2021 में आयेगी दवाई.. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग शुरूः कोरोना वैक्सीन के वितरण पर मंथन
नई दिल्ली/ देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच कोरोना संकट पर बैठक शुरू हो गई है। देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर रोज कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य कई राज्यों में कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ता हुआ देखने को मिल रहा है। वहीं कोरोना की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सुझाव दिए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण का ग्राफ ऊपर की ओर जा रहा है। इस बीच पीएम मोदी के साथ कोरोना को लेकर हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। सूत्रें के मुताबिक सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस बैठक में कहा कि 10 नवंबर को शहर में कोविड-19 के सर्वाधिक 8600 नए मामले सामने आए थे और उसके बाद से मामले तेजी से कम हो रहे हैं। सूत्रें के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर का इतना असर कई कारणों की वजह से पड़ा है। जिनमें से सबसे अधिक प्रदूषण जिम्मेदार है। सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया ताकि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली के कारण होने वाले प्रदूषण से निजात पाई जा सके। बैठक में केजरीवाल ने दिल्ली में कोविड-19 की तीसरी लहर के खत्म होने तक शहर में केंद्र सरकार के अस्पतालों में अतिरित्तफ़ 1000 आईसीयू बेड मरीजों के लिए आरक्षित करने का अनुरोध किया है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी शिरकत की है। कोरोना वायरस के हालात पर चर्चा करते हुए उद्धव ठाकरे ने राज्य की स्थिति से पीएम मोदी को अवगत कराया। इसके साथ ही सीएम ठाकरे ने कोरोना वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए टास्क फोर्स बनाने की बात कही है। बैठक में सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वो सीरम इंस्टीटड्ढूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के साथ लगातार संपर्क में हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया जो वैक्सीन के आने के बाद उसके समय पर डिस्ट्रीब्यूशन को सुनिश्चित करेगी। वहीं ये टास्क फोर्स वैक्सीनेशन प्रोग्राम के संचालन की भी देखरेख करेगी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र ने मंगलवार को उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की, जहां हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर रहे हैं। जिनमें केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन से हुई। अमित शाह ने कहा कि यूरोप-अमेरिका में फिर से मामले बढ़े हैं, ऐसे में हमें सावधान रहना होगा। अमित शाह ने राज्यों से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को अनिवार्य करने पर जोर देने को कहा। अमित शाह के बाद स्वास्थ्य सचिव ने आगामी दिनों की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और राजस्थान को विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बात करेंगे। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहली बैठक में कुल आठ राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। जिनमें केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। दोपहर बाद उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक से जुडें। आज होने वाली दूसरी बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में कोरोना वैक्सीन के वितरण पर मंथन किया जाएगा। देश में करीब पांच वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और अभी तक सकारात्मक रिपोर्ट्स आ रही हैं। ऐसे में सरकार की ओर से वैक्सीन वितरण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों साथ बैठक कर चुके हैं। पीएम राज्यों से कोरोना केस की जानकारी, बचाव के लिए अपनाएं जा रहे तरीके व केंद्र के सहयोग को लेकर प्रमुखता से बातचीत करेंगे। कोरोना महामारी के बड़ते प्रकोप को लेकर राज्य अपनी ओर से क्या प्रयास कर रहे हैं, संक्रमण के रोकथाम के लिए किस तरह से प्रयास किया जा रहा, इसको लेकर समीक्षा होगी। इस बैठक का दूसरा महत्वपूर्ण एजेंडा देशवासियों के लिये कोरोना के टीकाकरण को लेकर है। अगले साल 2021 की शुरुआत में टीका आने की उम्मीद है। ऐसे में उसको कैसे मरीजों के साथ साथ आम लोगों तक पहुंचाया जाए जबकि टीका को स्टोर करने के लिए राज्यों के पास क्या संसाधन हैं, और किस तरह से टीकाकरण का वितरण किया जाएगा इस मुद्दे पर बातचीत होने की उम्मीद है।दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन मैन्युफैक्चर संस्थान में से एक सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि वैक्सीन बनने के बाद सबसे पहले भारत की आपूर्ति को ही पूरा किया जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट के आदर पूनावाला ने कहा कि भारत के बाद अन्य देशों की जरूरत पूरी की जाएंगी। सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर काम कर रहा है और भारत में उसका पार्टनर है।