क्रैश प्लेन का ब्लैक बॉक्स बरामद,डीजीसीए ने भी दी थी चेतावनी
नई दिल्ली/कोझिकोड। केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है और 127 लोग घायल हैं। एयर इंडिया का विमान शुक्रवार शाम को कोझिकोड हवाई पट्टðी से फिसल कर ऽाई में गिर गया और दो हिस्सों में टूट गया। कोझिकोड एयरपोर्ट पर रेस्क्यू ऑपरेशन ऽत्म हो गया है और घायलों का अस्पलात में इलाज चल रहा है। 1। कोझिकोड हवाई अîóे पर एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों की जांच करने गई नागर विमानन महानिदेशालय की एक टीम ने विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। ब्लैक बॉक्स फ्रलाइट डेटा के अलावा पायलटों के बीच हुई बातचीत और साथ ही साथ उनके और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर के बीच हुए संवाद को रिकॉर्ड करता है। नागर विमानन महानिदेशालय के अधिकारी ने बताया कि क्रैश विमान से डिजिटल फ्रलाइट डेटा रिकॉर्डर बरामद किया गया है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर प्राप्त करने के लिए फ्रलोरबोर्ड को काटा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन दिल्ली से कोझिकोड पहुंच चुके हैं। उन्होंने ट्वीट करके बताया कि कालीकट हवाई अîóे पर दुर्घटना स्थल का दौरा किया। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों ने जानकारी दी कि दुर्घटना कैसे हुई थी। दुर्घटना के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने के लिए जांच जारी है। सभी यात्रियों को मानवीय सहायता देने के लिए दिल्ली और मुंबई से दो विशेष राहत उड़ानों की व्यवस्था की गई है। आपातकालीन प्रतिक्रिया निदेशक कालीकट (कोझिकोड), मुंबई, दिल्ली और दुबई की एजेंसियों के संपर्क में है।केरल में कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार शाम हादसे का शिकार हो गया जिसमें दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई। केरल में शुक्रवार को तेज बारिश हो रही थी। वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से कोझिकोड आ रहा विमान रनवे पर फिसल गया। विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय ने पहले ही कोझिकोड एयरपोर्ट के रनवे को लेकर चेतावनी दी थी कि वहां कभी भी हादसा हो सकता है। डीजीसीए ने हाल फिलहाल में भी सवाल उठाए थे कि रनवे पर ऐसी स्थिति है कि कहीं पानी भर सकता है तो कहीं रबर जमा हो सकती है, जो हादसे की वजह बन सकती है। नागरिक उîóयन महानिदेशालय ने 2019 में एयरपोर्ट अथॉरिटी को कालीकट एयरपोर्ट को लेकर नोटिस दिया था। वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी के सूत्रें ने बताया कि डीजीसीए की तरफ से सभी सवालों पर ध्यान दिया जा रहा है और हम सभी मसलों को हल करेंगे।बता दें कि ऑपरेशन के लिहाज से कोझिकोड का एयरपोर्ट ऽतरनाक माना जाता है। ये एक टेबल टॉप रन वे है। इसका मतलब ये है कि रनवे थोड़ी ऊंचाई पर है और दोनों तरफ की जमीन गहरी है। रनवे जरूरत के लिहाज से छोटा भी है और ऽत्म होते ही करीब 30 फुट गहरी घाटी भी है। इसके अलावा रनवे के दोनों ओर की पट्टिðयां भी संकरी हैं, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की स्थिति में मुश्किल आती है। इन सारी कमियों के बावजूद अभी तक एयरपोर्ट पर हमेशा की तरह उड़ानें जारी थीं। कोझिकोड एयरपोर्ट की तरह देश के कुछ और हवाई अîóों का भी ऐसा ऽतरनाक डिजाइन है, जिसे टेबलटॉप रनवे कहा जाता है। इनमें मेंगलुरु का एयरपोर्ट और मिजोरम का लेंगपुई एयरपोर्ट शामिल हैं। मेंगलुरु एयरपोर्ट पर भी साल 2010 में इसी तरह का भीषण हादसा हो चुका है, जिसमें 158 लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद भी एक्सपर्ट्स ने सलाह दी थी कि सभी टेबलटॉप रनवे पर लैंडिंग के लिए ऽास प्रशिक्षण की जरूरत है। शुक्रवार रात कोझिकोड पर उतरने वाली फ्रलाइट के दोनों पायलट अनुभवी थे, लेकिन फिर भी ये अनहोनी हो गई। एविएशन एक्सपर्ट प्रफुल्ल बख्शी ने श्आजतकश् से बातचीत में बताया, मेंगलुरु विमान क्रैश के दौरान वो वहां गए थे। उन्होंने कहा कि टेबलटॉप रनवे में दोनों तरफ ऽाई होती है जो पहाड़ी इलाकों में स्थित होते हैं। अगर ग्राउंड पूरा न हो तो एयरक्राफ्रट के ऽाई में गिरने की आशंका रहती है। प्रफुल्ल बख्शी ने बताया कि उस समय कहा गया था कि ऽराब मौसम के समय विमान को लैंडिंग के बजाय डायवर्ट कर देना चाहिए। एयरफोर्स में एक अथॉरिटी है जो ये बताती है। लेकिन सवाल है कि सिविल में ये अथॉरिटी है या नहीं। पायलट ने एक बार कोशिश की। ऽराब मौसम के कारण उसने अपना रनवे चेंज किया। फिलहाल ब्लैक बॉक्स आदि की जांच के बाद पता चलेगा कि चूक कहां हुई। लेकिन अभी लग रहा है कि विमान ने लैंड किया और रनवे पर रुक नहीं पाया और ये हादसा हो गया। पायलट ने पूरी कोशिश की होगी। अब मामले की जांच एयर इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो करेगा। वहीं विंग कमांड रोहित बेरी ने बताया कि हादसे की कोई एक वजह नहीं होती है। कई वजहें होती हैं। कोझिकोड का रनवे छोटा है। बाकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की रनवे की लंबाई 4 हजार मीटर होती है। दिल्ली और बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट की लंबाई 4 हजार मीटर के करीब है।