आइएएस वीषणमुगम को कर्मकार कल्याण बोर्ड में अनियमितताओं की जांच सौंपी

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देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में तमाम अनियमितताओं ने विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका दे दिया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे भुनाने की तैयारी कर ली है। विधानसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा सदन में गूंजेगा। कर्मकार कल्याण बोर्ड में अनियमितताओं का मुद्दा सरकार पर भारी पडने जा रहा है। प्रारंभिक स्तर पर बोर्ड में अनियमितताओं के जो भी मामले आए हैं, सरकार उन्हें श्रम विभाग के संबंधित एक्ट और नियमों का उल्लंघन मान रही है। यही वजह है कि मुख्य सचिव ओम प्रकाश सिंह की ओर से इस संबंध में मुख्यमंत्री को रिपोर्ट भेजी गई थी। अब इस मामले में आइएएस वीषणमुगम को जांच सौंपी गई है। वीषणमुगम की छवि ईमानदार अधिकारी के रूप में है। माना जा रहा है कि जांच में विभिन्न स्तरों पर बरती गई अनियमितताएं खुलकर सामने आ सकती हैं। गौरतलब है कि कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से कोटद्वार अस्पताल के नाम पर 20 करोड़ रुपये जारी किए जाने को शासन ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों के स्तर पर बरती गई लापरवाही का भी पता लगाया जा रहा है। उधर, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने की ताक में रहने वाली कांग्रेस को कर्मकार कल्याण बोर्ड के रूप में बड़ा मुद्दा मिल गया है। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाॅ. इंदिरा हृदयेश के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी इस मामले को सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। श्रम मंत्री हरक सिंह रावत भी कांग्रेस नेताओं के निशाने पर रहे हैं।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बोर्ड में जमा जनता और श्रमिकों की गाढ़ी कमाई के पैसे के इस्तेमाल को लेकर श्वेत पत्र जारी करने से लेकर एसआइटी जांच की मांग कर डाली। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि बोर्ड में गड़बड़ी ने सरकार के भीतर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है। कांग्रेस इसे पुरजोर तरीके से विधानसभा सत्र के दौरान उठाएगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बोर्ड में करीब 400 करोड़ के घपले का अंदेशा जताया है। साथ ही इसकी व्यापक जांच करने की मांग की है।

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