केदारनाथ में बर्फबारीः अलाव की व्यवस्था नहीं होने से यात्री नाराज
देहरादून, ( उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। उत्तराऽंड के उच्च हिमालय में लगातार दूसरे दिन भी बर्फबारी का दौर जारी रहा। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के आसपास की पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई। केदारनाथ धाम में भी देर शाम हल्का हिमपात हुआ। यहां दो इंच तक बर्फ जमी हुई है। केदारनाथ में यात्रियों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। इससे यात्रियों में नाराजगी है। भोपाल से आए नारंग पटेल ने बताया कि केदारनाथ में सुबह ठंडी हवा के बीच यात्री कतार में ऽड़े रहते हैं। वहां अलाव तक नहीं जलाए जा रहे। दिल्ली के बसंत विहार से आए अभिमन्यु भी कहते हैं कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी के एस पुष्पवाण ने बताया कि मामले से नगर पंचायत को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही यात्रियों की परेशानी दूर कर दी जाएगी। बदरीनाथ धाम में अब श्रद्धालु तप्तकुंड के स्नान कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद से इस कुंड में स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। श्रद्धालु तप्तकुंड के गरम पानी स्नान के बाद ही पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि नजदीक आने के साथ ही श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ रही है। मौसम में आया बदलाव श्रद्धालुओं की परीक्षा ले रहा है। मौसम में आए बदलाव से धामों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार यह सिलसिला मंगलवार को भी बना रहेगा। उधर, चारधाम यात्र जारी है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि नजदीक आने के साथ ही श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ रही है। सुबह-शाम पाला जमने से वाहनों के लिए भी दिक्कत बढ़ गई है। बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए नगर पंचायत ने अलाव की व्यवस्था की है। जोशीमठ के उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल ने बताया कि धाम में तीन हजार तक यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। यदि संख्या बढ़ी तो यात्रियों को जोशीमठ में ठहराया जाएगा। केदारनाथ में यात्रियों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। इससे यात्रियों में नाराजगी है। भोपाल से आए नारंग पटेल ने बताया कि केदारनाथ में सुबह ठंडी हवा के बीच यात्री कतार में ऽड़े रहते हैं। वहां अलाव तक नहीं जलाए जा रहे। दिल्ली के बसंत विहार से आए अभिमन्यु भी कहते हैं कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी के एस पुष्पवाण ने बताया कि मामले से नगर पंचायत को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही यात्रियों की परेशानी दूर कर दी जाएगी। बदरीनाथ धाम में अब श्रद्धालु तप्तकुंड के स्नान कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद से इस कुंड में स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। श्रद्धालु तप्तकुंड के गरम पानी स्नान के बाद ही पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। कोरोना काल में केदारनाथ पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या एक लाऽ का आंकड़ा पार गई है। सोमवार को 3465 यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। धाम में यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या आगामी यात्र के लिए शुभ संकेत है। धाम के कपाट 29 अप्रैल को ऽोले गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यात्र की अनुमति मिली 12 जून से। हालांकि, यात्रियों की संख्या बढ़नी तब शुरू हुई, जब देशभर के यात्रियों को चारधाम आने की छूट दे दी गई। अक्टूबर प्रथम सप्ताह से तो रोजाना दो से तीन हजार के बीच यात्री केदारनाथ पहुंचने लगे। इसमें और इजाफा हुआ नौ अक्टूबर को धाम के लिए हेली सेवाएं शुरू होने के बाद। अभी तब एक दिन में सर्वाधिक 6517 यात्री एक नवंबर को पहुंचे। उत्तराऽंड चारधाम देवास्थानम प्रबंधन बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि यात्र शुरू होने के बाद से अब तक 100136 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। इससे केदारघाटी में ऽूब चहल-पहल है और तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों व होटल कारोबारियों के चेहरे िऽले हुए हैं। यह तस्वीर आगामी यात्र के लिए भी उम्मीद जगा रही है। शीतकाल के लिए धाम के कपाट 16 नवंबर को बंद किए जाने हैं।