ऊधमसिंहनगर में अन्नदाताओं का फूटा आक्रोश,हाईवे जाम किया

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केन्द्र सरकार के कृषि विधोयकों के खिलाफ गरजे किसान,विधेयकों की प्रतियां फूंकी
देहरादून/रूद्रपुर/गदरपुर/ काशीपुर/ सितारगंज/किच्छा/ रामनगर। लोकसभा और राज्यसभा में पास हुए केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ आज किसानों ने प्रदेश भर में जोरदार प्रदर्शन किया। जगह जगह चक्का जाम के साथ ही किसानों ने टैªक्टरों के साथ जुलूस भी निकाले। इस दौरान जगह जगह कृषि विधेयकों की प्रतियां भी फूंकी गयी। देहरादून में भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के सदस्यों ने देहरादून के आइएसबीटी चैक पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान देहरादून से सहारनपुर व सहारनपुर से देहरादून आने वाली सड़क जाम रही। किसानों ने दर्जनों ट्रैक्टरों व गाड़ियों को सड़क पर लगाकर केंद्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार मनमानी पर उतारू है। अन्नदाता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नए कृषि विधेयकों से किसान कुछ ही दिनों में भूमिहीन हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपने अध्यादेश में संशोधन या इसे वापस नहीं लेती है, किसान सड़कों पर उतरकर विरोध करते रहेंगे। विरोध प्रदर्शन में आज उत्तराखंड किसान सभा, उत्तराखंड सर्वाेदय मंडल, उत्तराखंड भूतपूर्व सैनिक संगठन व अर्धसैनिक संगठन, देहरादून- डोईवालागन्ना समिति, वन जन श्रमजीवी यूनियन, उत्तराखंड भूमिहीन समिति सहित कई स ंगठनों के लोग भी शामिल हुए। रूद्रपुर- लोकसभा और राज्य सभा में पारित हुए कृषि विधेयकों के खिलाफ अखिल भारतीय किसान संघ के भारत के बंद के आहवान पर आज जिले भर के किसानों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार के खिलाफ गुस्से का इजहार किया। गुस्साए किसानों ने टैªक्टरों के साथ जुलूस निकालते हुए नैनीताल हाईवे पर घंटों तक जाम भी लगाया। किसान डीडी चैक पर जाम लगाकर सभा करने लगे। जिसके चलते घंटों तक यातायात बाधित रहा। इस दौरान कृषि विधेयकों की प्रतियां भी जलायी गयी। विरोध प्रदर्शन के माध्यम से किसानों तीनों कृषि विधेयकों को वापस लेने की पुरजोर मांग की। जिले भर के किसान आज हजारों किसान आज टैªक्टरों में काले झण्डे लगाकर गल्ला मण्डी में एकत्र हुए। यहां पर किसानों ने कृषि विधेयकों काला कानून बताते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जनपद के अलावा यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। यूपी बार्डर पर पुलिस ने पहले किसानों के टैªक्टरों को रोकने का प्रयास किया। लेकिन बाद में प्रदर्शनकारियों को जाने की इजाजत दे दी गयी। सैकड़ों की संख्या में टैªक्टर ट्रालियों के जिला मुख्यालय पहुंचने से जगह जगह सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। जिसके चलते पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। गल्ला मण्डी में किसानों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ जोरदार सभा की। जिसमें किसान नेताओं ने कहा कि किसानों से राय लिये बिना केन्द्र सरकार ने कृषि विधेयकों को दोनो ंसदनों में पास कराया वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने मनमानी का परिचय दिया है। अन्नदाता के हितों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नये कृषि विधेयक किसानों के हितों पर कुठाराघात है। इससे किसान आने वाले समय में भूमिहीन हो जायेंगे। ये विधेयक पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाये गये हैं। सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने कृषि बिल प ारित करके किसानों के साथ घोर अन्याय किया है। खेती को पूंजपीतियों के हाथ बंधक बनाने के प्रयास के तहत इन बिलों को लाया गया है। सरकार किसानों के अस्तित्व को समाप्त करना चाहती है ताकि उद्योग पतियों को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहाा कि केन्द्र सरकार मंडियों को समाप्त करना चाह रही है ताकि प्राईवेट आढ़तियों को लाभ पहुंचाया जा सके। यदि मंडी बंद हो जाती है तो प्राईवेट आढ़ती औने पौने दामों में किससानों की फसलों को खरीदेंगे। इससे किसानों को प्राईवेट आढ़तियों के अलावा कोई विकल्प अपनी फसलें बेचने को नहीं बचेगा। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों से बड़े बड़े वादे करती है लेकिन इसके बाद न तो भूमि का उचित मुआवजा दिया जाता है और न ही फसलों का। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार नये अध्यादेश वापस नहीं लेती तब तक किसान सड़कों पर उतरकर अपना विरोध करते रहेंगे। विशाल सभा के बाद किसानों ने गल्ला मण्डी से इंदिरा चैक होते हुए डीडी चैक तक विशाल जुलूस निकाला और डीडी चैक पहुंचकर किसानों का जुलूस एक बार फिर सभा में तब्दील हो गया। किसानों ने डीडी चैक पर घंटों तक जाम लगाकर सभा की जिससे यातायात पूरी तरह जाम हो गया। दोनों ओर कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गयी। इस दौरान पुलिस मूक दर्शक बनी रही। मुख्य मार्ग पर जाम लगने के चलते वाहन जब श्याम टाकीज रोड से निकलने लगे तो वहां भी जाम लगने से सैकड़ों वाहन फंस गये। डीडी चैक पर विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों ने कृषि विधेयकों की प्रतियां फूंकी। डीडी चैक पर स भा को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय सचिव बीएम सिंह सहित कई किसान नेताओं ने सम्बोधित किया।। विरोध प्रदर्शन में ठाकुर जगदीश सिंह, तजेन्द्र सिंह विर्क, जरनैल सिंह काली, पूर्व विधायक नारायण पाल, सुरेश पपनेजा, गणेश उपाध्याय, संजीव कुमार सिंह, सीपी शर्मा, नारायण सिंह बिष्ट, संतोख सिंह, गुरजीत सिंह, कुलदीप सिंह, अमन सिंह, हरजीत सिंह, धरमवीर सिंह, इकबाल सिंह चीमा, संदीप चीमा, जितेन्द्र सिंह, मनवीर सिंह, जयवीर सिंह, अरूण कुमार पाण्डे सहित हजारों किसाान मौजूद थे। गदरपुर-केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी तीनों अध्यादेशों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसानों ने अध्यादेश की प्रतियां जलाकर रोष व्यक्त किया और एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेजा।ंशुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन एवं राष्ट्रीय सिख संगत उत्तर प्रदेश उत्तराखंड से जुड़े किसान तहसील मुख्यालय में एकत्र हुए जहां उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा खेती किसानी से जुड़े 3 अध्यादेशों फार्म प्रोडड्ढूस ट्रेड एंड काॅमर्स आॅर्डिनेंस, ऐसेंशियल एक्ट 1955 में बदलाव एवं फार्मस एग्रीमेंट आॅन प्राइस इंश्योरेंस एंड फार्म सर्विस आॅर्डिनेंस का पुरजोर विरोध करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एसडीएम के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंप कर किसानों को हित के दृष्टिगत तीनों अध्यादेशों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की। भारतीय किसान यूनियन के ब्लाक ध्यक्ष राजेंद्र सिंह मक्कड़ ने कहा कि तीनों अध्यादेशों के पारित होने से मंडी बोर्ड व्यवस्था खत्म हो जाएगी और किसानों की आजादी पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा और कारपोरेट जगत के अलावा बिचैलियों को फायदा पहुंचेगा जिससे जमाखोरी व कालाबाजारी के बढ़ने की संभावना है। राष्ट्रीय सिख संगत उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के जिला महामंत्री सलविंदर सिंह कलसी ने कहा कि किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है परंतु केंद्र सरकार किसानों के हितों को अनदेखा करके किसान विरोधी अध्यादेश लागू कर रही है जो कहीं ना कहीं किसानों के हितों को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए तीनों अध्यादेशों को वापस लेकर देश का अन्नदाता कहलाने वाले किसानों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। इस दौरान किसानों ने नायब नाजिर मोहम्मद उमर को राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा जिसके उपरांत किसानों ने तहसील गेट के बाहर अध्यादेश विरोधी नारेबाजी करते हुए अध्यादेशों की प्रतियां को फूंककर नाराजगी व्यक्त की। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के जिला सचिव विनोद गुंबर, भारतीय किसान यूनियन रुद्रपुर के ब्लाॅकध्यक्ष हरदयाल सिंह, अशोक सेठी, हरभजन सिंह, मोहम्मद उस्मान, करनैल सिंह, गुलाब राम कंबोज, ज्ञान चंद कंबोज, स्वदेश कुमार डंग, संजय चैधरी, राजकुमार कक्कड़, वीरेंद्र कुमार, मनोज गुंबर, सोना सिंह, राजेश कुमार, मनोज कुमार, जोगेंद्र सिंह, आलोक कंबोज एवं भजनलाल सहित तमाम किसान मौजूद थे। काशीपुर-भारी लाव लश्कर के साथ भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले एकत्रित किसानों ने आज केंद्र सरकार द्वारा पारित बिल के विरोध में सड़कों पर रैली निकाली। उन्होंने संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने को लेकर पुलिस मुस्तैद रही। ट्रेक्टर रैली के कारण सड़क पर वाहन चालकों को घंटों जाम से जूझते देखा गया। ज्ञातव्य है कि सुबह केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान बिल के विरोध में यहाँ टांडा उज्जैन में आसपास के गांवों से भारी संख्या में किसान एकत्रित हो गए। बता दें कि 25 सितंबर को किसान बिल के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत काशीपुर में भी किसानों ने रैली का निश्चय किया था। इसी के तहत आज सुबह नौ बजे से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर यहाँ पहुंच गये हैं। उधर भारी विरोध को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भट्टð नवनियुक्त क्षेत्राधिकारी, वरिष्ठ उपनिरीक्षक सतीश चंद्र कापड़ी पर्याप्त पुलिस बल के साथ टांडा उज्जैन तिराहे पर पहुंच गए। लगभग 5 दर्जन ट्रैक्टर ट्राॅली के साथ सैकड़ों लोगों की भीड़ रैली के रूप में टांडा उज्जैन से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष चैधरी रवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में जब निकली तो प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए। यह रैली टांडा उज्जैन से चलकर रेलवे स्टेशन रोड से होते हुए एमपी चैक, चीमा चैराहा से चलकर एसडीएम कार्यालय पहुंची। यहां भारी विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा गया। भाकियू नेताओं ने कहा कि किसानों के लिए बिल पास करने से पहले किसी भी किसान की राय नहीं ली गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विराट कोहली से बात करने का समय मिल जाता है लेकिन देश के अन्नदाता किसान की किस्मत का फैसला सरकार खुद कर लेती है। किसानों के विरू( सरकार का यह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष चैधरी रवेन्द्र सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विदेशी ताकतों और कार्पाेरेट घरानों के हाथ में खेल रही है। कहा कि केंद्र ने किसान बिल के नाम पर किसानों से छल किया है। जिस तरह से पहले की इस सरकार की योजनायें फेल साबित हुई हैं और लोगों को नुकसान हुआ है उसी तरह किसान बिल भी किसानों के लिए हानिकारक होगा। किच्छा- किसानो विरोधी विधेयक पास किये जाने के विरोध करते हुए दर्जनों किसान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ नवीन गल्ला मंडी एकत्र हुए जहां से किसानो द्वारा टैªक्टरो रैली मंडी से प्रारम्भ करते हुए अम्बेडकर चैक, दीन दयाल चैक आदित्य चैक होते हुए रुद्रपुर के लिए रवाना हो गयी। इस दौरान किसानो को सम्बोधित करते हुए किसान नेता संजीव कुमार सिंह, गणेश उपाध्याय, सुरेश पपनेजा ने कहा कि भाजपा सरकार गरीब जनता को दबाने का प्रयास कर रही है भाजपा की केन्द्र सरकार अब प्रत्येक व्यक्ति के घर तक अनाज पहुॅचाने वाले किसाने के खिलाफ बिल पास कर प्रत्येक किसान को पूंजीपतियों के हाथो में खेलने के लिए छोड़ दिया है। इस दौरान किसान साहिब संधू ने बयान में कहा कि भाजपा की नीतियों का खामियाजा किसानो को समर्थन मूल्य से काफी कम भुगतान के रुप में उठाना पड़ रहा है। उनका कहना था कि किसानों द्वारा मंडी में पहुॅचाने वाले धान का मूल्य आज नौ सो से एक हजार रुपये तक लगाया जा रहा है जो किसानों के हित में नही है। इस मौके पर रैली में पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, बंटी पपनेजा, राजेष प्रताप सिंह, कांग्रेस नगर अध्यक्ष अरुण तनेजा, निर्मल सिंह हंसपाल, राजू प्रधान, सरदार मेजर सिंह, गुîóू तिवारी, फिरदौस सलमानी, अभय प्रताप सिंह, सुरेष पपनेजा आदि थे। सितारगंज- आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत नगर में जोरदार जुलूस निकालकर केंद्र सरकार के विरु( जमकर नारेबाजी की। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर नगर की पुरानी तहसील में पहुंचे। जहां पर सैकड़ो की संख्या में आप कार्यकर्ता एकत्र होने लगे। जिसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ नगर में जोरदार जुलूस निकाला। इस मौके पर वह केंद्र सरकार के विरु( जमकर नारेबाजी कर रहे थे एवं किसान विरोधी बिल के बारे में लोगों को बता रहे थे उनका आरोप था कि उक्त बिल से किसानों की कमर टूटेगी, किसान बड़े-बड़े उद्योगपतियों का गुलाम बन जाएगा। इस दौरान आक्रोशित कार्यकर्ता नगर के अमरिया चैराहे पर सड़क में बैठ गए जिससे चारों ओर का यातायात जाम हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की लेकिन वह लोग नहीं माने, उनकी जिद थी कि मौके पर उपजिलाधिकारी आकर उनकी समस्याओं को सुनें। जिस पर एसडीएम मुक्ता मिश्रा ने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की। जिस पर कार्यकर्ताओं ने एक ओर की सड़क को खोल दिया। खबर लिखे जाने तक उप जिलाधिकारी एवं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच वार्ता जारी थी। इस मौके पर प्रदर्शन करने वालों में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शिशुपाल सिंह रावत, सरदार बलविंदर सिंह, सतवंत सिंह बागी , विनय कृष्ण मंडल, सोनालिका, प्रवीण कुमार, मयंक शर्मा, मुकेश चावला, विक्की सौदा, अमनदीप अरोड़ा, सत्येंद्र पाल, रणजीत सिंह विर्क, अंगद सिंह, चंद्रपाल सिंह, राजपाल, अमित सिंह, आदि लोग रहे।रामनगर- केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयक बिल के विरोध में भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने ट्रैक्टर ट्राली व बाइकों में सवार होकर केंद्र सरकार के इस बिल का जमकर विरोध करते हुए एसडीएम विजय नाथ शुक्ल के माध्यम से एक ज्ञापन देश के राष्ट्रपति को भेजा । शुक्रवार को भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष दीवान कटारिया के नेतृत्व में एकत्रित किसानों ने ग्राम पीरुमदारा से ट्रैक्टर ट्राली व बाइको में सवार होकर केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयक बिल का जमकर विरोध करते हुए जुलूस निकालते हुए प्रदर्शन किया ग्रामीण क्षेत्रों से घूमता यह जुलूस तहसील प्रांगण में पहुंचा जहां किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर ज्ञापन भेजते हुए कहा कि वर्तमान संसद सत्र में जो तीन कृषि अध्यादेश केंद्र सरकार ने पास किये है वह पूरी तरह किसान विरोधी हैं जिसके विरोध में आज देश के किसान सड़कों पर है उन्होंने कहा कि अध्यादेश के अनुसार किसान को उत्पाद किसी भी प्रदेश में बेचने की आजादी की बात कही है भारत का 85» किसान मात्र अधिकतम 2 हेक्टेयर जमीन का मालिक है नाही उसके पास पर्याप्त मात्रा में उत्पाद है और ना ही साधन है दूसरे प्रदेश में जाकर खरीददार ढूंढना और अपना माल बेचना उन किसानों के लिए संभव नहीं है उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारण की सीमा समाप्त होने से भी किसान को कोई लाभ नहीं होने वाला है बड़ी कंपनी बड़ा भंडारण करेंगी बाद में महंगी दरों पर बेचेगी उन्होंने कहा कि किसानों को केवल एक सूरत में लाभ हो सकता है कि एक बिल और पास किया जाए जिसमें एमएसपी जारी रखने और किसानों का उत्पाद एमएसपी से कम रेट पर कोई भी खरीददार उपज ना खरीद सके अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए उपयुक्त दंड का प्रावधान हो जिससे कि किसान का शोषण ना हो उन्होंने कहा कि उनकी 6 सूत्रीय मांगों को ध्यान में रखते हुए उक्त अध्यादेश को मंजूरी उक्त बिंदुओं को संशोधन के बाद ही दी जाए। इस दौरान कुलवंत सिंह, नरेश कालिया ,कृपाल सिंह ,सुरेश कटारिया, ललित उप्रेती, महेश जोशी, भारत सिंह, केसर राना सहित कई लोग मौजूद रहे।

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