राममय हुए भारतवासी, पीएम मोदी ने रखी भव्य राम मंदिर की आधारशिला

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अयोध्या(दर्पण ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव रख दी है। पीएम मोदी ने मंदिर की नींव खोदने के लिए चांदी के फावड़े का इस्तेमाल किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नींव की ईंट पर सीमेंट लगाने के लिए चांदी की कन्नी का इस्तेमाल किया। रामलला को हरे और भगवा रंग के वस्त्र पहनाए गए । रामलला के वस्त्र मखमल के कपड़े से बने हैं। इन वस्त्रों पर 9 तरह के रत्नों को लगाया गया है। पीएम मोदी के भूमि पूजन करने के साथ ही पूरा देश ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा। पीएम मोदी ने इससे पहले रामलला के दर्शन किए और उनके चरणों में शीश नवाया। इसके बाद पीएम मोदी ने पंडाल में बैठकर भूमि पूजन किया। इस दौरान सभी मौजूद पंडित भूमि पूजन के लिए मंत्र उचारण करते रहे। खास बात है कि भूमिपूजन उस जगह पर किया जा गया, जहां रामलला विराजमान थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ शिलाओं को रखकर राम जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखी। इस ऐतिहासिक पल के गवाह करीब 150 साधु-संत बने। पीएम मोदी के साथ इस दौरान यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास भी बैठे थे। राम जन्मभूमि पहुंचने से पहले पीएम मोदी हनुमानगढ़ी मंदिर गए, जहां उन्होंने सीएम योगी के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर में आरती की और परिक्रमा भी लगाई। पीएम मोदी ने इस दौरान माथा भी टेका और कुछ पैसे भी दान पेटी में डाले। पीएम मोदी करीब दस मिनट तक मंदिर परिसर में रहे। इसके बाद पीएम मोदी राम जन्मभूमि के लिए रवाना हो गए। बता दें कि पीएम मोदी सुबह करीब 10.30 बजे दिल्ली से वायुसेना के विमान से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। इसके बाद पीएम मोदी लखनऊ पहुंचे और फिर पीएम मोदी हैलीकाॅप्टर से 11.30 बजे अयोध्या पहुंचे। अयोध्या पहुंचकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इस दौरान कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल भी रखा गया। भूमि पूजन के मौके पर पीएम मोदी ने राम भत्तफों को इस पवित्र अवसर पर बधाई भी दीं। पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर का भूमि पूजन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है। पूरा देश रोमांचित है। पीएम मोदी ने कहा, आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है। सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भत्तफों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई।श्श् उन्होंने कहा, श्श्ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। मैं इसके लिए हृदय पूर्वक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यत्तफ करता हूं। पीएम मोदी ने आगे कहा, बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुत्तफ हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। मोदी ने कहा, हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो। राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। भगवान राम की अद्भुत शत्तिफ देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। मोदी ने कहा, श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शत्तिफ का भी प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडने का उपक्रम है। ये विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का, नर को नारायण से जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का, वर्तमान को अतीत से जोड़ने का और स्वं को संस्कार से जोड़ने का महोत्सव है। पीएम मोदी ने कहा आज का ये दिन करोड़ों रामभत्तफों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। उन्होंने कहा आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है। ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। मोदी ने कहा, देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टðी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शत्तिफ बन गई हैं। वाकई ये न भूतो न भविष्यति है। श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बु(ि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है। श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना। इसलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं।मोदी ने कहा, श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया था। उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी और वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया। यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। जय सिया राम के उदघोष के साथ मोदी ने अपना सम्बोधन समाप्त किया।

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