इंदिरा हृदयेश जी हृदय की गहराइयों से खेद,मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूँ !
चौतरफा आलोचनाओं में घिरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत बैकफुट पर आये
देहरादून/हल्द्वानी(दर्पण ब्यूरो)। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद चौतरफा आलोचनाओं में घिरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने आखिरकार अपना बयान जारी कर हृदय की गहराइयों से खेद प्रकट किया है। बंशीधर भगत ने कहा कि उनका आशय किसी प्रकार की आलोचना करना नहीं था फिर भी अगर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को कष्ट पहुंचा है तो उसके लिए मैं खेद प्रकट करते हुए अपने शब्दों को वापस लेता हूं। बता दें कि बंशीधर भगत ने ट्वीट कर कहा,कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री,नेता प्रतिपक्ष इंदिर हृदयेश जी प्रदेश की सम्मानित नेता हैं और चुनावी क्षेत्र एक होने के कारण नोकझोंक होना स्वाभाविक है। उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था,अगर उन्हें क्षति पहुँची है तो मैं अपना बयान सम्मान पूर्वक वापस लेता हूँ। वहीं बंशीधर भगत के बेटे विकास भगत ने कहा कि मुझे गर्व है की मै श्री बंशीधर भगत जी का बेटा हूं। 35 साल से अधिक के राजनीतिक जीवन मे पिता जी ने किसी भी व्यक्ति का असम्मान नही किया है। पिता जी के ऊपर इतने समय से एक दाग भ्रष्टाचार का नही है। ईमानदार होना क्या होता है वो मैने अपने पिता से सीखा है। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत द्वारा नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश के खिलाफ की गई टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश के खिलाफ की गई टिप्पणी से भाजपा का चेहरा उजागर हुआ है। कहा कि उनके इस बयान से देश व प्रदेश की महिलाओं का अपमान हुआ है। वहीं आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने भाजपा हाईकमान से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निष्कासन की मांग की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत चुटीले अंदाज में दिए जाने वाले अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कई बार इस फेर में जबान फिसलने से उनका बयान उन पर ही भारी पड़ जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। तंज कसने के लिए उन्होंने जिस तरह नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर टिप्पणी की है उसने सियासी गलियारों में बवाल मचा दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत इन दिनों कुमाऊं मंडल के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के प्रवास पर हैं। मंगलवार को भीमताल विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के लिए कुछ ऐसा कह डाला, जो साफ तौर पर मर्यादा की सीमा का उल्लंघन माना जा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बयान के लिये प्रदेशवासियों के साथ ही नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश से क्षमा याचना कर महिलाओं का सम्मान करने की नसीहत दी है। शायद उस वक्त भगत को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यह मामला इस कदर तूल पकड़ जाएगा। इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब उन्होंने देहरादून में विधायकों की एक बैठक में यह कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम के सहारे किसी की नैया पार नहीं होगी। उस समय भी इसे लेकर काफी बवाल मचा था। हालांकि तब भगत ने बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने की बात कह कर अपना बचाव किया।