कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवा़डा: आर्मी भर्ती की तैयारी में कर रहे युवाओं को पैसे लेकर दी जा रही थी फर्जी रिपोर्ट

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रामनगर। रामनगर संयुक्त चिकित्सालय की लैब मे तैनात कर्मचारियों द्वारा बिना जांच किए ही पैसे लेकर आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे कई युवकों को कोरोना नेगेटिव होने की फर्जी रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है। इससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। युवाओं को सौंपी गई रिपोर्ट में नोडल अधिकारी की फर्जी मोहर के साथ ही फर्जी तरीके से हस्ताक्षर भी किए गए हैं। मामले में अस्पताल प्रशासन व नोडल अधिकारी द्वारा आरोपी लैब कर्मचारी के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।जानकारी के मुताबिक आर्मी की तैयारी कर रहे कई युवाओं को रामनगर संयुक्त चिकित्सालय के लैब में कार्यरत दो कर्मचारियों द्वारा कोरोना की जांच के बिना ही फर्जी रिपोर्ट बनाकर दे दी। आरोप है कि रिपोर्ट सौंपने की ऐवज में कर्मचारियों द्वारा 500 से लेकर 1000 रुपए भी लिए गए। मामले का तब खुलासा जब हुआ जब यह पता चला कि जांच के लिए अस्पताल पहुंचे युवाओं ने अपनी जांच 20 दिसंबर को अस्पताल में कराई थी और वहां मौजूद कर्मचारियों ने बिना जांच के ही इन युवाओं की नेगेटिव की रिपोर्ट देते हुए रिपोर्ट में 27 दिसंबर की दिनांक डाल कर दे दी। जबकि 27 दिसंबर आने में अभी 6 दिन बाकी है। युवाओं को आर्मी की तैयारी करा रहे यूथ फाउंडेशन के निरीक्षक मंगल सिंह को इस मामले में जब शक हुआ तो उन्होंने जानकारी फाउंडेशन के साथी गणेश रावत व तेजेश्वर घुघत्याल को दी। मामला फर्जी लगने के बाद घटना की जानकारी एसडीएम विजय नाथ शुक्ल को दी गई। एसडीएम ने इस मामले में नोडल अधिकारी डाॅ प्रशांत कौशिक को मामले की जांच के निर्देश दिए जिसके बाद नोडल अधिकारी डाॅक्टर कौशिक अस्पताल पहुंचे तो रिपोर्ट देखकर वह भी हैरान हो गये। युवाओं को सौंपी गई रिपोर्ट में नोडल अधिकारी की मोहर तो लगाई गई थी लेकिन उस पर जो हस्ताक्षर थे वह फर्जी थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी यह मामला उनके संज्ञान में आया था,तब उन्होंने अस्पताल की लैब में रैपिड एंटीजन की किट उपलब्ध कराना बंद कर दिया था। उन्होंने इस रिपोर्ट को भी फर्जी बताते हुए कहा कि वह इस मामले में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। क्योंकि फर्जी रिपोर्ट से विभाग की बदनामी होने के साथ ही उनकी छवि भी धूमिल हुई है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट पर जो हस्ताक्षर है वह उनके नहीं है। वहीं इस मामले में चिकित्सालय के एमडी डाॅ राकेश वाटर ने बताया कि इस मामले में उनकी ओर से भी कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

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