बच्चों के साथ मसूरी पहुंची प्रियंका गांधी,कपूरथला पैलेस स्थित टिक्का बिजेंदर सिंह के आवास पर रात्रि विश्राम
उत्तराखंड के कांग्रेस नेताओं को भनक तक नहीं,वापसी का कार्यक्रम गोपनीय
देहरादून। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तीन दिनी निजी दौरे के सिलसिले में शुक्रवार को दून पहुंची। रात्रि विश्राम अंतारा सीनियर लिविंग अपार्टमेंट में करने के बाद वह शनिवार सुबह मसूरी रवाना होंगी। उनके दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के चाक-चौबंद बंदोबस्त किए गए हैं। निजी दौरे की वजह से उन्होंने कांग्रेस संगठन और नेताओं से दूरी बनाई हुई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का देहरादून के साथ पुराना लगाव है। उनकी स्कूलिंग वेल्हम गर्ल्स में हुई थी। ऽुशनुमा आबोहवा और पुराने दिनों को याद करने प्रियंका अक्सर दून आती रहती हैं। शुक्रवार को वह दिल्ली से सड़क मार्ग से शाम करीब 5-10 बजे गुनियाल गांव स्थित अंतारा सीनियर लिविंग अपार्टमेंट पहुंची। जेड प्लस सुरक्षा घेरे में देहरादून पहुंची प्रियंका के लिए राज्य पुलिस की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। बताया जा रहा है कि बेटे रेहान और बेटी मिराया के साथ पहुंची प्रियंका रात्रि विश्राम सुविधाओं से लैस अंतारा अपार्टमेंट में ही करेंगी। रेहान प्रसिद्ध दून स्कूल के छात्र रहे हैं। शनिवार सुबह करीब आठ बजे वह सड़क मार्ग से मसूरी के लिए प्रस्थान किया। प्रियंका मसूरी में कपूरथला पैलेस स्थित टिक्का बिजेंदर सिंह के आवास पर ठहरेंगी। रात्रि विश्राम मसूरी में ही करने के बाद रविवार को उनकी वापसी हो सकती है। हालांकि वापसी को लेकर उनका कार्यक्रम गोपनीय रऽा गया है। उनके दून और मसूरी प्रवास के दौरान कांग्रेस की स्थानीय इकाई और बड़े नेताओं को अलग रऽा गया। प्रदेश संगठन और कई नेताओं को उनके दून पहुंचने की भनक तक नहीं थी। बताया जा रहा है कि कुछ चुनिंदा बड़े नेताओं को ही इस दौरे की जानकारी दी गई । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रियंका निजी दौरे पर आई हैं। उनका पार्टी के कार्यक्रम में शिरकत करने या स्थानीय नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम नहीं है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत भी शुक्रवार देर शाम निजी कार्यक्रम के सिलसिले में अल्मोड़ा के लिए रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा का निजी दौरा है। इसलिए उन्होंने न मुलाकात की और न ही फोन पर बातचीत हुई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का यह निजी दौरा है। इसकी आधिकारिक जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नहीं मिली है। ऐसे में पार्टी स्तर पर उनके स्वागत कार्यक्रम तय नहीं हैं। वैसे भी निजी दौरे पर आ रही प्रियंका गांधी से मिलने की भीड़ लगाना उचित भी नहीं है। आगे क्या कार्यक्रम तह होता है इसकी जानकारी बाद में दी जाएगी। दून की प्राकृतिक छटा और शांत वातावरण प्रियंका गांधी वाड्रा को ऽूब भाता है। यहां शहर से हटकर गुनियाल गांव में बने अंतारा सीनियर लिविंग अपार्टमेंट में भी प्रियंका कई बार आ चुकी हैं। मसूरी की तलहटी में यह अपार्टमेंट सोसाइटी नैसर्गिक सौंदर्य के बीच बसी हुई है। करीब छह साल पूर्व गुनियाल गांव के निकट बसाई गई अंतारा सोसाइटी केवल वरिष्ठजनों के लिए है। यहां 55 वर्ष से अधिक आयु के व्यत्तिफ़ रिटायरमेंट के बाद शांतिपूर्ण वातावरण में जीवन व्यतीत करते हैं। यहां करीब डेढ़ सौ अपार्टमेंट, रिजॉर्ट और विला हैं। इसके अलावा यहां क्लब, ग्राउंड, स्वीमिंग पूल से लेकर तमाम तरह के संसाधन उपलब्ध हैं। जानकारी के अनुसार प्रियंका बीते छह साल में यहां 3-4 बार प्रवास कर चुकी हैं। हालांकि, वे यहां हर बार गोपनीय तौर पर ही पहुंचती हैं। उन्हें यहां शांतिपूर्ण वातावरण पसंद है, ऐसे में मीडिया से भी वह दूरी बनाकर रऽती हैं। प्रियंका ने स्कूली शिक्षा देहरादून से ही ग्रहण की है और अब उनके पुत्र रेहान राजीव वाड्रा भी यहां पढ़ते हैं। प्रियंका गांधी शनिवार सुबह सड़क मार्ग से मसूरी पहुंचेगीं, जहां वह कपूरथला एस्टेट में टिक्का बिजेंदर सिंह के बंगले पर उनसे मुलाकात करेंगीं। एक दिन वहीं ठहरने के बाद रविवार सुबह वह दून लौट आएंगी। टिक्का बिजेंदर सिंह कपूरथला के महाराजा जगजीत सिंह के ऽानदान से ताल्लुक रऽते हैं और मसूरी के मोतीलाल नेहरू मार्ग पर कपूरथला एस्टेट में उनका बंगला है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी यहां सोनिया गांधी के साथ आ चुके हैं। राहुल गांधी भी एक बार टिक्का बिजेंदर सिंह से मिलने यहां आए थे। टिक्का बिजेंदर सिंह का कपूरथला पैलेस फ्रेंच आर्कीटेक्चर का शानदार नमूना है, जिसे कपूरथला के महाराज जगजीत सिंह ने 186-9 के दौरान बनाया था। इसका डिजायन ब्रिटिश इंजीनियर जॉस एलएमोर ने तैयार किया था। बताया जाता है कि महाराजा जगजीत सिंह एक बार फ्रांस घूमने गए थे, वहां उन्हें भवन निर्माण शैली पसंद आ गई। 1892 में जब वह पहली बार मसूरी आए तो यहां पर उन्होंने फ्रेंच शैली में भवन निर्माण की योजना बनाई।