मेडिसिटी अस्पताल में शुरू हुई ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट
श्वांस नली और फेफड़ों के गंभीर रोगों के उपचार के लिए नहीं भागना पड़ेगा दिल्ली
रुद्रपुर(दर्पण संवाददाता)। चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार नये आयाम स्थापित कर रहे किच्छा रोड स्थित द मेडिसिटी अस्पताल में एक और नई चिकित्सा सेवा शुरू हो गयी है। अस्पताल के पल्मोनरी विभाग में ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट शुरू हो गयी है। इस नई सुविधा के शुरू होने से अब क्षेत्र के लोगों को फेफड़ों से सम्बंधित गंभीर बिमारियों के ईलाज के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा।
अस्पताल में स्थापित हुई ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट का बीती शाम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार, मेयर रामपाल सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. डी एस पंचपाल और एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने संयुत्तफ रुप से विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर मेडिसिटी अस्पताल में कोरोना का उपचार कराकर पूरी तरह स्वस्थ रहे कई लोगों के साथ ही अस्पताल के चिकित्सकों एवं स्टाफ को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि अस्पताल में ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट का शुभारंभ शहर वासियों के लिए वरदान साबित होगा। इस नई चिकित्सा सुविधाओं से गंभीर मरीजों को बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका बेहतर उपचार मेडिसिटी अस्पताल में ही संभव हो सकेगा ।उन्होंने नई चिकित्सा सुविधा शुरू करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को बधाई दी। एसएसपी कुंवर ने कहा कि अस्पताल आधुनिक सुविधाओं से मरीजों को जीवनदान देने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह खुद कोरोना वायरस की चपेट में आने मेडिसिटी अस्पताल में ही भर्ती हुए थे और यहां की बेहतर चिकित्सा सुविधा की वजह से वह ठीक होकर घर लौटे। इसके अलावा पुलिस विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को भी मेडिसिटी अस्पताल में बेहतर उपचार मिला। जिसकी वजह से वह कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में नई चिकित्सा सेवा शुरू होने से अब फेफड़ों से संबंधित रोगियों का उपचार यहां और भी आसान हो जाएगा। एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने कहा की अस्पताल गरीबों को भी उपचार में राहत दे रहा है यह सराहनीय है। एसएसपी ने कहा कि जिस मिशन के साथ यह अस्पताल शुरू किया गया था उसमें काफी हद तक यह खरा उतर रहा है। उम्मीद है कि आगे भी यह अस्पताल चिकित्सा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से गरीब मरीजों के उपचार में मानवीय मूल्यों को भी ध्यान में रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि चिकित्सा को सिर्फ व्यापार ना समझें बल्कि इसे सेवा भाव के साथ करें तो निश्चित रूप से यह समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगा। एसएसपी ने कहा कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। कोरेाना को लेकर अभी और भी ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। विशेषज्ञों ने भी कहा है कि यह महामारी दिसंबर जनवरी में और ज्यादा खेल सकती है। ऐसे में सावधानी बहुत जरूरी है। जब भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अस्पताल में जाकर जांच कराएं। इसमें जितना विलंब होगा उतना ही यह खुद और दूसरों के स्वास्थ्य के लिए यह घातक साबित होगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में ही कोरोनावायरस उपचार कर लिया जाए तो इससे बचाव हो सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार ने कहा कि छोटे से शहर में इतना बड़ा अस्पताल स्थापित करना बहुत बड़ी चुनौती है। इस जिम्मेवारी को अस्पताल प्रबंधन बखूबी निभा रहा है। किसी भी बड़े संस्थान को संचालित करने में कई दिक्कतें होती हैं और कई सीमाएं भी होती हैं। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर धरती के भगवान हैं। अगर वह अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करें तो समाज को निश्चित इसका लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि रुद्रपुर शहर को अत्याधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल की जरूरत लंबे समय से थी जिसे मेडिसिटी अस्पताल ने पूरा किया है। यहां पर आधुनिक सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही है। यह शहर के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि गरीब मरीजों के इलाज में मेडिसिटी प्रबंधन हर संभव मदद के लिए तैयार रहता है, यह सराहनीय है । उन्होंने कहा कि गरीबी के कारण किसी मरीज का उपचार नहीं रूकना चाहिए। अगर कोई गंभीर बिमारी से पीड़ित गरीब जरूरतमंद अपना उपचार कराने में सक्षम नहीं है तो वह सरकार की ओर से या फिर खुद व्यत्तिफगत रूप से भी मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मेडिसिटी अस्पताल में नई चिकित्सा सुविधा शुरू होना शहर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। अब तक फेफड़ों से संबंधित रोगियों को उपचार के लिए दूसरे शहरों में भटकना पड़ता था अब मेडिसिटी अस्पताल में नई सुविधा शुरू करके क्षेत्र में चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया है और इसका लाभ गंभीर रोगियों को मिलेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि मेडिसिटी अस्पताल प्रबंधन चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है और जनता की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। उन्होंने अस्पताल में नई सुविधा शुरू होने पर अस्पताल प्रबंधन को बधाई दी।
मेडिसिटी अस्पताल के प्रबंधक डाॅ. दीपक छाबड़ा ने कहा क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता है। डाॅक्टर दीपक छाबड़ा ने कहा कि मरीज की जान बचाना उनकी पहली प्राथमिकता होती है। अस्पताल में डाक्टर और स्टाफ को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर किसी मरीज के पास पैसा नहीं है तो उसका इलाज करने से मना ना किया जाए। उन्होंने कहा गरीब जरूरतमंद मरीजों का उपचार करने के साथ ही उन्हें जरूरत पड़ने पर डिस्काउंट भी दिया जाता है और दवाइयों में भी मदद की जाती है। कोशिश यही रहती है कि मरीज यहां से स्वस्थ होकर घर लौटे। उन्होंने कहा कि मेडिसिटी अस्पताल कुमाऊं का पहला ऐसा अस्पताल है जिसमें सभी चिकित्सा सुविधाओं का रेट डिस्प्ले किया गया है किसी भी मरीज से मनमानी फीस नहीं वसूली जाती। डा. छाबड़ा ने कहा कि चिकित्सा सेवाओं को और विस्तार देने के लिए मेडिसिटी प्रबंधन प्रतिब( है। जल्द ही अस्पताल में कुछ और नई अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया जयेगा। कार्यक्रम में कोरोना का उपचार कराकर अस्पताल से ठीक हो कर घर जाने वाले मरीजों को अस्पताल प्रांगण में सम्मानित किया गया । जिन्होंने इस महामारी में मनोबल को मजबूत बनाए रखा तथा सभी ठीक होने वाले मरीजों द्वारा उनके इलाज में सेवाएं देने वाले डाॅक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यत्तफ किया। इस अवसर पर अस्पताल के कोरोना वार्ड में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों कर्मचारियों को अतिथियों ने मंच पर सम्मानित किया और उनका हौसला बढ़ाया। इससे पूर्व कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों का तिलक लगाकर और पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ अविनाश खन्ना, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर हरेंद्र मलिक, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ उदय शंकर,डाॅ अंजू छाबड़ा, भारत भूषण चुघ, संजय रावत, अर्जुन गुप्ता, डाॅक्टर लीला जोशी,व्यापार मण्डल अध्यक्ष संजय जुनेजा, सौरभ बेहड़, डाॅ दीप्ति धीमान, डाॅ रश्मि जेवियर, डाॅक्टर रसिका, डाॅक्टर योगेंद्र भाकुनी, डाॅक्टर अविनाश पाल, डाॅक्टर एस के जैन, डाॅक्टर रोहिणी, डाॅक्टर राहुल अग्रवाल, डाॅ असीम चावला, डाॅक्टर शिव मोहन, डाॅक्टर अभिजीत भंडारी, निदेशक राहुल चंद सहित तमाम लोग मौजूद थे।
क्या है ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट ?
रूद्रपुर। मेडिसिटी अस्पताल के पल्मोनरी विभाग में शुरू हुई ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट शहर में पहली बार शुरू हुयी है। इस यूनिट के शुरू होने से अब फेफड़ों के ईलाज के लिए मरीजों को दूसरे शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा। मेडिसिटी अस्पताल के प्रबंधक डाॅ दीपक छाबड़ा ने ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट के उदघाटन के अवसर पर यूनिट की स्थापना एवं उसकी आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि यह यूनिट रुद्रपुर की पहली यूनिट है। इस यूनिट की स्थापना के बाद अब मरीजों को श्वांस नली और फेफड़ों में होने वाले संक्रमण की जांच कराने के लिए किसी अन्य शहर में नहीं जाना पड़ेगा। इसकी सुविधा अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। डाॅ छाबड़ा ने बताया कि निकट भविष्य में फेफड़ों की एलर्जी से संबंधित जांच एवं उपचार की सुविधा भी मेडिसिटी अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएगी। ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट की आवश्यकता तथा उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताते हुए पल्मोनरी विभाग के प्रभारी डाॅ. भारत रावत ने बताया कि ब्रान्कोस्कोपिक यूनिट से गंभीर मरीज को जीवनदान दिया जा सकता है। इस यूनिट में दूरबीन द्वारा गले वह फेफड़ों में गंभीर रोगों का पता लगाया जाता है। ब्रोंकोस्काॅपी एक तरह की दूरबीन प्रक्रिया वाली जांच है। इस जांच के तहत एक नली मुंह या नाक से श्वांस नली एवं फेफड़ों में डाली जाती है जिसमें सूक्ष्म कैमरा लगा होता है। इसके माध्यम से यह पता लगता है कि श्वास नली में संक्रमण गांठें, छाले या कैंसर के लक्षण तो नहीं है। इसके अलावा फेफड़ों की नलिकाओं में होने वाले संक्रमण का भी इसी जांच से पता लगाया जाता है। यह जांच जितनी महत्वपूर्ण है उतनी सरल और सुरक्षित भी है। यह जांच मरीज के गले को सुन्न करके की जाती है।
मेडिसिटी में चार सौ से अधिक कोरोना मरीज हुए स्वस्थ
रूद्रपुर। क्षेत्रवासियों को आधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा द मेडिसिटी अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के उपचार में भी अहम भूमिका निभा रहा है। अस्पताल में गाईड लाईन के अनुसार कोरोना के मरीजों का उपचार कराने के लिए सभी इंतजाम किये गये हैं। बीते दिनों कोरेाना संक्रमित पाये गये एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर, एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा, मेयर रामपाल सिंह सहित के अलावा पुलिस विभाग के कई कर्मचारियों का उपचार भी मेडिसिटी अस्पताल में ही हुआ था। मेडिसिटी अस्पताल में जब से कोरेाना के मरीजों का उपचार शुरू हुआ है तब से अब तक करीब 500 मरीज उपचार कराने आ चुके हैं। अस्पताल में आये कोरोना संक्रमित मरीजों में से गंभीर स्थिति में आये 142 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल ने कोरोना से पीड़ित कई गंभीर रोगियों को मौत के मुंह से बचाया है। अस्पताल के प्रबंधक डा. दीपक छाबड़ा ने बताया अब तक करीब 400 से अधिक मरीजों का सफल उपचार मेडिसिटी अस्पताल में किया जा चुका है इनमें से 142 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। दुर्भाग्यवश इनमें से 14 मरीज नहीं बच पाए जबकि अन्य सभी स्वस्थ होकर अस्पताल से लौटे हैं। डा. दीपक छाबड़ा ने कहा कि कोरेाना से लड़ाइ में अस्पताल आगे भी तत्पर रहेगा।