सीएम के खिलाफ पीएम को लिखी चिट्ठी,लाखीराम जोशी भाजपा से निलंबित
देहरादून । भाजपा नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी को भाजपा से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है, जिसमें उनसे सात दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। पार्टी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए उस पत्र का संज्ञान लेते हुए की है, जिसमें प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए नेतृत्व परिवर्तन का प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है। यह पत्र जोशी ने प्रधानमंत्री को भेजा है। जबकि पत्र के जरिये नोटबंदी के दौरान भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया है। हांलाकि सुप्रीम कोर्ट से उक्त मामले में चार सप्ताह की राहत देने के बावजूज लाखीराम ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पदमुक्त कर जांच कराने की मांग भी की है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ. देवेंद्र भसीन ने बताया कि पूर्व मंत्री जोशी को सात दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। उनका उत्तर संतोष जनक नही पाए जाने पर उन्हें पार्टी से बर्खास्त भी किया जा सकता है। टिहरी के पूर्व विधायक लाखीराम जोशी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र ने सियासी हलचल मचा दी है। पीएम नरेंद्र मोदी को शिकायती पत्र लिखने के कारण भाजपा प्रदेश संगठन ने लखीराम जोशी को निलंबित करने के मामले में पूर्व विधायक ने कहा कि इस तरह किसी का निष्कासन नहीं किया जा सकता। व्यवस्था के अनुसार पहले नोटिस देना पड़ता है। उसके बाद ही निष्कासन होता है। मैंने सत्य बात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। गौरतलब है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ तथाकथित तौर पर नोटबंदी के दौरान भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए एक चैनल के पत्रकार ने सोशल मीडिया वीडियो बनाकर डाला था साथ ही मामले से जुड़ी जानकारी प्रसारित की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने पत्रकार के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया है। हांलाकि अब सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच पर रोक लगाने राहत मिलने के बाद इस मुद्दे को लेकर सियासी बहस थम गई हो लेकिन एक बार फिर लाखी राम द्वारा अपनी ही पार्टी सरकार के खिलाफ खड़े होकर सीएम को पदमुक्त करने की मांग उठाने के बाद वह सियासी बहस का केंद्र बन गये है। इधर सोशल मीडिया पर भी लाखी राम की चिट्ठी को लेकर विपक्ष ने भाजपा पर सियासी हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार की खुली जांच के लिये तत्काल गद्दी छोड़ने की मांग की है।