मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने दिया धरना
देहरादून- विभिन्न जिलों के राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन कारी संयुक्त संगठन के बैनर तले गांधी पार्क के गेट पर धरना दिया। आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पूर्व यदि उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो सभी जिलों में जनप्रतिनिधियों का घेराव और मुख्यमंत्री आवास कूच किया जाएगा। वरिष्ठ राज्य आंदोलन कारी धीरेंद्र प्रताप, रवींद्र जुगरान, सुशीला बलूनी ने कहा कि अब तक अलग-अलग संगठन मांगों को लेकर आंदोलनरत थे, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब सभी एकजुट होकर हक की लड़ाई लड़ेंगे। राज्य आंदोलनकारी सावित्री नेगी ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन किया जाएगा। उन्घ्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार सरकार से वार्ता के लिए गुजारिश की गई, लेकिन सरकार ने इस ओर अनदेखी की। ऐसे में उन्हें सांकेतिक धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कहा कि चार वर्षों से लंबित मंगों पर शीघ्र कार्रवाई के लिए आगे भी संघर्ष किया जाएगा। इस दौरान कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने भी आंदोलन कारियों को समर्थन दिया। धरने में बैठे राज्य आंदोलनकारियों ने )षिकेश में शहीद स्मारक तोड़े जाने पर नाराजगी जताई। कहा कि हाईवे चैड़ीकरण के नाम पर सरकार आंदोलनकारियों सपनों को तोड़ने का कार्य कर रही है। इस दौरान आंदोलनकारियों ने कहा कि मुजफ्फरनगर खटीमा मसूरी गोलीकांड के आरोपितों को सजा हो। राज्य आंदोलनकारियों का 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण शिथिलीकरण एक्ट लागू हो। चार वर्षों से लंबित चिर्ीिंकरण प्रक्रिया के साथ ही समान पेंशन, राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद का गठन किया जाए। शहीद परिवारों और राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन का शासनादेश फिर से लागू हो।स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित की जाए। समूह ग भर्ती के लिए रोजगार कार्यालय पंजीकरण में स्थायी निवास प्रमाण पत्र को अनिवार्य पुनः बहाल किया जाए। राज्य में सशक्त लोक आयुक्त का गठन किया जाए। भू कानून वापस लिया जाए। राज्य आंदोलन के शहीद स्मारकों का संरक्षण व निर्माण किया जाए। धरने में जगमोहन नेगी, प्रदीप कुकरेती, भूपेंद्र रावत, वेदप्रकाश शर्मा, लक्ष्मण सिंह भंडारी, रमन शाह, विजेंद्र पोखरियाल, गणेश डंगवाल, पूर्ण सिंह लिंगवाल, ललित जोशी, सुदेश सिंह, सुलोचना भट्टð, झबर सिंह पावेल, जीतपाल बत्र्वाल, अजय माथुर आदि रहे।