खाकी में इंसान : एनकाउंटर स्पेसिलिस्ट की ताजपोशी से बदमाशों में खौफ,उत्तराखंड पुलिस का जोश हाई
अशोक कुमार संभालेंगे उत्तराखंड पुलिस की कमान
देहरादून(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो)। आईपीएस अशोक कुमार उत्तराखंड राज्य में कई महत्वपूर्ण एवं मित्र पुलिस की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। एनकाउंटर स्पेसिलिस्ट की ताजपोशी से जहां बदमाशों में खौफ पैदा हो गया है वहीं उत्तराखंड पुलिस का जोश हाई है। विगत वर्ष 1994 में अशोक कुमार चमोली जिले के एसपी थे। उत्तराऽंड आंदोलन अपने चरम पर था। लगभग सभी जगहों पर आंदोलनकारी शहीद हो रहे थे। लेकिन, उस वत्तफ़ चमोली ही एक ऐसी जगह थी जहां पर एक भी आंदोलनकारी शहीद नहीं हुआ था। पूरा आंदोलन शांतिपूर्वक रहा। वर्ष 1995 में आईपीएस अशोक कुमार हरिद्वार में तैनात रहे। यहां उन्होंने अर्द्धकुंभ समेत कई मेले शांतिपूर्वक संपन्न कराए। इसके बाद उन्होंने आईजी गढ़वाल रहते हुए कई महत्वपूर्ण मेलों को शांतिपूर्वक पूरा कराया। श्री अशोक कुमार हमेशा से अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते रहे हैं। इतना ही नहीं वर्तमान में उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने लॉकडाऊन में अपनी कुशल कार्यशैली से विषप परिस्थतियों का बेहतर क्रियान्वयन किया है।ऊधमसिंहनगर में साम्प्रदायिक माहौल खराब करने वालों पर भी सख्त कार्यशैली के चलते ही उत्तराखंड में शाति व्यवस्था कायम करवाने उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है । 90 के दशक में तराई से अपराध खत्म करने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। बताया जाता है कि शाहजहांपुर, रुद्रपुर, नैनीताल आदि जगहों पर रहते हुए उन्होंने कई बदमाशों के एनकाउंटर किए। इनसे यहां का अपराध पहले की अपेक्षा बेहद कम हो गया। कुख्यातों को जेल भेजने से लेकर उन्हें मार गिराने में अशोक कुमार के नेतृत्व को सराहा जाता रहा है। आईपीएस अशोक कुमार नैनीताल के एसपी देहात में कार्यरत थे। उस वत्तफ़ रुद्रपुर जिला मुख्यालय था। नैनीताल की तलहटी में एक गांव के पास गन्ने के खेत में कुछ बदमाश छुपे होने की सूचना मिली तो उन्होंने फोर्स के साथ मोर्चा संभाला। यहां दोनों ओर से करीब 3000 हजार गोलियां चली थीं। इस एनकाउंटर में हीरा सिंह गैंग के दो कुख्यात बदमाशों की मौत हुई थी। हांलाकि डीजीपी अनिल रतूड़ी के दिशा निर्देशन में श्री अशोक कुमार ने प्रदेश के सभी जनपदों में पहुंचकर जमीन पर उतरकर भी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने का प्रयास किया साथ ही ईमानदारऔर कुशल कार्यशैली के लिये पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया। इसका लाभ उन्हें प्रदेश के सर्वोच्च पद पर मिली ताजपोशी के रूप में भी देखा जा सकता है।देशव्यापी कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच पुलिस महकमे की जिम्मेदारियों का वह बखूबी निर्वहन कर रहे है। प्रदेशवासियों को भी मित्र पुलिस से उम्मीदे बढ़ गई है। माना जाता है कि अशोक कुमार की ईमानदार और सक्रिय कार्यशाली से अब प्रदेश के बेपरवाह पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में भी बेचैनी बढ़ गई है। अशोक कुमार सोशल मीडिया के जरिये भी आम लोगों से जुड़े हुए है। हांलाकि अब प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें नये डीजीपी के रूप में पुलिस महकमे की कमान सौपी गई है। बहरहाल उत्तराखंड में कानून व्यवस्थाओं को नयी दिशा देने के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्थाओं को भी दुरूस्त करने की उम्मीद है। महानगरों में आये दिन चोरी,लूटपाट और हत्याओं की घटनायें बढ़ती जा रही है।जबकि सुरक्षा व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के लिये डिजिटल कंट्रोल सिस्टम को सक्रिय रखने की जरूरत है। वहीं पुलिस टीमों के लिये आधुनिक तकनीक की व्यवस्था के लिये प्रशिक्षित किया जा सकता है जिससे पुलिस की छवि पर सवालिया निशान खड़े नही हो। प्रदेश में सीपीयू को ट्रैफिक कंट्रोल की जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है हांलाकि नियमों के उल्लंघन पर कानून का बेजा इस्तेमाल किया जाता है। प्रदेशभर में अवैध शराब और स्मैक के कारोबारियों की धड़पकड़ के लिये ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। जिससे नौजवान और बेरोजगार युवाओं को नशे के प्रभाव से बचाया जा सकता है। हांलाकि उत्तराखंड में भौगालिग रूप से बहुउपयोगी भांग के उत्पादन पर भी नियमावली धरातल पर उतारने की कवायद शुरू नहीं की गई जिससे स्थानीय ग्रामीणाें की खेती को प्रोत्साहित किया जा सके। पीड़ितों के साथ अभद्रता की शिकायते आये दिन आती रहती है। पुलिसिंग के लिये संवेदनशील होकर व्यवस्थाओं का पालन करने के लिये वीडियोग्राफी भी अनिवार्य रूप से लागू करनी होगी जिससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम कसी जा सके। आम लोगों के लिये यातायात व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है। सड़कों के किनारे अव्यवस्थित रूप से व्यवसाय किया जाता है जिससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में देखना होगा कि पुलिस महकमे में नये पुलिस महानिदेश की भूमिका में आईपीएस अशोक की कुमार की विशेश छवि का कितना लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा।
11वें डीजीपी के रूप में 30 नवंबर को विधिवत कार्यभार संभालेंगे
शोसल मीडिया पर भी प्रदेश के नये डीजीपी की ताजपोशी के लिये आईपीएस अशोक कुमार का नाम की अधीसूचना जारी होने के बाद लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने हुए उनके बेहतरीन कार्यकाल के लिये अग्रिम शुभकमनायें दी है। बता दे कि पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूड़ी की सेवानिवृत्ति के बाद अब प्रदेश के 11वें डीजीपी के रूप में श्री अशोक कुमार 30 नवंबर को विधिवत कार्यभार संभालेंगे। आईपीएस अशोक कुमार अपनी लिखी पुस्तक ‘खाकी में इंसान’ के शीर्षक को चरितार्थ करते हैं। सरल स्वभाव और मृदुभाषी अशोक कुमार अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। तीन दशकों में इलाहाबाद के बाद अलीगढ़, रुद्रपुर, चमोली, हरिद्वार, शाहजहांपुर, मैनपुरी, नैनीताल, रामपुर, मथुरा, पुलिस मुख्यालय देहरादून, गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में वे अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इनके अलावा आईपीएस अशोक कुमार सीआरपीएफ और बीएसएफ में भी प्रतिनियुत्तिफ़ पर रह चुके हैं। इन सभी जगहों पर उन्होंने अपने व्यत्तिफ़त्व की अमिट छाप छोड़ी। अशोक कुमार का जन्म 20 नवंबर 1964 को हरियाणा के पानीपत जिले के कुराना गांव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद आईआईटी दिल्ली से बीटेक और एमटेक की शिक्षा प्राप्त की थी। वर्ष 2001 में दक्षिण पूर्व यूरोप के कोसोवो में उत्कृष्ट कार्य के लिए यूएन मिशन पदक मिला था। वर्ष 2006 में दीर्घ एवं उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। अशोक कुमार वर्तमान में डीजी कानून व्यवस्था उत्तराऽंड के पद पर हैं। संघ लोक सेवा आयोग के पैनल में शामिल नामों में से अशोक कुमार को उत्तराखंड का नया पुलिस महानिदेशक बनाने की शासन ने मंजूरी दे दी। आगामी 30 नवंबर 2020 को डीजीपी उत्तराखंड का पदभार ग्रहण करेंगे।