कास्टिंग काउच में नही है कोई दम, सब खुद पर निर्भर: श्रेया
गदरपुर। किच्छा में पली बढ़ी श्रेया चावला ने अपने हुनर व काबलियत के दम पर बाॅलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई है। श्रेया को अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ा जब मंजिल के नजदीक पहुंची तो कोरोना महामारी फैल गयी जिसकी वजह से अब वह नए प्रोजेक्ट की तलाश में है। उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नही है लेकिन उन्हें उचित मंच नही मिल पाता है जिससे उनके सपने परवान चढ़ने से पहले ही बिखर जाते है लेकिन श्रेया ने हिम्मत नही हारी तथा संघर्ष करने का फैसला किया इसमें उनकी मां अनु चावला मददगार साबित हुई श्रेया ने एक एक कर कई ओडिशन दिए। हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी। ऐसे में उनकी मां ने उन्हें होंसला दिया जिससे वह आज कामयाबी के शिखर को छूने की ओर अग्रसर है।किच्छा के बलवंत कालोनी निवासी श्रेया ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि उसका बचपन से सपना था कि या तो वह एक्टर बनेगी या वकील बनेगी। वर्ष 2013 में अपने सपने को साकार करने के लिए मुंबई की और रुख किया।वहां उन्हें काफी चुनौती का सामना करना पड़ा। अंततः उतरन सीरियल में काम करने का मौका मिल गया। उसके बाद बरखा मूवी में काम किया। एक्टिंग के साथ साथ ब्यूटी पेजेंट में भी हाथ आजमाया मिस इंडिया के लिए भी अप्लाई किया लेकिन किन्ही कारणों से उसमे जाने से वंचित रह गयी। श्रेया ने बताया कि फिल्म हद कर दी आपने के लिए भी कांट्रेक्ट हुआ वह फिल्म भी नही बन पाई जिसकी वजह से उसने अपना काॅन्ट्रेक्ट समाप्त कर लिया।फिल्म डर्टी बाॅक्स में लीड रोल में काम किया इसके अलावा उतरन,पवित्र रिश्ता, नारी एक शक्ति, समेत दर्जनों सीरियल में काम किया। श्रेया ने बताया कि देश की नामी कंपनी ऐमजाॅन, फ्लिपकार्ट, मंत्रा, के साथ भी वह जुड़ी रही। साउथ इंडियन फिल्म ओहरी के साथ भी वह काम कर रही हैं। साथ ही जालंधर में एक पंजाबी एलबम के लिए आॅफर मिला है जल्दी ही वह उस पर भी काम शुरू कर देंगी । श्रेया ने बाॅलीवुड में नशे के बढ़ते हुए कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक खतरनाक स्थिति है। इस पर सरकार को सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है।उन्होंने कंगना राणावत को नसीहत देते हुए कहा कि वह इस मामले में राजनीति न करे सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सुशांत सिंह की मौत से फिल्म इंडस्ट्री को सदमा पहुंचा है इसका शीघ्र खुलासा होना चाहिए।