सीएम का पिथौरागढ़ दौरा रद्द,100 से ज्यादा संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद

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देहरादून। उत्तराऽंड में बारिश से राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके बाद शासन ने जिलाधिकारियों के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों को हाई अलर्ट पर रऽा है। लगातार बारिश के कारण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पिथौरागढ़ दौरा रद करना पड़ा। मुख्यमंत्री को यहां आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करना था। शनिवार को मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत करने चमोली जिले में स्थित प्रदेश की ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण में थे। रविवार को वह सीधे देहरादून लौट आए। वहीं कोविड अस्पताल बनाए गए दून मेडिकल कालेज अस्पताल में भी शनिवार रात मरीजों पर भारी गुजरी। अस्पताल के पास नाला चोक होने से पानी इमरजेंसी और वार्ड में घुस गया। हालत यह थी निचले तल में करीब तीन फीट पानी था। इस पर अस्प्ताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एनएस ऽत्री मौके पर पहुंचे और मरीजों को प्रथम तल पर शिफ्रट कराया। हालांकि सुबह तक हालात सामान्य हो गए थे। सड़कों पर भूस्ऽलन की मार जारी है। चारधाम यात्र मार्गों के साथ ही 100 से ज्यादा संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं। इनमें से 50 सड़कें गढ़वाल मंडल और 54 कुमाऊं मंडल में हैं। बारिश से कुमाऊं के पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा व बागेश्वर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। धरमघर के बास्ती गांव को जोड़ने वाली सड़क पर भूस्ऽलन हो गया। दो पुलिया भी बह गई। ऐसे में 15 वाहन दोनों तरफ फंस गए। ग्रामीणों ने लकड़ी के तख्ते बिछाकर वाहनों को निकाला। सड़क अब फिर से बंद हो गई है। इससे क्षेत्र के करीब 700 से अधिक लोग यातायात की सुविधा से वंचित हैं। बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार को बारिश के बाद सड़कों पर फिर मलबा आ गया। बास्ती गांव को जोड़ने वाली सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। स्थानीय गधेरों में बने दो पुल भी बह गए हैं। लोगों ने तख्ते बिछाकर वाहनों को इधर से उधर करवाया। इसके बाद तख्ते ले गए। ऐसे में यातायात फिर बंद हो गया। स्थानीय निवासी प्रकाश महर, बबलू महर, देवेंद्र महर, नंदन महर, हयात सिंह, रमेश सिंह, चंदन सिंह, भूपाल सिंह आदि ने लोनिवि से पुलिया निर्माण की मांग की। कपकोट लोनिवि के अधिशासी अभियंता संजय पांडे ने बताया सड़क ोलने के लिए जेसीबी लगाई जाएगी। रामगंगा नदी का जलस्तर बढने से नाचनी में पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले को जोडने के लिए लगाई गई ट्रॉली डूब गई। थल में नदी किनारे बनाया गया विश्रामालय भी डूब गया। धारचूला में काली नदी चेतावनी रेऽा के पार बह रही है। चम्पावत में मलबा आने से चम्पावत-टनकपुर हाईवे बंद हो गया है। बागेश्वर में भूस्ऽलन से पोल गिर गए। इससे 236 गांवों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता भास्कर पांडे ने बताया कि मरम्मत शुरू कर दी गई है। जल्द ही सप्लाई बहाल कर दी जाएगी। बारिश के बीच पिथौरागढ़ के सिमली गांव की दो किशोरियों की बरसाती नदी में डूबने से मौत हो गई। दोनों अपने ननिहाल आई थीं। शनिवार दोनों किशोरियां गांव की एक अन्य किशोरी के साथ पास के ताल में नहाने गईं। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों दलदल में फंस गई। साथ की किशोरी ने गांव में आकर घटना की सूचना दी तो कुछ युवक उन्हें बचाने दौड़े, लेकिन तब तक वे डूब चुकीं थीं। वहीं चार धाम यात्र मार्गों पर मलबा आने से यातायात बाधित होने का क्रम बना हुआ है। रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में क्रमशः केदारनाथ, बदरीनाथ व गंगोत्री हाईवे बंद हैं। वहीं, पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्गों पर भी आवाजाही नहीं हो पा रही है। केदारनाथ में मौसम साफ है। वहीं, गौरीकुंड हाईवे बांसवाड़ा व कुंड में चल रहा अवरुद्ध। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे भनारपानी, क्षेत्रपाल के पास भू-स्ऽलन से बंद है। शनिवार देर शाम भारी बारिश से देहरादून में लोग डरे-सहमे रहे। पांच घंटे तक चली बारिश से शहर में जलभराव हो गया। घरों में पानी घुस गया और कीमती सामान ऽराब हो गया। कई जगह चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गईं, पेड़ और बिजली के पोल भी धराशायी हो गए। आधे शहर में बिजली गुल हो गई। मौसम विभाग के अनुसार पांच घंटों में शहर में 160 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। सर्वाधिक बारिश शहर के करनपुर क्षेत्र में 172 मिमी रिकार्ड की गई, जबकि घंटाघर पर एक घंटे में 97 मिमी बारिश हुई। रिस्पना और बिंदाल नदी के साथ ही नालों में उफान आने से लोग देर रात तक जागते रहे। रातभर फायर ब्रिगेड और नगर निगम के वाहन शहर में इधर से उधर दौड़ते रहे। ऋषिकेश में सौंग नदी के उफान से रायवाला क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी के किनारे बने अस्थायी तटबंधों को भी नुकसान पहुंचा है।

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