उकसा रहे विपक्षी दल,किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे :भगत
देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया है। उनका कहना है कि कहा कि प्रदेश में किसानों के बजाए विपक्षी दल निजी स्वार्थों के तहत आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने संसद में तीन अति महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों को पारित किया है। पर अफसोस की बात है कि विपक्षी दल किसानों को उकसा रहे हैं। उनके बीच झूठ प्रचारित किया जा रहा है। भगत ने कहा, सरकार ने किसानों के हित के लिए जो काम किए हैं वह पहले किसी सरकार में नहीं हो पाए। पीएम मोदी के शासन में गांव, गरीब और किसान का पहले ध्यान रखा गया है। मौजूदा कृषि बिल से भी किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने यूपीए के कार्यकाल पर भी निशाना साधा। उन्होने कहा कि साल 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रलय का बजट मात्र 12 हजार करोड़ रुपए था, जो आज कई गुना बढ़ाकर एक लाख 34 हजार करोड़ किया गया। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी सरकार किसानों की कितनी फिक्रमंद है। उन्होंने आगे कहा, मोदी सरकार किसानों के हितों को समर्पित सरकार है। आज तक कभी केंद्र सरकार की ओर से एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए की रकम किसानों के हित में खर्च नहीं हो सकी थी, लेकिन मोदी सरकार ने ये भी करके दिखाया है। पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रुपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं। भगत ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा, मोदी सरकार ने क्रांतिकारी पहल करते हुए कृषि अवसंरचना के लिए एक लाखा करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। इसके अलावा मत्स्यपालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खाती के लिए चार हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1000 करोड़ रुपए का पैकेज स्वीकृत किया है, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है। किसानों को ऋण पर बहुत हद तक निर्भर रहना पड़ता है। मोदी सरकार में न सिर्फ ऋण लेने की व्यवस्था आसान हुई है, बल्कि किसानों को बड़ी मात्र में ऋण मिल रहा है। यूपीए के समय किसानों को आठ लाऽ करोड़ का ऋण मिलता था, लेकिन 15 लाख करोड़ सालाना दिया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपीए के शासन काल में स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए अपने सुझाव दिए थे, लेकिन यूपीए ने इन्हें लागू नहीं किया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन की रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया है, बल्कि उसमें और अधिक प्रविधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है। सबसे बड़ी बात मोदी सरकार में न्यूनतम समर्थन मूल्य में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। बंशीधर भगत ने कहा कि मौजूदा कृषि विधेयक भी किसान कल्याण की दिशा में एक और क्रांतिकारी पहल है। इन विधेयकों से न सिर्फ बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, बल्कि किसानों को एक मुत्तफ़ बाजार भी मिलेगा। किसान ऊंची कीमतों पर अपनी उपज बेच सकेगा। मोदी सरकार ने किसानों को दो तरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमतें मिलेंगी। और अगर मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। बीज ऽरीदने से लेकर फसल बेचने तक एक किसान जगह जगह बिचौलियों से घिरा रहता था और बिचौलिये किसान की कमाई पर डाका डालते थे, जिसका नतीजा ये होता था कि किसान को उसकी मेहनत का वाजिब दाम नहीं मिल पाता था। अब इन विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान स्वयं अपनी उपज को अच्छी कीमतों पर मंडियों में या मंडियों के बाहर के बाजार में भी बेच सकता है। इसमें बिचौलियों की भूमिका ऽत्म कर दी गई है। यानि जो मुनाफा किसान से बिचौलिए उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा। उन्होंने कहा, इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है।