आक्रोश के बाद जागे स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी.लगाया शिविर
बागेश्वर। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. बीडी जोशी ने रविवार को डिप्टी सीएमओ डाॅ. पीके जंगपांगी के नेतृत्व में डाॅक्टरों की टीम गांव भेजी। चचई गांव में स्वास्थ विभाग ने शिविर आयोजित किया जिसमें डाॅक्टरों की टीम ने 100 से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच की और दवाइयां वितरित कीं। एक युवक को तेज बुखार होने पर टीम ने उसे जिला अस्पताल रेफर किया है। गत दिवस चचई गांव के ग्रामीणों ने सीएमओ कार्यालय में धरना दिया। उन्होंने कहा कि गांव में गलघोंटू बीमारी पफैल रही है। जिससे अब तक चार बच्चों की मौत हो गई है। जबकि दो अन्य बच्चे भी मर गए हैं। इसके अलावा एक वयस्क की भी मौत हो गई है। डिप्टी सीएमओ डाॅ. जंगपांगी ने बताया कि गांव की हालत अभी सामान्य है। 18 वर्षीय पवन कुमार पुत्र कुशाल राम को बुखार था। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है। 100 से अधिक मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में डिप्थीरिया के लक्षण नहीं पाए गए हैं। लोगों को दवाइयां भी वितरित की गई हैं। स्वास्थ विभाग गांव पर नजर रखे हुए है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीडी जोशी ने कहा कि गांवों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। बच्चों को हरसंभव इलाज दिया जा रहा है। इस मौके पर बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. मनीष पंत, डाॅ. बृजेश रावत, डाॅ. हितेश कुमार, पफार्मासिस्ट दीपक कुमार, एएनएम पूनम खेतवाल आदि मौजूद थे। डाॅक्टरों की टीम से पहले पूर्व विधायक कपकोट ललित फस्र्वाण भी अपने समर्थकों के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य शिविर का लाभ उठाने को कहा। कहा कि गलघोंटू बीमारी के लक्षण आते ही डाॅक्टरों से सीधे फोन पर बात करें और अब किसी भी बच्चे को खोना नहीं है।कनलगढ़ घाटी में गलघोंटू बीमारी से बच्चों की मौत के मामले में ग्रामीण गुस्से में हैं। शनिवार को ग्रामीणों ने सीएमओ कार्यालय पर धरना दिया। कहा कि चचई, जगथाना और पुड़कुनी में बीमारी पफैल रही है। उन्होंने स्वास्थ्य महकमे पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने इलाज की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। शनिवार को ग्रामीणों ने सीएमओ कार्यालय पर धरना दिया। उन्होंने कहा कि अगस्त माह से चचई और कनलगढ़ घाटी में अज्ञात गलघोंटू बीमारी के कारण बच्चों की मौत हो रही है। अभी तक सात बच्चे मर चुके हैं। कई मासूम बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हें। बीमारी अब जगथाना, सुमटी, वैसानी, नान- कन्यालीकोट, पुड़कुनी, चलकाना आदि गांवों में भी पफैलने लगी है। लोग बीमारी से भयभीत हैं। स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। गांव के बच्चे जांच के लिए जिला अस्पताल आ रहे हैं। उन्हें हल्द्वानी रेपफर कर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग कनलगढ़ घाटी में शिविर आयोजित कर इतिश्री कर रहा है। उन्होंने विशेषज्ञों की टीम गठित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि डीपीटी टीकाकरण की भी जांच होनी चाहिए। मृतक बच्चों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। इस मौके पर पूर्व विधायक ललित पफस्र्वाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, जिला पंचायत सदस्य सुरेश खेतवाल, रेखा आर्य, रमेश हरड़यिा, ग्राम प्रधान निर्मला जोशी, सच्जन लाल टम्टा, हरीश जोशी, केदार राम, सुरेश सिंह, रणजीत कोहली, श्याम लाल, भीम कुमार, जीवन सिंह, हेमंत, गणेश राम, पीके बघरी, भुवन जोशी, कवि जोशी, रोहित खैर आदि मौजूद थे।