उत्तराखंड में दिल्ली के विकास माॅडल से लोग भाजपा व कांग्रेस को भूल जाएंगे : मनीष सिसोदिया

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देहरादून। राजधानी देहरादून स्थित सर्वे चैक स्थित आइआरडीटी सभागार में देवभूमि की बात मनीष सिसोदिया के साथ कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी  के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुद्धिजीवियों के सवालों के जवाब दिए। सीमांत क्षेत्रों में हेल्थ सुविधाओं को विकसित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में मेडिकल सुविधा उपलब्ध करानी होगी। यह नियत सिर्फ केजरीवाल के पास ही है। आप दिल्ली के शिक्षा माॅडल का प्रसार कर रहे हैं, लेकिन पहाड़ में शिक्षक व चिकित्सक डड्ढूटी करने जाना नहीं चाहते, इसके विकल्प पर सिसोदिया ने कहा कि अच्छी सुविधाएं मिलेंगी तो सभी पहाड़ चढ़ेंगे और मेहनत लगन से अपनी डड्ढूटी भी करेंगे। इसके अलावा उन्होंने उद्योग, कृषि, बागवानी, उत्तराखंड की परिसंपत्तियों का राजस्व प्रदेश को मिलने के सवाल पर कहा कि ये सभी समझने की चीजें हैं, बिना इन्हें समझे इन पर टिप्पणी करना उचित नहीं है, लेकिन अगर समस्या होती है, तो उसका समाधान भी होता है। पलायन रोकने की आप की योजना पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि कुछ लोग दिल्ली से नोएडा जाकर बस गए थे, कुछ ही महीनों में वापस दिल्ली लौट आए। कारण था कि दिल्ली में बिजली, पानी मुफ्त मिल रहा है। जिस भी प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की सुविधाएं मिलेंगी, वहां से पलायन होने की संभावना ही नहीं है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैंने महसूस किया है कि उत्तराखंड आकर पवित्र ऊर्जा का संचार होता है। मां गंगा की पूजा कर एक अलग की ऊर्जा उत्पन्न होती है, उत्तराखंड की इस ऊर्जा से देशभर को रूबरू होना चाहिए। यहां की सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए थे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह सरकार सिर्फ भाजपा की नहीं है, यह भाजपा व कांग्रेस की मिली-जुली सरकार है। इस सरकार में मुख्यमंत्री भाजपा का है, तो मंत्री कांग्रेस के हैं। यही कारण है, यहां सरकार काम ही नहीं कर पा रही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के निवासी एक बार आप को वोट तो करें, आप की सरकार के कामकाज के बाद उत्तराखंड के लोग भाजपा व कांग्रेस को भूल जाएंगे। इस दौरान उन्होंने बुद्धिजीवियों के सवालों के जवाब में उत्तराखंड वासियों को दिल्ली के विकास माॅडल से रूबरू कराया।  मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जीरो टाॅलरेंस की बात करते हैं और खुद जीरो वर्क करते हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार चरम पर है। कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाडना है, इस कार्य में उत्तराखंड की जनता हमारे साथ है। इसके बाद बुद्धिजीवियों ने मनीष सिसोदिया से उत्तराखंड के विकास माॅडल को लेकर सवाल किए। उत्तराखंड में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की योजना के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में आप की सरकार से पहले 60 फीसद शिक्षक न्यूनतम मानदेय पर कार्य कर रहे थे, हमने मामले का कोर्ट से निस्तारण कराकर नियमों में बदलाव कर सभी शिक्षकों को समान वेतन दिया। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति से पूरा विश्व रूबरू है। इसके अलावा रिकार्ड 17 हजार शिक्षकों की भर्ती की। आप इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि हमारी सरकार आती है तो क्या-क्या कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली के विकास माॅडल को उत्तराखंड में कैसे लागू करने के सवाल पर कहा कि सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है, दिल्ली से कहीं अधिक संसाधन उत्तराखंड में हैं, यहां सभी टैक्स देते हैं, बस जरूरत है तो संसाधनों में इमानदारी लाने की, टैक्स चोरी रोकने की, यही कार्य हमने दिल्ली में किया और पांच साल में दिल्ली सरकार का बजट दो गुना हो गया। उत्तराखंड की संस्कृति को संजोने की नीति के सवाल पर कहा कि यहां की संस्कृति में पवित्र ऊर्जा है, देशभर को इससे रूबरू होना चाहिए। अभी उत्तराखंड में यहां की भाषाओं की एकेडमी नहीं है, लेकिन हमने तो दिल्ली में कुमाऊंनी, गढ़वाली आदि भाषाओं की एकेडमी बनाई है। स्पोट्र्स को किस तरह बढ़ावा देंगे के सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड के लोग चुस्त दुरुस्त हैं, यहां की परिस्थितियां स्पोट्र्स के लिए अनुकूल हैं, हमने दिल्ली में भी स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी बनाई हैं, यहां भी बनाएंगे।

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