किसान नेता 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे,फेसबुक ने खोला किसानों का बंद पेज

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नई दिल्ली । कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन रफ्तार पकड़ रहा है। सोमवार को करीब एक दर्जन किसान नेता 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे हैं, ये प्रक्रिया हर रोज रोटेशन के आधार पर चलेगी। दूसरी ओर सरकार ने भी किसानों के सामने फिर से बातचीत का प्रस्ताव रखा है। आंदोलन की जंग के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि जो किसान संगठन नए कानूनों का समर्थन कर रहे हैं, वो उनसे मुलाकात करेंगे। टिकैत ने कहा कि हम समझना चाहते हैं कि जो फायदा हमें नहीं दिखा, उन्हें कैसे दिखा। एक ओर कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है, तो दूसरी ओर दिल्ली में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा मोदी सरकार के कृषि बिल को किसानों के फायदे के लिये है हमने कानून के पक्ष में पदयात्रा निकालकर समर्थन कर रहे है। वहीं बातचीत को लेकर सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर किसान नेता हनन मुल्ला का कहना है कि सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है। हर बैठक में अपना ही एजेंडा थोप रही है, किसानों के एजेंडे पर कोई चर्चता नहीं हो रही है। अगर बातचीत करनी है तो हमारे एजेंडे पर होनी चाहिए। अगर किसी मामले को ठंडे बस्ते में डालना हो तो कमेटी की बात होती है, हम इसका विरोध कर रहे हैं। कृषि कानून के खिलाफ किसानों की भूख हड़ताल जारी है।जब इनके 24 घंटे पूरे होंगे तो मंगलवार को दूसरे किसान नेता अपनी हड़ताल शुरू कर देंगे। किसानों ने ऐलान किया है कि अब इसी तरह रोटेशन में हड़ताल चलती रहेगी।गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। सोमवार को गाजियाबाद के एसपी सिटी, एडीएम किसानों से मिलने पहुंचे और उनसे बात की। किसानों का कहना है कि उनके समर्थकों के ट्रैक्टरों को रोका जा रहा है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि व्हीकल ब्लाॅक करने के मुद्दे को निपटाया जाएगा, इसके अलावा सफाई, मोबाइल चार्जिंग समेत अन्य मुद्दों पर प्रशासन सहायता करेगा। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का धरना जारी है। आज किसान भूख हड़ताल भी कर रहे हैं, जो अब हर 24 घंटे में रोटेशन के हिसाब से बदलेगी। इस बीच आज पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ फिर आंदोलन में शामिल होंगे और गाजीपुर बाॅर्डर पर पहुंच सकते हैं। सरकार किसानों से चर्चा करना चाह रही है, लेकिन अब किसानों की ओर से अपने आंदोलन को धार दी जा रही है ताकि लड़ाई लंबी चल सके।किसानों और सरकार के बीच टकराव बढ़ रहा है। जबकि दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की मौत को लेकर भी विपक्षी दलों के साथ ही किसान संगठनों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। किसानों ने 27 दिसंबर को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के दौरान पूरे समय थाली पीटते रहने की बात कही है। किसान नेताओं ने कहा है कि हम सभी से अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान 27 दिसंबर को जब तक वो बोलते रहें, सभी अपने घरों से थाली बजाएं। दिल्ली से नोएडा आने वाले चिल्ला बाॅर्डर का एक हिस्सा खोला गया है, हालांकि नोएडा से दिल्ली जाने वाला हिस्सा बंद है। टिकरी, धनसा बाॅर्डर पूरी तरह बंद हैं। झाटिकारा बाॅर्डर सिर्फ टू व्हीलर के लिए खोले गए हैं। सिंघु, मंगेश, पियाउ मनियारी बाॅर्डर पूरी तरह से बंद हैं। बीते दिन किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को लेकर जमकर बवाल हुआ। किसानों ने अपने आंदोलन की आवाज तेज करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है, लेकिन रविवार को फेसबुक ने किसानों के पेज को बंद किया। जब इसपर काफी विवाद हुआ तो फेसबुक द्वारा पेज को फिर सही कर दिया गया। आंदोलन के बीच सरकार ने फिर किसानों से बातचीत की पहल की है। कृषि मंत्रालय ने किसान संगठनों को एक चिट्टी लिखी है, जिसमें सरकार की ओर से बातचीत की मंशा जाहिर की गई है। बातचीत कब करनी है, ये किसान तय कर सकते हैं। बता दें कि अबतक किसान-सरकार में 6 दौर की बातचीत फेल हो चुकी है। कृषि कानून की वापसी पर किसान लगातार अड़े हुए हैं। इसी बीच आंदोलन को धार देते हुए किसानों ने सोमवार को भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। किसान संगठन आज हर धरना स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इससे पहले भी किसानों ने भारत बंद, भूख हड़ताल बुलाया था।

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