध जताया है। भाजपा सांसद से सीधे सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद तीरथ सिंह रावत ने भगवान श्री राम और कृष्ण के कार्यों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना करने के साथ ही उन्हें भविष्य में राम की तरह मानने की बात को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं इस मामले में मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री का पदभार संभालने वाले तीरथ सिंह रावत के इस बयान को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया और वीडियो वायरल कर तीखी आलोचना शरू कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि भगवान राम व कृष्ण से किसी मानव या विशिष्ट मानव की तुलना नहीं की जा सकती है। नए मुख्यमंत्री, मोदी भत्तिफ करें अच्छी बात है, लेकिन जन आस्था और संस्कृति का अवमूल्यन नहीं किया जा सकता। उन्होंने नए मुख्यमंत्री को आगे संभलकर बोलने की नसीहत भी दी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीते रविवार को हरिद्वार में एक कार्यक्रम में कहा था कि जैसे द्वापर और त्रेता में राम और कृष्ण हुए और उन्होंने जो काम किए, उससे लोग उन्हें भगवान मानने लगे। आज देश में नरेंद्र मोदी जो काम कर रहे हैं, आने वाले समय में मोदी को भी उसी रूप में मानने लगेंगे। मोदी हैं तो मुमकिन है। सोमवार को मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री, जिनकी नई-नई नौकरी लगी है, उनका बयान पचाना बेहद कठिन है। तीरथ सिंह रावत को देवभूमि के मुख्यमंत्री के नाते संभलकर बोलना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान चापलूसी की पराकाष्ठा है। ऐसा दूसरा उदाहरण मिलना मुश्किल है। मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान राम के समकक्ष रखने का कोई अधिकार नहीं है। भगवान राम पर पूरे हिंदू समाज की आस्था है। उनकी आस्था से खेला नहीं जा सकता।
हम लोकल बनाम लोकल करना चाहते है, खांचे में श्री मोदी को डाल देती है भाजपा
देहरादून। उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता एवं लोकप्रिय नेता हरीश रावत ने आगामी 2022 के चुनाव में एक बार फिर सियासी ताल ठोकने की रणनीति बनाने में जुटे हुए है। इतना ही नहीं भाजपा के खिलाफ नेतृत्तव परिवर्तन की बजह पूछने के बाद अब उन्होंने जहां सीएम तीरथ के बयान को लपक लिया है और नये सीएम को संभलकर बोलने की नसीहत भी दे डाली। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन के अध्यक्ष प्रीतम सिंह और वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृद्येश को मुख्यमंत्री कैडिडेट बनाने मांग कर चुके कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरदा ने जहां प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की सामूहिक नेतृत्व की रणनीति को बदलकर कांग्रेस प्रदेश संगठन से सीएम का चेहरा सामने लाने की अपील की है। मंगलवार को फेसबुक पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक पोस्ट में लिखा है कि एक मेलोडियस गाना है, ताल्लुक यदि बोझ बन जाएं, मैं उसी तर्ज पर अपने दोस्तों से कहना चाहता हूं, यदि परंपराएं रास्ते की बाधक बन जाएं तो उन्हें तोड़ना ही बेहतर है। आज लोग स्पष्ट तौर पर चुनावों में निर्णय करने से पहले चेहरा देखते हैं। भाजपा, खांचे में श्री मोदी को डाल देती है। हम यदि लोकल बनाम लोकल करना चाहते हैं, स्थानीय मुद्दों बनाम स्थानीय मुद्दे करना चाहते हैं, तो हमें भी मुख्यमंत्री के चेहरे के लिये किसी को आगे करना पड़ेगा, मैं तो सबके साथ हूंँ और मुख्यमंत्री का निर्धारण अवश्य जब हमारे सदस्य चुनके आएंगे तभी होगा, मगर चुनाव की रणनीति तो हमको तैयार करनी ही पड़ेगी। हमारे राज्य में मुख्यमंत्रियों को हराने की परंपरा बहुत गहरी है, कुछ लोग तीरथ सिंह रावत जी का बिस्मिल्लाह खराब करना चाहते हैं उन्हें ध्यान रहे कि पौड़ी में भी हमारे पास एक मुख्यमंत्री को हराने वाला व्यत्तिफत्व मौजूद है, इतिहास कभी-कभी अपने को दोहराने के लिये बेचैन रहता है।