35 किसान संगठनो का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा, बातचीत के बीच प्रदर्शन जारी

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कृषि मंत्री तोमर बोलेः पहले विकल्प सुनेंगे फि़र करेंगे फैसला
नई दिल्ली। आखिरकार पांचवे दिन किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत शुरू हो गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में विज्ञान भवन में बातचीत हो रही है। करीब 35 किसान संगठन इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। भाकियू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार शाम 7 बजे यूपी, दिल्ली, उत्तराखड और हरियाणा के किसानों के साथ बातचीत करेगी। सरकार अभी पंजाब के किसान नेताओं से बातचीत कर रही है। नरेश टिकैत ने कहा कि हम मुद्दों पर आिखरी फैसला चाहते हैं। नए कृषि बिल को लेकर राजस्थान के किसान भी केंद्र सरकार से नाराज हैं। इनका कहना है कि नए किसान बिल लागू होने के बाद मंडिया खत्म हो जाएंगी और उद्योगपति सस्ते दामों में किसानों की फसल खरीदकर भंडारण करने लगेंगे। इनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि सरकार ने भंडारण की सीमा खत्म कर दी है। जयपुर के निमेड़ा गांव के ओंकार लांबा का कहना है कि यह बिल काला कानून है और किसानों की खती खत्म कर देगी। रामस्वरूप लांबा बता रहे हैं कि सरकार समर्थन मूल्य पर ऽरीद का कानून इसमें बनाए तभी जाकर किसानों की हित की रक्षा हो पाएगी। बाजरा मूंग और मूंगफली जैसी फसलें अभी किसानों ने उन्हें अपने भाव में बेची है, जबकि समर्थन मूल्य पर इनकी खरीद नहीं हुई है। किसानों ने कहा कि सरकार और पंजाब के किसानों के बीच समझौता नहीं हुआ तो राजस्थान के किसान भी दिल्ली जाएंगे। किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच बैठक शुरू हो गई है। विज्ञान भवन में राजनाथ सिंह की अगुवाई में सरकार बैठक कर रही है, अमित शाह, नरेंद्र सिंह तोमर भी बैठक में शामिल हैं। इस मीटिंग में कुल 35 किसान संगठन के नेता हिस्सा ले रहे हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच अब से कुछ देर में बातचीत शुरू हो गई है। 32 किसान संगठनों के लोग मीटिंग के लिए सिंधु बॉर्डर से निकल चुके हैं। कुल तीन लोगों के ग्रुप में करीब 35 लोग बातचीत के लिए जाएंगे। गौरतलब है कि सरकार की ओर से किसानों के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में बातचीत होगी। एक तरफ किसान संगठन के नेता सरकार से बात करने के लिए रवाना हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर किसान सड़कों पर आ गए हैं। यहां भीम आर्मी चीफ चंद्रशेऽर आजाद भी पहुंचे हैं। इन किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के साथ बातचीत का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो रहा है और बिना शर्त के हो रहा है। क्योंकि पहले तो सरकार बातचीत के लिए शर्त लगा रही थी। पंजाब किसान यूनियन के अध्यक्ष जगजीत सिंह का कहना है कि हम बातचीत के लिए जरूर जा रहे हैं, लेकिन अपनी मांगें मनवाए बिना नहीं मानेंगे। किसानों के प्रदर्शन के बीच हरियाणा में मनोहर खट्टर सरकार को झटका लगा है। निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। विधायक ने कहा कि किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, उसको देखते हुए मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं। कृषि कानून के मसले पर जारी उत्तर भारत में किसानों का आंदोलन अंतरराष्ट्रीय सुिऽर्यां बटोर रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में जारी इन प्रदर्शनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों का समर्थन करता है।किसान संगठनों ने आिऽरकार ये तय कर लिया है कि वो आज होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। दिल्ली में सुबह सिंधु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव पर मंथन हुआ। किसानों की ये बैठक तीन घंटे चली, जिसमें सरकार के साथ वार्ता करने पर सहमति बनी है। चंद्रशेऽर आजाद की भीम आर्मी ने भी मंगलवार को किसान आंदोलन में हिस्सा लिया। गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों के साथ भीम आर्मी के लोगों ने प्रदर्शन किया।टिकरी बॉर्डर पर मौजूद पंजाब किसान यूनियन के प्रमुख रुल सिंह का कहना है कि वो लोग सरकार से बातचीत करेंगे और आज होने वाली बैठक में शामिल होंगे। बता दें कि कुछ संगठनों ने चिन्हित संगठनों को बुलाने का विरोध किया था। बातचीत के बीच किसानों का प्रदर्शन जारी है। मंगलवार सुबह किसानों ने गाजियाबाद-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया और यहां लगे बैरिकेड को ट्रैक्टरों से हटाने की कोशिश की। इससे पूर्व किसानों के साथ होने वाली बातचीत से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नîóा के आवास पर बैठक हुई। इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल जैसे बड़े नेता शामिल हुए और किसानों के मसले पर पर मंथन किया। गौरतलब है कि किसानों को एमएसपी और मंडी के मुद्दे पर उन्हें लििऽत गारंटी चाहिए। किसान संगठनों को डर है कि नया कानून जैसे ही जमीन पर उतरेगा, एमएसपी धीरे-धीरे खत्म होने लगेगी। इस बात को कानून में शामिल करवाना चाहते हैं। इधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर किसानों का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि सैकड़ों अन्नदाता मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए। पंजाब किसान संघर्ष कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुऽविंदर एस। सभ्रान का कहना है कि देश में करीब 500 किसान संगठन आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ने 32 संगठनों को ही बातचीत के लिए बुलाया है। ऐसे में जबतक सभी को नहीं बुलाया जाएगा, हम नहीं जाएंगे।

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