पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प,7वें दौर की बातचीत कल

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नई दिल्ली। किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की बातचीत कल यानि 30 दिसंबर को तय हुई है। इस बीच किसानों का प्रदर्शन जारी है। पटना से लेकर दिल्ली तक किसान सड़क पर उतर आए हैं और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को पटना में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से राजभवन तक निकाले जा रहे लोगों के मार्च को पुलिस ने रोक दिया । इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहा है। पटना में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और लेफ्ट पार्टियों की ओर से मार्च निकाला जा रहा है। यह मार्च राजभवन तक निकाला जाएगा।एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से संयुत्तफ किसान मोर्चा के महाराष्ट्र से जुड़े किसान नेताआंे ने मुलाकात की। ये किसान नेता सिंघु बाॅर्डर और पलवल पर प्रदर्शन में शामिल हैं और सरकार के साथ वार्ता में भी हिस्सा ले चुके हैं। किसान नेताओ के मुताबिक, पवार ने किसान नेताओं ने कहा कि अगर 30 तारीख तक हल नहीं निकाला तो तमाम विपक्ष की पार्टियों के साथ बैठक कर किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे। केंद्र सरकार किसान आंदोलन को लेकर जवाबी रणनीति पर जोरशोर से जुटी है। 25 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया। मोदी सरकार इसके जरिए ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि नए कानूनों पर उसे देशभर के किसानों का समर्थन हासिल है और चंद राज्यों के किसान संगठन ही राजनीतिक शह पर विरोध कर रहे हैं सरकार का प्रस्ताव मिलने पर किसानों ने साफ कहा है कि वो कानून वापस लेने और स्वामी नाथन रिपोर्ट पर ही चर्चा करेंगे। दरअसल 26 दिसंबर को किसानों ने सरकार को 4 शर्तों पर बातचीत का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें पहली शर्त यही है कि तीनों कृषि कानून खारिज करने की प्रक्रिया पर सबसे पहले बात हो। अपनी मांगों के साथ किसान 34वें दिन भी दिल्ली के बाॅर्डर पर डटे हैं।

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