चोरों ने मंदिर से लाखों के जेवर और नगदी उड़ाई

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काशीपुर। कोतवाली थानांतर्गत बांसफोड़ान चैकी क्षेत्र में मंदिर के दानपात्र का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों ने उसमें रखे लाखों के जेवर व हजारों की नकदी उड़ा दी। आज सुबह पुजारी को जैसे ही इसका पता चला उसके होश उड़ गए। घटना की सूचना मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा पुलिस को दे दी गई है। जानकारी के मुताबिक मोहल्ला कवि नगर में आबादी के बीच दुर्गा माता का पौराणिक मंदिर है। पता चला है कि मंदिर के अंदरूनी हिस्से में दीवार से लगे एक लोहे के दानपात्र का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों ने उसमें रखी सोने की नथनी, दो सोने की चेन, सोने का गित्ता, दो चांदी के छत्र समेत लगभग 15 हजार रुपयों की नगदी उड़ा दी गई। चोरी गए माल की कीमत लगभग डेढ़ लाख से अधिक आंकी जा रही है। पुजारी मनोज शर्मा ने बताया कि आज सुबह दानपात्र का ढक्कन खुला देख उन्हें शक हुआ । मंदिर के पुजारी ने जब दानपात्र का ढक्कन उठाया तो उसमें रखे कीमती जेवरात और नकदी गायब थी। दुर्गा माता मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष संजीव यादव ने बताया कि दानपात्र का ताला वर्ष में एक बार नवरात्रों में खोला जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले नवरात्रों में चढ़ावे की रकम से माता का जागरण व भंडारा संपन्न कराने के बाद सोने चांदी के जेवरात आदि दानपात्र में रखकर उसे बंद कर दिया गया। इसी तरह मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष राम कुंवर सिंह चैहान ने बताया कि गत बुधवार को उन्होंने अपरार् िंबाद तक मंदिर में इलेक्ट्रीशियन से बिजली ठीक कराया लेकिन तब भी उन्हें इस चोरी का पता नहीं चला। सनसनीखेज चोरी की घटना को लेकर मोहल्ले वासियों में रोष है।
एक वर्ष पहले भी हुई थी चोरी
काशीपुर। श्री दुर्गा माता मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष संजीव चैहान ने बताया कि पहले मंदिर में रखा दानपात्र लकड़ी का हुआ करता था। लगभग 1 वर्ष पूर्व अज्ञात चोरों ने दानपात्र तोड़ कर चोरी कर ली इसी के बाद लकड़ी के दानपात्र को हटाकर लोहे के दानपात्र लगाए गए लेकिन चोरों ने उसे भी नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि अब से पूर्व भी उक्त मंदिर से भगवान की पीतल की मूर्तियां आदि चोरी होती रही है। मंदिर में कोई सीसीटीवी कैमरा आदि नहीं होने के कारण चोरों की शिनाख्त कर पाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। चोरी की घटना जिस तरीके से अंजाम दी गई इस नजरिए से प्रतीत होता है कि किसी जानकार व्यक्ति ने बाकायदा रेकी करने के बाद चोरी की घटना को दिन में अंजाम दिया। क्योंकि मुख्य द्वार के ताले नहीं टूटे और ना ही चोरी की सनसनीखेज घटना की किसी को भनक लगी।

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