शहीद राजेंद्र सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब,पत्नी को नौकरी देगी सरकार

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देहरादून । गुलमर्ग घाटी में गश्त के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए 11वीं गढ़वाल रायफल्स के शहीद जवान राजेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शव बुध्वार रात करीब पौने आठ बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। इस दौरान एयरपोर्ट पर शहीद के पिता रतन सिंह नेगी, भाई कुंदन सिंह नेगी और दिनेश नेगी भी मौजूद थे। जम्मू से विशेष विमान से लाए गए शहीद के पार्थिव शव को गढ़ी कैंट स्थित सेना अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। आज सुबह साढ़े सात बजे शहीद का पार्थिव शरीर एमएच से प्रेमनगर अम्बिवाला स्थित उनके घर लाया गया। जहां शहीद के घरवालों को अंतिम दर्शन कराए गए। इसके बाद पूर्व सैनिकों, सेना के अफसरों व स्थानीय माननीयों ने शहीद को सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शहीद के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को हरिद्वार ले जाया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद के पिता, माता, पत्नी व परिजनों से बातचीत की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि राज्य सरकार शहीद के परिजनों की हर संभव प्रयास करेगी। शहीद सम्मान के अलावा राज्य सरकार शहीद की पत्नी को उनकी योग्यता के आध्र पर सरकारी नौकरी देगी। आज सुबह शहीद के पार्थिव शव को अंतिम दर्शनों के लिए उनके अंबीवाला सैनिक काॅलोनी स्थित आवास लाया गया। वहां सेना व शासन- प्रशासन के अध्किारी और रिश्तेदार शहीद सैनिक को नमन किया। इसके बाद हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ शहीद की अंत्येष्टि की गयी। बता दें कि, बीती आठ जनवरी को अनंतनाग में बर्फ में फिसलने से लापता हुए जवान का शव पांच दिन पहले गुलमर्ग में मिला था। हालांकि, माहभर पहले ही सेना ने जवान को शहीद घोषित कर दिया था। शहीद का शव बर्फ पिघलने के बाद मिला। बताया गया कि श्रीनगर स्थित सेना के अस्पताल में कोविड-19 की प्रक्रिया के चलते शहीद जवान के पार्थिव शव को लाने में कुछ देरी हुई है। आज शहीद को श्रद्धांजलि देने वालों में सीएम समेत डीआईजी अरुण मोहन जोशी, डीएम आशीष श्रीवास्तव, एसपी सिटी श्वेता चैबे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और चकराता से विध्यक प्रीतम सिंह सहित हजारों लोग शामिल थे।

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