भाजपा विधायक ने खोली ‘भ्रष्टाचार’ की पोल! विधानसभा के बाहर और फिर सदन में कांग्रेस का तांडव,कार्यसूची फाड़ी
देहरादून(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। कोरोना महामारी के साये में आज विधानसभा का एक दिनी मानसून सत्र सुरक्षा प्रधावधानों के बीच सम्पन्न हो गया है। वहीं उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में लोहाघाट के भाजपा विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने अपनी ही सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बाकायदा पत्र लिखकर सरकार को सीधेतौर पर भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सत्ता पक्ष के विधायक पूरण सिंह फत्र्याल ने नियम 58 के तहत कार्य स्थगन की सूचना दी, लेकिन स्पीकर ने फत्र्याल की नियम 58 की सूचना का संज्ञान ही नहीं लिया। विधायक ने टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर टेंडर करने से व्याप्त असंतोष की सूचना लगाई। जिससे विपक्ष को सरकार के खिलाफ बोलने का एक और मौका मिल गया। भाजपा विधायक के पत्र के बाद कांग्रेस ने भाजपा विधायक के सवाल पर सरकार के खिलाफ मोर्चाे खोल दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि सरकार के खिलाफ किसी भी सत्ता पक्ष के विधायक ने कार्यस्थगन के तहत प्रस्ताव सदन में लाया हो। उन्होंने कहा कि विधायक ने सरकार की जीरो टाॅलरेंस की नीति की पोल खोलकर रख दी है। गौर हो कि पिछले महिने लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने भाजपा आला कमान को लिखे पत्र में विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने गंभीर आरोप लगाये थे। इससे पहले कड़ी सुरक्षा और कोविड प्रोटोकाॅल के बीच विद्यायकों को सदन में एंट्री दी गई। एक-एककर विधायक सदन में पहुंचे। सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मदन कौशिक समेत करीब 33 विधायक पहुंचे। कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर विधानसभा सदन में विपक्ष दल कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कोरोना से 500 सौ से ज्यादा मौत हो चुकी है। इसलिए कोरोना पर चर्चा होनी चाहिए। इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और कार्यसूची फाड़ दी। इस पर सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कड़ी सुरक्षा और कोविड प्रोटोकाॅल के बीच विद्यायकों को सदन में एंट्री दी गई। एक-एककर विधायक सदन में पहुंचे। सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मदन कौशिक समेत करीब 33 विधायक पहुंचे।विधानसभा सत्र की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व विधायक स्व बृज मोहन कोटवाल और पूर्व विधायक स्व नारायण सिंह भैंसोडा को श्र(ांजलि दी गई। जिसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। कोरोना के मुद्दे पर कांग्रेस का सदन के अंदर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्चुअली कहा कि 310 में कोरोना से उत्तराखंड के हालात पर चर्चा की जाए। कांग्रेस विधायक काजी निजामुदीन ने कहा कि कोरोना से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है। जब कार्यमंत्रणा में कार्य स्थगन के मुद्दे पर चर्चा की बात कही थी तो फिर सरकार अब इससे मुकर नहीं सकती। कांग्रेस विधायक ने कहा कि कोरोना पर नियम 310 के तहत चर्चा होनी चाहिए। वहीं इस दौरान सदन में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक और कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के बीच तीखी नोकझोंक हुई। स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे पुनः शुरू की गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मदन कौशिक समेत करीब 33 विधायक पहुंचे। विपक्ष की ओर से अभी विधायक ममता राकेश ही सदन में मौजूद थी जिसके बाद प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन,मनोज रावत और आदेश चैहान भी पहुंचे। सदन में सत्ता पक्ष की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मंत्री मदन कौशिक, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सतपाल महाराज, विधायक मुन्ना सिंह चैहान, मुकेश कोली, भरत चैधरी व सुरेंद्र सिंह जीना मौजूद रहे, जबकि विपक्ष की ओर से प्रीतम सिंह चैहान, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत व निर्दलीय प्रीतम पंवार मौजूद रहे। वहीं, विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत 16 विधायक सत्र से वर्चुअली जुड़े। ऐसा भी पहली बार हुआ है, जब कोरोना संक्रमण के चलते विधानसभा अध्यक्ष समेत नेता प्रतिपक्ष व उपनेता प्रतिपक्ष सदन में मौजूद नहीं रहे।
मानसून सत्र में 10 अध्यादेश और 17 विधेयक पारित किये
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का एक दिवससीय मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान सदन में की पटल पर 10 अध्यादेश रखे गए और उनको पास किया गया। इसी तरह 17 विधेयकों को भी सदन की पटल से पास किया गया।उत्तराखंड राज्य विधानसभा सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन संशोधन विधेयक (2020) हेमंती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक (2020) उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन प्रोत्साहन एवं सुविधा विधेयक (2020)महामारी संशोधन विधेयक (2020)उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक (2020)उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक (2020) उत्तराखंड पंचायती राज वित्तीय संशोधन विधेयक (2020) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश तथा विधान मंडल अधिकारियों के वेतन तथा भत्ते संशोधन विधेयक (2020)बोनस संदाय उत्तराखंड संशोधन विधेयक (2020) व्यवसाय संघ उत्तराखंड संशोधन विधेयक (2020)औद्योगिक विवाद उत्तराखंड संशोधन विधेयक (2020)उत्तराखंड उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 संशोधन विधेयक(2020)कारखाना उत्तराखंड संशोधन विधेयक (2020)उत्तराखंड जौनसार बाबर जमीदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1956 संशोधन विधेयक (2020)उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 संशोधन विधेयक (2020)उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक(2020) उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक (2020)पारित किये गये है।