अब सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वालों पर अधिनियम लागू होगा

0

लॉकडाउन की वजह से प्रभावित परिवहन व्यावसायियों को त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की बड़ी राहत
देहरादून(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो)। सार्वजनिक स्थानों, संस्थानों, परिसरों में मास्क पहनने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने को अब अधिनियम लाया जाएगा। इस संबंध में लाए गए अध्यादेश को महामारी संशोधन अधिनियम के रूप में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने और बचाव के लिए राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्थानों के साथ ही संस्थानों और परिसरों में मास्क पहनना आवश्यक किया है। महामारी रोक अधिनियम, 1897 की धारा-तीन के तहत मास्क नहीं पहनने पर दंड की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार उत्तफ संबंध में महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश लागू कर चुकी है। अब विधानसभा सत्र के दौरान उत्तफ अध्यादेश को अधिनियम के रूप में लागू करने का निर्णय मंत्रिमंडल ने लिया है। राज्य में श्रम सुधारों के अंतर्गत कारखाना अधिनियम 1948 (उत्तराखंड संशोधन) अध्यादेश को विधेयक को मंजूरी दी गई। इसके तहत कोई भी न्यायालय उत्तफ अधिनियम के अधीन दंडनीय अपराध का संज्ञान नहीं लेगा, जब तक उसके संबंध में परिवाद उस तारीख से छह महीने के भीतर नहीं किया जाता है। साथ ही कारखाने के मुख्य निरीक्षक या श्रम आयुत्तफ की जानकारी में उत्तफ अपराध आना चाहिए और उसकी ओर से परिवाद दायर होना चाहिए। औद्योगिक विवाद (उत्तराखंड संशोधन) अध्यादेश, बोनस संदाय अधिनियम (संशोधन) अध्यादेश, कारखाना (उत्तराखंड संशोधन) अध्यादेश, उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 (संशोधन अध्यादेश, व्यवसाय संघ अधिनियम 1926 (संशोधन अध्यादेश) को अब विधेयक के रूप में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगाई। दरअसल कोविड-19 महामारी के चलते जिलों में जिला नियोजन समितियों के चुनाव नहीं होने की वजह से विकास कार्याे पर विपरीत असर न पड़े, इसे देखते हुए सरकार उत्तफ अध्यादेश लाई थी। इसे अब विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद यह अधिनियम की शक्ल लेगा। मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा (मेडिकल कॉलेज) नर्सिग संवर्ग (अराजपत्रित) (संशोधन) सेवा नियमावली को स्वीकृति दी है। श्रीनगर, हल्द्वानी व देहरादून के मेडिकल कॉलेजों के साथ ही भविष्य में सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा के लिए उत्तफ नियमावली लागू होगी। वर्तमान में नर्सिग संवर्ग (अराजपत्रित) के तहत सिस्टर नर्सिग के 160 व स्टाफ नर्स के 1091 पद सृजित हैं। नर्सिग संवर्ग की सेवाएं राज्य के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरणीय होंगी। इस नियमावली के नर्सिग संवर्ग के पद समूह-ग श्रेणी के हैं। इन पदों पर नियुत्तिफयां उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से होंगी। इसमें 80 फीसद महिला और 20 फीसद पुरुष संवर्ग के कार्मिक हो सकते हैं। अब संस्कृति निदेशालय में महानिदेशक का पद भी होगा। मंत्रिमंडल ने इस पद को सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इससे पहले अपर सचिव संस्कृति को पदेन निदेशक संस्कृति रखने की व्यवस्था थी। 26 फरवरी, 2010 के बाद विभागीय अधिकारी से इस पद को भरने का निर्णय लिया गया, लेकिन इसके वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हो सके। वेतन समिति ने संस्कृति विभाग के ढांचे को तार्किक बनाने की अपेक्षा की है। मंत्रिमंडल ने संस्कृति विभाग के तहत विभागाध्यक्ष के रूप में महानिदेशक पद सृजित करने और इस पद पर शासन में तैनात अपर सचिव स्तर के अधिकारी को कार्यभार देने पर सहमति जताई है। मंत्रिमडल ने उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय, देहरादून का नाम बदलकर वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, देहरादून करने को स्वीकृति दी। इसके लिए उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2005 में संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई है। मंत्रिमंडल ने देहरादून जिले की विकासनगर तहसील के शीशमबाड़ा गांव में 1-67 हेक्टेयर भूमि का भू उपयोग कृषि से सार्वजनिक व अघ्र्द्धसार्वजनिक (शैक्षिक) करने पर मुहर लगाई। पहले भी मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसमें रह गई लिपिकीय त्रुटि को दूर कर इस प्रस्ताव को दोबारा मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 24 हजार करने का निर्णय लिया। करीब आठ वर्ष बाद यह कदम उठाया गया है। संविदा के आधार पर विभाग में वर्ष 2008, 2009, 2013, 2014, 2015 व 2018 में कनिष्ठ अभियंताओं की आवश्यकता अनुसार तैनाती की गई। बीती 24 अगस्त को कुल 307 कनिष्ठ अभियंताओं की संविदा अवधि बढ़ाई गई। इसमें 290 सिविल और नौ प्राविधिक, तीन विद्युत और पांच यांत्रिक कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इससे पहले चार दिसंबर 2012 को इन अभियंताओं के मानदेय को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया गया था।
लॉकडाउन की वजह से प्रभावित परिवहन व्यावसायियों को त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने गुरुवार को बड़ी राहत दी। इन व्यावसायियों को मोटरयान कर के भुगतान में दी गई छूट की अवधि और तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है। मंत्रिमंडल ने उन्हें यह सितंबर महीने तक देने पर मुहर लगा दी। यह छूट अब भारवाहक ट्रकों, स्कूल वैन और फैक्ट्री वाहनों को भी मिलेगी। इससे राज्य के तकरीबन तीन लाख व्यावसायियों को लाभ मिलेगा। अब विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन से ही आयकर की कटौती होगी। इसके लिए मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश राज्य विधान मंडल, (अधिकारियों के वेतन भत्ते) (संशोधन) विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी है। सचिवालय में गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 32 बिंदुओं पर विचार किया गया। इनमें से 30 बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों की नियमित ब्रीफिंग नहीं हुई। सूत्रें के मुताबिक कोरोना संकटकाल में परेशानहाल परिवहन व्यावसायियों की समस्या पर मंत्रिमंडल ने विचार किया। लॉकडाउन की वजह से पर्यटन आधारित परिवहन व्यवसाय बंद रहा है। सरकार ने बीती 28 मई को अधिसूचना जारी कर सार्वजनिक सेवायानों में स्टेज कैरेज बस, कॉन्ट्रेक्ट कैरेज ऑटो रिक्शा, विक्रम व परमिट से छूट प्राप्त ई-रिक्शा को तीन महीनों यानी अप्रैल, मई और जून तक मोटरयान कर के भुगतान से छूट दी थी। मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इस छूट को आगे तीन महीनों जुलाई, अगस्त और सितंबर तक बढ़ाने पर मुहर लगाई। सूत्रें के मुताबिक यह छूट अब स्कूल वैन, भारवाहक ट्रकों और फैक्ट्री वाले वाहनों को भी मिलेगी। इससे सरकार पर करीब 70 करोड़ का वित्तीय भार पड़ेगा। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के वेतन से ही उनके आयकर की कटौती भी होगी। इससे पहले यह भुगतान सरकार कर रही थी। इसके लिए विधेयक को विधानसभा सत्र में रखा जाएगा। कैबिनेट प्रमुख फैसलेः मोटरयान कर पर छूट तीन माह के लिए बढ़ाई, ट्रकों, स्कूल वैन और फैक्ट्री वाहनों को भी लाभ मिलेगा। अब विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के वेतन से ही कटेगा आयकर, उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश राज्य विधान मंडल, (अधिकारियों के वेतन भत्ते) (संशोधन) विधेयक के मसौदे को मंजूरी। सिचाई विभाग की नहरों के निर्माण एवं बाढ़ सुरक्षा कार्यों को चार छोटे भागों में कार्य विभाजन पर छूट। उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति एवं क्रियान्वयन आदेश, 2015 में संशोधन पर मुहर। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय का बदला नाम, अब होगा वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने को अधिनियम लाने का फैसला ।घुड़सवार पुलिस सेवा संशोधन नियमावली को स्वीकृति शहरी निकायों में जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही मिलेगी 2020-21 से गृहकर में छूट। शहरी विकास विभाग में अधिशासी अधिकारियों के पदोन्नति के रित्तफ पदों पर डाउन ग्रेड से भर्ती को दी मंजूरी दी गई है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.