कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने कहा, नये कृषि विधोयक किसानों के साथ ही आम उपभोक्ता के लिए भी घातक

0

रामनगर  । कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने केंद्र सरकार द्वारा पास कृषि विधेयकों को किसानों के साथ ही आम उपभोक्ता के लिए भी घातक बताते हुए कहा कि सरकार को इन्हें शीघ्र वापस लेना चाहिए ।सोमवार को रानीखेत रोड स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि इस बिल के पास होने से आज देश और प्रदेश का किसान काफी परेशान है। बिल को लेकर सरकार जो अपनी सफाई दे रही है वह पूरी तरह निराधार है। उन्होंने कहा कि यूपी के किसान यहां आकर अपना धान बेचकर जा रहे हैं जबकि यहां के किसानों का धान सरकारी क्रय केंद्रों पर तमाम तरह की बाधाएं लगाकर नहीं खरीदा जा रहा है जिससे किसान काफी परेशान है। यदि यही हाल रहा तो किसान भूमिहीन हो जाएगा और बेरोजगारी भी चरम सीमा पर पहुंच जाएगी। उन्होंने सरकार से इस बिल को शीघ्र वापस लेने की मांग की। वहां मौजूद कुछ किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा धान क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए तथा बाहरी क्षेत्रों का धान खरीदना बंद करने के साथ ही धान खरीद केंद्रों पर स्थानीय किसानों को प्राथमिकता दी जाए । किसानों का आरोप था कि मंडी समिति में लगे धान क्रय केंद्र पर भी वहां मौजूद लोगों द्वारा कालाबाजारी की जा रही है तथा किसानों की फसल को कम दामों में खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज किसान धान की फसल बोकर परेशान है। एक तो कम मूल्य पर उनकी फसल खरीदी जा रही है दूसरी ओर खरीदी हुई फसल का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। भुगतान कब होगा इसका कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि जब किसान अपना धान लेकर क्रय केंद्रों पर जा रहा है तो उनसे कई प्रकार की खतौनी के साथ ही जानकारी ली जा रही है। जिससे किसान बेहद परेशान है। किसानों ने कहा कि क्रय केंद्रों पर किसान का आधार कार्ड दिक्कत उसकी फसल खरीदी जाए और उसका उत्पीड़न बंद किया जाए। इस दौरान नगर अध्यक्ष दिनेश चंद्र हरबोला, मालधन मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश ,ग्रामीण मंडल अध्यक्ष देशबंधु रावत, अनिल अग्रवाल खुलासा ,अतुल अग्रवाल ,प्रकाश पपनै ,महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट, विनय पडालिया, वीरेंद्र तिवारी, अमित चंद्रा सहित कई लोग मौजूद रहे।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.