ढाई घंटे तक हाई-वोल्टेज प्रोटेस्ट के बाद शांत हुए बीएल.सकलानी

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देहरादून। राजधानी देहरादून स्थित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की याद में बने शहीद स्मारक परिसर में बुजुर्ग राज्य आंदोलनकारी बीएल सकलानी ने आज ढाई-तीन घंटे तक हाई-वोल्टेज प्रोटेस्ट कर दिया। सकलानी परिसर में बने लोहे के जालीदार कमरे में घुस गए और अंदर से ताला लगा लिया। वह एक डब्बे में पेट्रोल भी ले गए थे और खुद को आग लगाने की धमकी दे रहे थे। शुक्रवार को कचहरी स्थित शहीद स्मारक में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी बीएल सकलानी बोतल में पेट्रोल लेकर पहुंच गए। शहीदों की पूजा के लिए बने कमरे में उन्होंने अंदर खुद को ताला लगाकर बंद कर दिया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य व्यक्तियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, मौके पर पुलिस पहुंची और पानी की बौछारें की और कटर से ताला काटकर उन्हें बाहर निकाला। फिलहाल पुलिस की निगरानी में वह शहीद स्मारक परिसर में ही हैं। राज्य आंदोलनकारी के खुद को कैद करके आत्मदाह की धमकी देने की जानकारी मिलते ही एसपी सिटी श्वेता चैके पर पहुंच गई थीं और सकलानी को समझाने की कोशिश कर रही थीं। राज्य आंदोलनकारी के खुद को कैद करके आत्मदाह की धमकी देने की जानकारी मिलते ही एसपी सिटी श्वेता चैके पर पहुंच गई थीं और सकलानी को समझाने की कोशिश कर रही थीं। एसओ शीशपाल सिंह हाथ जोड़कर सकलानी से बाहर आने की प्रार्थना करते रहे। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने भी सकलानी से बार-बार बाहर आने की प्रार्थना की। ढाई-तीन घंटे के हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार पुलिस ने दरवाजे पर लगी चेन काटकर दरवाजा खोल दिया और सकलानी को बाहर निकाला गया। बुजुर्ग राज्य आंदोलनकारी बीएल सकलानी की दो प्रमुख मांगें हैं। वह चाहते हैं कि राज्य आंदोलन का एक संग्रहालय बने ताकि आंदोलनकारियों के संघर्ष के बारे में लोगों को पता चले। बुजुर्ग राज्य आंदोलनकारी बीएल सकलानी की दो प्रमुख मांगें हैं। वह चाहते हैं कि राज्य आंदोलन का एक संग्रहालय बने ताकि आंदोलनकारियों के संघर्ष के बारे में लोगों को पता चले। सकलानी बार-बार पेट्रोल दिखा रहे थे और कह रहे थे कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं वह बाहर नहीं आएंगे। सकलानी बार-बार पेट्रोल दिखा रहे थे और कह रहे थे कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं वह बाहर नहीं आएंगे।

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