शिक्षा मंत्री ने बुक्सा जनजाति के आराध्य राजा जगतदेव की मूर्ति एवं स्मारक का किया शिलान्यास
गूलरभोज। बुक्सा जनजाति के आराध्य पूर्वज श्र(ेय राजा जगत देव की मूर्ति स्थापना एवं स्मारक का निर्माण के कार्यक्रम अवसर पर डल बाबा मंदिर परिसर गूलरभोज में क्षेत्र भर से पहुंचे हुए विभिन्न ग्रामों के बुक्सा जनजाति के महिला पुरुष एवं बच्चों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे एवं पूर्व सांसद बलराज पासी ने संयुक्त रूप से श्र(ा राजा जगत देव की मूर्ति स्थापना एवं स्मारक पर निर्माण के कार्य का विधि विधान से भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि बुक्सा जनजाति समाज की ऐतिहासिक खाती है आजादी से पूर्व तराई कि मानवीय जीवन के लिए प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों में संघर्ष पूर्ण तरीके से स्वयं को स्थापित करते हुए तराई को आबाद रखने में बुक्सा जनजाति का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि बुक्सा जनजाति को संघर्ष में जीवन जीने की प्रेरणा श्र(ेय राजा जगत देव से विरासत में प्राप्त हुई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद बलराज पासी ने कहा कि विभिन्न कुर्बानियों के माध्यम से राजा जगत देव आज बुक्सा जनजाति समाज के साथ समय समाजों के प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। उन्होंने कहा कि बुक्सा जनजाति समाज के युवा वर्ग को राजा जगत देव के जीवन की शिक्षाओं के संघर्षों को आत्मसात करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति को तत्पर रहना चाहिए, जिन्होंने घोर विपत्ति में भी आशाओं का दामन नहीं छोड़ा और अंततः अपने समाज के लिए ऐतिहासिक बनकर सदा के लिए अमर हो गए। इस मौके पर गदरपुर, बाजपुर एवं काशीपुर क्षेत्र से पहुंचे बुक्सा जनजाति समाज के लोगों द्वारा सहभागिता प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन बाबू सिंह तोमर एवं राकेश कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर नगर पंचायत गूलरभोज की अध्यक्ष अनीता दुबे, नगर पंचायत दिनेशपुर की अध्यक्ष सीमा सरकार, नरेश शाह, भाजपा दिनेशपुर मंडल के अध्यक्ष अनादि रंजन मंडल, पूर्व मंडल अध्यक्ष हिमांशु सरकार, तरुण दुबे, राजेश गुम्बर मिन्नी, भाजपा गदरपुर मंडल अध्यक्ष चंकित हुड़िया, ब्लाक प्रमुख पूनम रानी, ब्लाॅक प्रमुख प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह, भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष अतुल पांडे, वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश सिंह कोश्यारी, अजय सिंह, लखबीर सिंह उर्फ लक्खा, क्षेत्र पंचायत सदस्य गुरमेल सिंह, लाखन सिंह, बु(ा सिंह, सतीश चुघ, कन्हैया सिंह, रामचंद्र सिंह, प्रेम सिंह एवं मुकेश सिंह सहित बुक्सा जनजाति के तमाम पुरुष एवं महिलाएं मौजूद रहे।