अब पंजाबी, थारू और बंगाली व्यंजन परोसने की तैयारी में हरीश रावत
देहरादून(उद ब्यूरो)। उत्तराखंड के पूर्व सीएम व कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत इन दिनों पहाड़ी व्यंजनों की ब्रांडिंग शुरू करते हुए एक बार फिर सियासी सुर्खियों में छा गये है। कोरोना महामारी से बचाव के लिये प्रदेशवासियों से रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिये देहरादून में भट, गहत के डुबकों के साथ पहाड़ी ककड़ी और सना नीबू चऽाने के बाद अब पूर्व सीएम हरदा अब सरसों का साग और मक्के की रोटी मय मक्ऽन और बंगाली व्यंजनों को परोसने की तैयारी में है। फेसबुक के जरिये उन्होंने एक पोस्ट में यह ऐलान किया है। इसके बाद हरदा थारू व्यंजन चऽना-भात, बंगाली भोजन दही-परमल का स्वाद भी याद कराएंगे। हरदा ने सीएम रहते और अब सत्ता से दूर होने के बाद भी वह ठेले पर बैठकर चर्चा-परिचर्चा के साथ स्वाद लेने में भी माहिर है। उनकी यह दावतें भले गैर राजनैतिक होती है लेकिन चर्चा विपक्ष से लेकर सत्ता के गलियारों तक जरूर होती है। हल्द्वानी में कांग्रेसियों को ऽट्टðा रायता चऽा चुके पूर्व सीएम देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिठ्ठे आम भी िऽला चुके हैं। हाल में हरदा ने दून स्थित आवास में गहत के डुबके और भात परोसने के साथ मूली की टपकी की पार्टी दी। मगर कोरोना काल के चलते आयोजन में शामिल लोगों की संख्या चुनिंदा थी। ऐसे में पूर्व सीएम ने अब कहा कि जल्द सरसों के साग और हो सके तो बाद में थारू और बंगाली ऽाना भी िऽलाया जाएगा। वहीं, हरदा की इन सिलसिलेवार दावतों की चर्चा में सत्ता और विपक्ष की राय का मिजाज भी अलग रहता है। पूर्व सीएम हरीश रावत कांग्रेस शासित राज्य पंजाब के प्रभारी का जिम्मा निभा रहे हैं। कांग्रेस भले इस राज्य में मजबूत स्थिति में हो मगर गुटबाजी को भी नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में सरसों और मक्ऽन लगी रोटी के सियासी मायने भी हैं। वहीं, अगले साल वेस्ट बंगाल में विधानसभा चुनाव है। राष्ट्रीय महासचिव होने की वजह से पार्टी हरदा को वहां प्रचार के लिए भी भेज सकती है।