छठ महापर्व पर इस बार मेला लगाने की नहीं मिली अनुमति

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पूजा स्थल पर सभी से मास्क लगाकर आने की अपील
रुद्रपुर/हल्द्वानी। पूर्वाचल समाज के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा पर इस बार कोरोना महामारी के चलते कई आयोजन रद कर दिए गए हैं। छठ घाट पर इस बार मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं किए जाएंगे। घाट किनारे सिर्फ पूजा कार्यक्रम ही संपन्न किया जाएगा। रुद्रपुर छठ महोत्सव के दौरान विभिन्न गतिविधियां बीते 25 वर्षाे से की जा रही हैं। पूर्वाचल समाज समिति की ओर से छठ घाट पर चार दिनों का मेला और सांस्कृतिक आयोजन किए जाते रहे हैं। इस बार कोरोना महामारी का प्रकोप देखते हुए पूर्वांचल समाज समिति ने सिर्फ पूजन कार्यक्रम की ही अनुमति दी है। जिसमें शारीरिक दूरी और मास्क आदि का विशेष ध्यान रखने की बात कही जा रही है। पूर्वांचल समाज समिति के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि पूजा स्थल पर सभी से मास्क लगाकर आने की अपील की जा रही है। बिना मास्क के पूजा स्थल पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मौके पर सैनिटाइजर व 300 मास्क की भी व्यवस्था की गई है। वहीं छठ घाट पर स्थानीय लोगों ने बेदी निर्माण के बाद रंगाई आदि का कार्य किया। नगर निगम के महापौर रामपाल सिंह ने मंगलवार को छठ घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर बेदी बना रहे लोगों से बात करके समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। पूर्वांचल समाज समिति के महामंत्री फुदेना साहनी ने महापौर से नदी की सफाई करने व प्रकाश व्यवस्था का अनुरोध किया। महापौर ने बताया कि मौके पर सफाई व प्रकाश व्यवस्था के निर्देश नगर निगम कर्मचारियों को दिया गया है। छठ पूजा कार्यक्रम का आरंभ बुधवार को नहाय, खाय के साथ हो गया है। जिसमें लोगों ने स्नान के बाद कद्दू और चावल का प्रसाद ग्रहण किया। गुरुवार को खरना पर्व के दौरान व्रती चावल और गुड़ की खीर का प्रसाद ग्रहण करेंगे। शुक्रवार को अस्त होते सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। वहीं हल्द्वानी शहर में ही करीब 70 से 80 परिवार हर साल छठ पूजा करते हैं। छठ पूजा सेवा समिति ने बताया कि दोपहर को व्रती महिला व पुरुषों द्वारा चावल, चने की दाल, लौकी की सब्जी में सेंधा नमक मिलाकर खाया जाता है। जिसके बाद परिवार के अन्य लोग भी इसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। गुरुवार को व्रती संध्या के समय छठ मैया के लिए मिट्टðी के चूल्हे पर नए बर्तन में गुड़ और चावल की खीर बनाएंगे। साथ ही गुड़ की पूड़ियाँ, सादी पूड़ियाँ और विभिन्न तरह की मिठाइयां बनाकर केले के पत्ते पर छठ मैया के लिए प्रसाद निकाला जाएगा। मैया को भोग लगाने के बाद व्रती इसी प्रसाद को ग्रहण करेंगे। पूरे दिन में यही व्रती का आहार होगा। इस पवित्र आहार को ग्रहण करने के बाद व्रती अगले 16 घन्टे तक कुछ भी नहीं खाएंगे। जब तक कि उगते सूर्य को अघ्र्य न दे दें। रामपुर रोड पर स्थित छठ पूजा स्थल पर सजावट की तैयारियां शुरू हो गयी हैं।

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